अमरावती/प्रतिनिधि दि.१० – क्यूआर कोड स्कॅन किये जाने पर धोखाधड़ी होकर अपने खाते से पूरे पैसे निकाल लिये जा सकते हैं. शहर व जिले में ऐसे धोखाधड़ी के मामले उजागर हुए हैं. जिसके चलते किसी के व्दारा क्यूआर कोड भेजने पर बिल्कुल स्कॅन न करें. ऐसा आवाहन साइबर पुलिस ने किया है.
क्यू आर कोड यानि क्विक रिस्पॉन्स कोड. यह इलेक्ट्रॉनिक्स की दुनिया में तेज गति से काम करने का एक सुकर मार्ग है. इस कोड को हम पढ़ नहीं सकते. पढ़ने के लिए एक विशेष डिव्हाईस आवश्यक है या तो कोड डिव्हाईस में स्थापित स्कॅनर की सहायता से पढ़ सकते हैं. क्यूआर को पहले ऑटोमोटिव्ह उद्योग में दाखल किया जाता था. लेकिन आज उसकी व्याप्ति विस्तृत है. ऐसे कोई भी क्षेत्र शेष नहीं कि जहां पर उसका उपयोग नहीं होता. मात्र, उसके अत्यधिक इस्तेमाल से धोखाधड़ी की घटनाओं में बढ़ोत्तरी हुई है.
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ऐसे हो सकती है धोखाधड़ी
– क्यूआर कोड मोबाईल पेमेंट्स ऑफ पॉईंट ऑफ सेल (पीओएस) के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है. कोरोना कालावधि में दूध की खरीदी करने से ल ेकर रेशनिंग तक और ऑटो रिक्शा किराया देने तक लोग क्यूआर कोड स्कॅन इस्तेमाल करते हैं. अमरावीत के एक युवक की क्यूआर कोड स्कॅन कर धोखाधड़ी की गई.
-क्यूआर कोड स्कॅन होते ही वॉलेट या बैंक अॅप से पैसे काटे जाते हैं. इसी तरीके के अवलंबन कर धोखाधड़री की गई. लॉटरी लगने का आमिष दिखाया गया. कोड स्कॅन करते ही बैंक खाते से रकम काटी गई.
-एक संकेत स्थल से पुरानी दुपहिया का व्यवहार किया गया. ऑनलाईन पैसे भेजने की सूचना की. क्यूआर कोड भेजकर पहले 10 रुपए भेजने के लिये कहा गया. पश्चात दूसरा क्यूआर कोड भेजा गया. ठहराई गई रकम के दोगुना पैसों की कटौती हुई.
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इन बातों का रखे ध्यान
क्यूआर कोड स्कॅन कर व्यवहार करते समय एरर आने पर व्यवहार न करें. स्कॅन करते समय सामने के यूजर का यूआरएल न दिये जाने पर सावधान रहे. कोड स्कॅन करने के बाद दूकान अथवा व्यक्ति की बजाय दूसरा नाम हो तो सावधानी बरते. क्यूआर कोड स्कॅन करने वाले मोबाइल में रिअल टाईम प्रोटक्शन ले. अपरिचित व्यक्ति से आये क्यूआर कोड स्कॅन न करें. पैसे लेने के लिये क्यूआर कोड स्कॅन करे की आवश्यकता नहीं. इस बात का ध्यान रखे.