अमरावती

कुत्तों को भी होता है उष्माघात का खतरा

अमरावती/दि.30– जिस तरह से इन्सानों को बढते तापमान और गरमी की वजह से तकलीफें होनी शुरू होती है, उसी तरह जानवरों को भी गर्मी की तकलीफे होकर उष्माघात होने का खतरा होता है. इसमें भी कुत्तों को बढते तापमान की वजह से होनेवाली तकलीफों का प्रमाण कुछ अधिक होता है और उन्हें उलटी, दस्त व डिहाईड्रेशन जैसी समस्याओें का सामना करना पड सकता है. इस समय अमरावती के सरकारी पशु चिकित्सालय व पशु संवर्धन अस्पताल में रोजाना 80 से 100 पालतु कुत्तों को लेकर उनकी मालिक उनका इलाज करवाने हेतु लेकर पहुंच रहे है.

* रोज 100 की ओपीडी
इन दिनों कुत्तों को उष्णता की तकलीफ होने लगी है. जिसकी वजह से उनमें विभिन्न तरह की बीमारियों के लक्षण दिखाई देने लगे है. ऐसे में रोजाना 80 से 100 पालतु कुत्तों को इलाज हेतु पशु चिकित्सालय लाया जा रहा है.

* अस्पताल में कई पद है रिक्त
जिला पशु चिकित्सालय में पशु चिकित्सकों के कई पद रिक्त रहने के चलते यहां पर इलाज हेतु लाये जानेवाले प्राणियों की पूरी देखभाल नहीं हो पाती, ऐसा कई पशुपालकों का कहना है.

* डॉगी के साथ ही मालिक भी त्रस्त
लगातार बढती गर्मी की वजह से डॉगी के साथ-साथ उनके मालिक भी त्रस्त हो गये है. जिसके तहत जहां बढती गर्मी के चलते श्वानप्रेमी व्यक्ति खुद हलाकान है. वहीं अपने प्यारे डॉगी के स्वास्थ्य की चिंता भी उनकी परेशानी को बढा रही है.

* गर्मी के साथ ही अन्य संक्रामक रोग भी
कुत्तों सहित सभी जानवरों में गर्मी के मौसम दौरान कई बीमारियों के लक्षण देखे जाते है. जिनमें कई संक्रामक बीमारियों का भी समावेश होता है. साथ ही साथ गर्मी के मौसम दौरान कुत्तों में उष्माघात होने का खतरा भी होता है.

* सुविधा भरपूर, पर तकनीशियन नहीं
जिला पशु चिकित्सालय में विभिन्न पालतु जानवरों व मवेशियों के इलाज हेतु विविध तरह की सुविधाएं व मशीनें उपलब्ध कराई गई है. किंतु इन मशीनों को चलानेवाले तकनीशियनों के कई पद रिक्त पडे रहने की वजह से इनका कोई फायदा नहीं हो रहा. जिसके चलते पशुपालकों में काफी हद तक नाराजगी देखी जा रही है.

* गर्मी में पालतु जानवरों का ध्यान रखना जरूरी
तेज गर्मी से जानवरों को बचाने हेतु उन्हें छांव में रखा जाना चाहिए. साथ ही उनके पीने हेतु पानी की भरपुर व्यवस्था करनी चाहिए. इसके अलावा जानवरोें के रहनेवाले स्थान पर तापमान कम रखने के लिए भी तमाम आवश्यक प्रयास किये जाने चाहिए.

* घबराये नहीं
इस समय गर्मी का प्रमाण काफी अधिक है. ऐसे में जानवरों की ओर काफी ध्यान देना जरूरी है. गर्मी के मौसम में कुत्ते अपनी जीभ के जरिये अपने शरीर के तापमान को नियंत्रित करते है. जिसकी वजह से उनके मुंह से लगातार लार टपकती रहती है. इसे लेकर बिल्कुल भी घबराना नहीं चाहिए.
– डॉ. देवराव हटकर
पशुधन विकास अधिकारी, औषधी विभाग

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