क्या शराब पीकर कोई वाहन ही नहीं चलाता?
ड्रंक एण्ड ड्राइव के तहत कार्रवाई की संख्या नगण्य
अमरावती/दि.31– विगत दिनों पुणे में घटित घटना की वजह से नाबालिगों सहित कई लोगों द्वारा शराब पीकर लापरवाही के साथ वाहन चलाये जाने का मुद्दा प्रकाश में आया. साथ ही अमरावती में भी हिट एण्ड रन का मामला उजागर हुआ. ऐसी घटनाओं को टालने और रोकने हेतु अमरावती शहर यातायात पुलिस द्वारा ड्रंक एण्ड ड्राइव अभियान चलाया जाता है. परंतु ऐसे अभियानों के तहत की जाने वाली कार्रवाईयों की संख्या बेहद नगण्य है. जिसे देखते हुए कहा जा सकता है कि, शायद अमरावती में लोगबाग शराब पीकर वाहन ही नहीं चलाते और शायद अमरावती शहर में नाबालिगों द्वारा शराब ही नहीं पी जाती, तो शराब पीकर वाहन चलाने का सवाल ही नहीं उठता.
* 5 माह में केवल 40 लोगों पर कार्रवाई
शहर यातायात पुलिस ने 1 जनवरी 2024 से 26 मई 2024 के दौरान शराब पीकर वाहन चलाने के मामले में केवल 40 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की. जिसमें से फरवरी और अप्रैल माह के दौरान ऐसी एक भी कार्रवाई नहीं हुई. वहीं जनवरी माह के दौरान केवल 6 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज हुए. इसके अलावा मार्च माह में 12 व मई माह में 22 वाहन चालकों को ड्रंक एण्ड ड्राइव अभियान के तहत पकडा गया. इसमें भी यह विशेष उल्लेखनीय है कि, जारी मई माह के दौरान ही पुणे में पोर्शे कार हादसा घटित हुआ. जिसके चलते अमरावती शहर पुलिस ने भी ड्रंक एण्ड ड्राइव अभियान को लेकर कुछ हद तक गंभीरता दिखाई है.
* क्या कार्रवाई होती है?
शराब पीकर वाहन चलाते हुए पकडे जाने पर मोटर वाहन अधिनियम की धारा 185 यानि शराब या मादक पदार्थों के नशे में वाहन चलाने शिर्ष अंतर्गत दंडात्मक कार्रवाई की जाती है. 100 मिली लीटर रक्त में अल्कोहोल यानि मध्यार्क का प्रमाण 30 मिली ग्राम से अधिक पाये जाने पर ऐसी स्थिति में वाहन चलाना कानूनन अपराध होता है. ऐसी स्थिति में पहली बार पकडे जाने पर 2 हजार रुपए दंड या 6 माह की कैद अथवा दोनों सजाएं हो सकती है.
* किस माह में कितनी कार्रवाई?
महिना कार्रवाई
जनवरी 06
फरवरी 00
मार्च 12
अप्रैल 00
मई 22
शहर यातायात पुलिस द्वारा शहर में लगातार ही ड्रंक एण्ड ड्राइव अभियान चलाया जाता है और शराब पीकर वाहन चलाने वाले लोगों के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई भी की जाती है.