* ढाई लाख विद्यार्थियों को शैक्षणिक भविष्य होगा प्रभावित
* नागपुर, पुणे, जलगांव विद्यापीठ में एनसीक्यू तर्ज पर होगी परीक्षा
* कई विद्यार्थी संगठनाओं ने दी तीव्र आंदोलन की चेतावनी
अमरावती/ दि.30– कोरोना काल में 95 प्रतिशत विद्यार्थियों का नियमित लेक्चर नहीं हो पाया. ऑनलाइन पढाई के बाद अमरावती विद्यापीठ ऑफलाइन तरीके से परीक्षा लेने की तैयार कर रही है. यह विद्यार्थियों के साथ दोगला व्यवहार है. इससे ढाई लाख विद्यार्थियों का शैक्षणिक भविष्य प्रभावित होगा. जबकि इसी महाराष्ट्र राज्य के नागपुर, पुणे और जलगांव जिले के विद्यापीठ में एनसीक्यू पध्दति से परीक्षा ली जाएगी. इसी तर्ज पर अमरावती में भी परीक्षा लेना चाहिए, ऐसी मांग को लेकर कई विद्यार्थी संगठनाओं ने तीव्र आंदोलन का रुख अपनाया हैं.
विद्याद्यार्थियों के अनुसार अमरावती विद्यापीठ अंतर्गत आने वाले सभी महाविद्यालय के विद्यार्थियों पर विपरित परिणाम होगा. जिस तरह नागपुर, जलगांव, पुणे विद्यापीठ ने एनसीक्यू याने ऑनलाइन तरीके से विद्यार्थियों की परीक्षा लेने का निर्णय लिया है. इसी तर्ज पर अमरावती के विद्यापीठ में परीक्षा लेना चाहिए, एक ही राज्य के विद्यापीठों में अलग-अलग नियम चलाए जा रहे है. शिक्षामंत्री उदय सामंत ने परीक्षा के बारे में विद्यापीठ के कुलगुरु पर फैसला छोडा है, मगर अमरावती विद्यापीठ के कुलगुरु ने गलत निर्णय लेकर विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड किया है. जो विद्यार्थियों को रेग्युलर लेक्चर नहीं दिया गया, ऑनलाइन पढाई के बाद जिन्हें ऑफलाइन पढाई या परीक्षा की जानकारी नहीं वे ऑफलाइन परीक्षा दे सकते है, ऐसा प्रश्न उपस्थित करते हुए विद्यार्थियों ने नियमित लेक्चर न लेने वाले महाविद्यालयों की मान्यता रद्द करें, ऐसी मांग करते हुए एमसीक्यू की तर्ज पर परीक्षा ले, अन्यथा तीव्र आंदोलन छोडा जाएगा, ऐसी चेतावनी भी विद्यार्थियों की विभिन्न संगठनाओं व्दारा दी गई है.