अमरावती

अवांछित बच्चे कहीं पर भी न फेंके, हमें जानकारी दें

लावारिस छोडने की बजाय पालन-पोषण के लिए देने का आवाहन

समाज व संबंधित कर सकते है प्रशासन से संपर्क
अमरावती-/दि.26  यदि बिना चाहे गर्भधारणा हो गई और किसी कारणवश गर्भपात भी नहीं कराया जा सका, ऐसी स्थिति में पैदा होनेवाले बच्चे का क्या किया जाये, इस बात पर विचार करते हुए कई बार ऐसे बच्चों को कहीं पर भी लावारिस छोड दिया जाता है. लेकिन ऐसा करने की बजाय इस तरह के बच्चों को सुरक्षित पालन-पोषण के लिए प्रशासन के जिम्मे सौंपा जा सकता है और प्रशासन द्वारा कई सामाजिक संस्थाओं व समितियों के सहयोग से ऐसे बच्चों का पालन-पोषण करवाया जाता है. अत: प्रशासन ने आवाहन जारी करते हुए कहा है कि, अगर किसी के भी यहां कोई अनचाहा बच्चा जन्म लेता है, तो उसे इधर-उधर यूं ही लावारिस फेंकने की बजाय उसकी जानकारी प्रशासन को दी जाये और प्रशासन द्वारा संबंधितों की पहचान को पूरी तरह से गुप्त रखते हुए ऐसे बच्चों को पालन-पोषण हेतु स्वीकार किया जायेगा.
बता दें कि, जिले में महिला व बालविकास विभाग, बाल कल्याण समिती व चाईल्ड लाईन सहित पुलिस एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा नवजात बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर रखने का काम किया जाता है. विगत कुछ वर्षों के दौरान शहर सहित जिले में सार्वजनिक एवं सुनसान स्थानों पर नवजात बच्चे लावारिस पडे पाये जाने के मामले बढ गये है. ऐसे मामलों में पुलिस द्वारा अपराध भी दर्ज किया जाता है और बच्चे को लावारिस फेंकनेवालों की तलाश भी की जाती है.

हर एक को है जीवन जीने का अधिकार
चूंकि हर एक को जीवन जीने का पूरा अधिकार है. ऐसे में अगर किसी बच्चे का जन्म चाहे-अनचाहे होता है और संबंधित व्यक्ति उस बच्चे का पालन-पोषण करने में किसी भी वजह के चलते असमर्थ है, तो उन्होंने इसकी जानकारी तुरंत ही चाईल्ड लाईन क्रमांक 1098 तथा पुलिस विभाग को देनी चाहिए. जिसके बाद उक्त नवजात बच्चे के पालन-पोषण और उसके सुरक्षित निवास की व्यवस्था पुलिस व चाईल्ड लाईन द्वारा करवाई जाती है. साथ ही बच्चा देनेवाले लोगोें के नाम भी गुप्त रखे जाते है.
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जिन्हें किसी कारणवश अपना बच्चा नहीं चाहिए, वे बच्चे को किसी भी सार्वजनिक या सुनसान स्थान पर लावारिस न छोडे. बल्कि बच्चे को जिला बाल संरक्षण कार्यालय के पास कानूनी रूप से सौंप दें. ऐसे मामलों में बच्चा देनेवालों की जानकारी को पूरी तरह से गुप्त रखा जाता है. साथ ही ऐसे बच्चों को देखरेख में पालन-पोषण के लिए बालकल्याण समिती के सुपुर्द किया जाता है.
– अजय डबले, बाल संरक्षण अधिकारी

यहां करें संपर्क
चाईल्ड लाईन संस्था – 1098 क्रमांक पर जानकारी देने के बाद चाईल्ड लाईन संस्था द्वारा बालकल्याण समिती के साथ संपर्क कर आगे की प्रक्रिया व कार्रवाई को पूर्ण किया जाता है. साथ ही ऐसे बच्चों के पालन-पोषण का जिम्मा भी उठाया जाता है.
पुलिस – शहर सहित जिले में कई नवजात बच्चे इससे पहले जीवित एवं मृत अवस्था में पाये जा चुके है. जिन्हें लेकर अज्ञात महिलाओं व नवप्रसूता माताओं के खिलाफ इससे पहले अपराध भी दर्ज किये गये है. साथ ही ऐसे कई मामलों की जांच भी चल रही है.
महिला हेल्पलाईन – लावारिस बच्चा पाये जाने पर महिला हेल्पलाईन को भी इसकी जानकारी दी जा सकती है. जानकारी मिलने के बाद हेल्प लाईन के सदस्य पुलिस के सहयोग से बच्चे को अपने कब्जे में लेकर आगे की कानूनी प्रक्रिया को पूर्ण करते है.
बालकल्याण समिती – जिला स्तर पर काम करनेवाली बालकल्याण समिती को जानकारी देने पर समिती के पथक संबंधित स्थान पर पहुंचता है और इस पथक द्वारा नवजात बच्चे को अपने कब्जे में लिया जाता है.
पुलिस भरोसा सेल – प्रत्येक पुलिस थाने में भरोसा सेल की स्थापना की गई है. इस सेल के पास भी ऐसे मामलोें को लेकर जानकारी दी जा सकती है.

समिती रखती है बच्चों का ध्यान
कहीं पर भी लावारिस पाये जानेवाले बच्चों को जीवित बरामद कर लेने के बाद महिला व बालकल्याण समिती द्वारा ऐसे बच्चों के पालन-पोषण व संरक्षण की ओर ध्यान दिया जाता है. ऐसे में यदि जाने-अनजाने गर्भधारणा हो गई है और किसी कारणवश गर्भपात नहीं करवाया जा सका हो, तो ऐसे मामलों में जन्म लेनेवाले बच्चों को इधर-उधर लावारिस छोडने की बजाय उन्हें पालन-पोषण हेतु बालकल्याण समिती के सुपुर्द किया जाना चाहिए.

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