अमरावती

शहर की सड़को पर ‘कुत्ता राज’

विभिन्न चौक चौराहो पर आवारा कुत्तों के झूंड

 सड़क से गुजरनेवाले वाहनों का करते है पीछा
रात के समय सड़को से गुजरना हुआ खतरनाक

अमरावती/दि.१३- सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार अब आवारा कुत्तों को जान से नहीं मारा जा सकता. वहीं अब मनपा के पशु वैद्यकीय विभाग द्वारा भी शहर की सड़को पर आवारा घूमनेवाले कुत्तों का निर्बिजीकरण नहीं किया जा रहा. इसकी वजह से शहर के सभी इलाको में अब आवारा कुत्तों की संख्या काफी अधिक बढ़ गई है और विभिन्न चौक चौराहों पर ‘कुत्ता राज’ कायम हो गया है. जिसकी वजह से अब आम नागरिको का शहर की सड़को पर घूमना दुभर हो चला है. क्योंकि झुंड बनाकर घूमते इन आवारा कुत्तों द्वारा सड़कों से गुजरनेवाले दुपहिया व चारपहिया वाहनों का पीछा किया जाता है. जिससे कभी भी कोई हादसा घटित हो सकता है. साथ ही सड़कों से पैदल गुजरनेवाले नागरिको को भी आवारा कुत्तों के झुंड द्वारा घेर लिया जाता है. अब तक शहर में श्वान दंश की अनेको घटनाएं भी घटित हो चुकी है.
मिली जानकारी के मुताबिक जारी वर्ष में जनवरी से अगस्त माह तक ८ माह के दौरान २३८ लोगों को कुत्तों द्वारा काटा गया. शहर की सड़कों पर झुंड बनाकर घूमते आवारा कुत्तों द्वारा विशेषकर रात के समय सड़को से गुजरनेवाले लोगों पर धावा बोला जाता है. ऐसे में अब रात के समय अपने घरों से बाहर निकलनेवाले लोगों को चोर उच्चको का नहीं बल्कि आवारा कुत्तों का डर है. अत: नागरिको द्वारा मनपा प्रशासन से मांग की जा रही है कि शहर के लगभग सभी गली मोहल्लों व चौक चौराहों में अपना राज कायम कर चुके आवारा कुत्तों का जल्द से जल्द बंदोबस्त किया जाए.

 इन इलाकों में है सर्वाधिक खतरा

शहर के चपरासीपुरा, वडाली, राहुलनगर, कांग्रेसनगर रोड, कंवरनगर रोड, दस्तुरनगर चौक, यशोदानगर, विद्यापीठ चौक, गाडगेनगर, राधानगर, रामपुरी कैम्प तथा बडनेरा की नई बस्ती व जुनी बस्ती जैसे इलाकों में आवारा कुत्तों की संख्या बेतहाशा बढ गई है. इन इलाको में कुत्तों का झुंड कब किस पर धावा बोलेगा, इसका कोई अंदाजा नहीं होता. अत: इन इलाकों में विशेष तौर पर रात के समय लोगों को काफी सावधानियां बरतनी होती है.

 नसबंदी पर हुआ लाखों का खर्च गया पानी में

अमरावती महानगरपालिका द्वारा चार वर्ष पहले कुत्तों का निर्बिजीकरण करने का अभियान शुरू किया गया था. जिस पर लाखों रूपयों का खर्च भी हुआ. किंतु बाद में इस अभियान को न्यायालयीन प्रक्रिया के चलते रोक दिया गया. ऐसे में इस काम पर हुआ लाखों रूपयों का खर्च पानी में चला गया. इसके साथ ही कुत्तों का निर्बिजीकरण करनेवाले दो एनजीओ को उनके देयक अदा नहीं किए गये. जिसके चलते उन्होंने मनपा प्रशासन के खिलाफ कोर्ट में गुहार लगाई है.

 एंटी रैबिज वैक्सीन की भी कमी

पता चला है कि अमरावती व बडनेरा में स्थित मनपा दवाखानों में एंटी रैबिज का इंजेक्शन भी उपलब्ध नहीं है. विगत ८ माह के दौरान २३८ लोगों को कुत्तों द्वारा काटे जाने के बावजूद भी मनपा प्रशासन द्वारा इस ओर गंभीरतापूर्वक ध्यान नहीं दिया जा रहा.

सरकार के निर्णयानुसार आवारा कुत्तों को पकड़ने हेतु मनपा द्वारा पथक गठित किया गया है. कोई भी शिकायत मिलने पर इस पथक द्वारा तुरंत संबंधित परिसर में पहुंचकर आवारा कुत्तों को पकडा जाता है. इस समय निर्बिजीकरण अभियान बंद है. वहीं बारिश के मौसम में जून से अक्तूबर माह के दौरान कुत्तों का समागम काल होता है. जिसकी वजह से इन दिनों कुत्ते झुंड बनाकर घूमते है.
– डॉ. सचिन बोंद्रे, पशु वैद्यकीय अधिकारी, मनपा

 श्वान दंश की महिना निहाय घटनाएं

महिना         श्वान दंश
जनवरी         १८
फरवरी         १२
मार्च            १९
अप्रैल          २३
मई             २२
जून            ४९
जुलाई         ५५
अगस्त        ६८

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