अमरावती

पांव में मिट्टी चिपकने तक न करें बुआई

कृषि विभाग ने किसानों को दी सलाह

* 80 से 100 मिमी बारिश होने तक रुकने कहा
अमरावती/दि.24- मौसम में आए बदलाव की वजह से मानसून के आगमन में थोडा विलंब हो गया है और अब तक झमाझम बारिश नहीं हो पायी है. हालांकि इस समय बंगाल के उपसागर की ओर से आने वाली हवाओं के चलते बारिश होने की संभावना बढी है और 25 व 26 जून को हल्के व मध्यम स्तर की बारिश हो सकती है. परंतु इस बारिश के भरोसे खरीफ फसलों की बुआई शुुरु करने की जल्दबाजी किसानों ने नहीं करनी चाहिए, ऐसी सलाह श्री शिवाजी कृषि महाविद्यालय के मौसम विज्ञानी प्रा. अनिल बंड तथा कृषि विभाग द्बारा दी गई है. साथ ही यह भी बताया गया है कि, जब तक 80 से 100 मिमी पानी न बरस जाए और खेतों की मिट्टी पांव में चिपकनी न शुरु हो, तब तक बुआई शुरु करने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए.
उल्लेखनीय है कि, विगत एक-दो दिनों के दौरान हुई हल्की-फूल्की बारिश की वजह से तापमान में काफी हद तक कमी आयी है तथा भीषण गर्मी और असहनीय उमस से छूटकारा मिला है. आसमान पर काले घने बादल का जमावडा देखकर किसानों में बारिश को लेकर आशाए पल्लवित हुई है. जिसके चलते बाजार में खाद और बीज की खरीददारी के लिए किसानों की भीडभाड बढ गई है. इसमें भी सोयाबीन के दो वाणों की मांग बढ जाने के चलते कृषि विभाग ने उपलब्ध स्टॉक का राशनिंग करना शुरु किया है. जिसके तहत किसानों को सोयाबीन बीजों की दो बैग दी जा रही है. वहीं कुछ स्थानों पर भीडभाड न हो, इस बात के मद्देनजर बीज केंद्रों पर कृषि सहायक व पुलिस को भी तैनात किया गया है, ऐसी जानकारी जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी राहुल सातपुते द्बारा दी गई है.

* कम पानी में जल्द उगने वाली फसल जरुरी
कृषि विभाग द्बारा जारी की गई सलाह में जहां एक ओर किसानों से बुआई के लिए जल्दबाजी नहीं करने कहा गया है. वहीं यह भी बताया गया है कि, जल्द उगने वाली और कम पानी में भी टिकी रहने वाली फसलों का बुआई के लिए चयन किया जाए तथा धूल बुआई न की जाए. बुआई करते समय सामान्य की बजाय 20 फीसद अधिक बीजों का प्रयोग किया जाए. साथ ही पूरे खेत में एक ही फसल लेने की बजाय आंतरफसल पद्धति का प्रयोग किया जाए.

* आयुक्तालय स्तर पर 24 बाय 7 नियंत्रण कक्ष
किसानों को किसी भी तरह की दिक्कत का सामना न करना पडे. इस हेतु आयुक्तालय स्तर पर 24 बॉय 7 नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है. जहां किसानों द्बारा 1800-233-4000 हेल्पलाइन क्रमांक पर संपर्क किया जा सकता है.

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