कोविड-19 से डरें नहीं, बल्कि ज्यादा सतर्क रहें
जिलाधीश व निगमायुक्त सहित कोरोना योध्दा डॉक्टरों की सलाह
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तमाम व्यवस्थाएं है परिपूर्ण, बेवजह घबराने की जरूरत नहीं
अमरावती/दि.19 – इस समय चारों ओर कोविड वायरस के संक्रमण से ज्यादा इससे जूडी खबरों की वजह से भय का काफी अधिक माहौल है. आये दिन इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया में कोविड-19 वायरस के संक्रमण को लेकर आंकडों के जरिये कुछ अधिक भयावह तस्वीर पेश की जा रही है. किंतु इस बात की बडे साफ तरीके से अनदेखी हो रही है कि, जिस तेजी से लोग कोविड संक्रमित पाये जा रहे है, उसी तेजी से मरीज कोविड मुक्त भी हो रहे है. विगत एक वर्ष के दौरान अकेले अमरावती जिले में कुछ 56 हजार 672 कोविड संक्रमित मरीज पाये जा चुके है. जिसमें से अब तक 50 हजार 405 यानी करीब 90 फीसद मरीज कोविड मुक्त होकर कोविड अस्पतालों से अपने-अपने घर लौट चुके है. हालांकि इस दौरान अमरावती जिले के 777 मरीजों की मौत हुई है. जिसका सभी को बेहद अफसोस है. किंतु इस बात की अनदेखी नहीं की जा सकती कि मरनेवालों में 60 वर्ष से अधिक आयुगुट के मल्टीपल डिसीज यानी बहुविध बीमारियों से पीडित मरीजों का प्रमाण अधिक रहा. साथ ही कुल संक्रमित मरीजों की तुलना में संक्रमण की वजह से होनेवाली मौतों का प्रतिशत केवल 1.37 फीसदी है. यदि इसे अमरावती जिले की जनसंख्या के साथ तोला जाये तो यह कुल जनसंख्या के अनुपात में महज 0.02 फीसद है.
कोविड संक्रमण की वजह से मृत हुए सभी व्यक्तियों और उनके परिजनों के प्रति पूरी संवेदना रखते हुए इस खबर के माध्यम से हम यह संदेश देना चाहते है कि, इस वक्त हम सभी को कोविड वायरस के संक्रमण को लेकर विभिन्न माध्यमों के जरिये जितना अधिक डराया जा रहा है और संक्रमण सहित मौतों व अव्यवस्था को लेकर जो भयावह तस्वीर पेश की जा रही है, उन सब के बीच इस तथ्य की अनदेखी हो रही है कि, अब तक कोविड संक्रमण की चपेट में आये अधिकांश या कहे कि लगभग 90 फीसदी मरीज कोविड मुक्त हो चुके है. ऐसे में हमें लगता है कि, बेवजह खडे किये जा रहे हौवे के चलते इस बीमारी से डरने की बजाय इस बीमारी को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है. जरूरत इस बात की है कि, अव्वल तो हम सभी इस बीमारी की चपेट में आने से खुद को बचाये. जिसके लिए हम सभी को केवल अपने-अपने चेहरों पर कपडे से बने सामान्य मास्क का प्रयोग करना है और बिना वजह अपने घरों से बाहर निकलने से बचना है. यदि हम इतना भी कर पाये, तो इस संक्रामक महामारी से बच सकते है. वहीं यदि खुद में इस बीमारी के लक्षण दिखाई देते है, तो बिना घबराये अपनी कोविड टेस्ट करवानी है और अगर खुदा ना खास्ता रिपोर्ट पॉजीटीव आती है, तो बेझिझक किसी भी कोविड अस्पताल में भरती होकर अपना इलाज करवाना है. कोविड रिपोर्ट पॉजीटीव आने के बाद डॉक्टरों पर खुद को होम आयसोलेट करने को लेकर दबाव नहीं बनाना है, क्योंकि आप की वजह से आपके परिवार की जिंदगी खतरे में पड सकती है.
इस विषय को लेकर दैनिक अमरावती मंडल ने विगत एक वर्ष से कोविड संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों सहित अमरावती के जिलाधीश शैलेश नवाल व मनपा के आयुक्त प्रशांत रोडे सहित आयएमए पदाधिकारियों से विशेष तौर पर बातचीत की.
प्रशासन अपना काम कर रहा, नागरिक भी सहयोग दें
इस समय अमरावती जिले में कोविड की संक्रामक महामारी को नियंत्रित करने हेतु जिला प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य महकमे के साथ मिलकर तमाम जरूरी प्रयास किये जा रहे है. साथ ही इन दिनों सभी नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए ही सरकार की ओर से संचारबंदी लागू की गई है. ऐसे में अब सभी नागरिकों की जिम्मेदारी बनती है कि, वे इन नियमों का पालन करे और प्रशासन के साथ सहयोग करे. जिस रफ्तार से कोविड संक्रमित मरीज पाये जा रहे है, उससे कई गुना अधिक व्यवस्थाएं प्रशासन द्वारा पहले से तैयार करके रखी गयी है. किंतु व्यवस्थाएं करने की भी अपनी एक सीमा है और कहीं न कहीं संसाधन कम पडने ही वाले है. ऐसे में बेहद जरूरी है कि, लोगबाग कोविड संक्रमण की चेन को तोडने के लिए स्वयंस्फूर्त रूप से कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों का पालन करें.
– शैलेश नवाल
जिलाधीश, अमरावती
पंचसूत्री नियमों का पालन जरूरी
इस समय यद्यपि कोविड संक्रमण की वजह से होनेवाली मौतों की दर काफी कम है. ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है. किंतु कोविड संक्रमित मरीज बडी संख्या में पाये जा रहे है, जो अपने आप में काफी चिंताजनक स्थिति है. अत: बेहद जरूरी है कि, सभी लोग कोविड संक्रमण की चेन को तोडने के लिए पंचसूत्री के नियमों का पालन करें. साथ ही सरकार व प्रशासन की ओर से जारी दिशानिर्देशों को लेकर बिल्कूल भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए.
– डॉ. श्यामसुंदर निकम
जिला शल्य चिकित्सक, अमरावती
संक्रमण की दूसरी लहर से निपटना बेहद जरूरी
फरवरी व मार्च माह के दौरान कोरोना की दूसरी लहर का जो उच्चतम स्तर देखा गया, उसे स्थानीय प्रशासन द्वारा अपने स्तर पर नियंत्रित करने का प्रयास किया गया. किंतु मार्च माह के अंत में हालात एक बार फिर अनियंत्रित होते दिखाई दिये. जिसकी वजह से सरकार को ‘ब्रेक द चेन’ अभियान शुरू करते हुए संचारबंदी लागू करनी पडी. लेकिन लोग अब भी इस संकट को गंभीरता से लेने तैयार नहीं है और आज भी शहर में कई जगह पर भीडभाड देखी जा रही है, जो पूरी तरह गलत है. अत: सभी नागरिकों को चाहिए कि, वे मौजूदा खतरे को समझे और कोविड संक्रमण की दूसरी लहर को खत्म करने हेतु प्रशासन के साथ पूरा सहयोग करें, अन्यथा यह सिलसिला ऐसे ही चलता रहेगा.
– प्रशांत रोडे,
आयुक्त, अमरावती मनपा
संक्रमण से बचे रहना ही सबसे बेहतर
विगत एक वर्ष के दौरान सुपर कोविड अस्पताल में हम कोरोना से संक्रमित हजारों मरीजों का इलाज कर चुके है और हमने हर एक की जिंदगी को बचाने का पूरा प्रयास भी किया. इसके तहत हम 90 प्रतिशत से अधिक मरीजों को कोविड मुक्त कर पाये. किंतु कई मरीजों की इस दौरान जान गयी. जिसका हमें अफसोस है. विगत एक वर्ष के अनुभव को देखते हुए यहीं कहा जा सकता है कि, फिलहाल हर किसी ने मास्क व सोशल डिस्टंसिंग जैसे नियमों का पालन करने के साथ ही कोविड टीकाकरण जरूर करवाना चाहिए, क्योंकि फिलहाल इस बीमारी के संक्रमण से बचे रहना ही सबसे बेहतर उपाय है. वहीं अगर कोई व्यक्ति इस संक्रमण की चपेट में आता है, तो तुरंत अपनी स्वास्थ्य जांच करवाये और रिपोर्ट पॉजीटीव आने पर बिना किसी डर या झिझक के अपना इलाज करवाये.
– डॉ. रवि भूषण
इंचार्ज, सुपर कोविड हॉस्पिटल
एप्रोप्रिएट बिहेवियर है बेहद जरूरी
इस समय कोविड संक्रमण का खतरा चारों ओर समसमान रूप से मौजूद है. साथ ही खतरा दिनोंदिन बढता भी जा रहा है. ऐसे में इस खतरे को कम करने और कोविड संक्रमण की चेन को तोडने के लिए सभी लोगों द्वारा एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन करना बेहद जरूरी है. इस एप्रोप्रिएट बिहेवियर में कोविड त्रिसूत्रीय नियमों का बेहद कडाई के साथ पालन किया जाना चाहिए. अमरावती में प्रशासन द्वारा इस बीमारी से संक्रमित लोगोें को इलाज व स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु बेहतरीन प्रबंध किये गये है और बेड व दवाईयां समूचित मात्रा में उपलब्ध है. अत: चिंता की कोई बात नहीं, किंतु जरूरी यह है कि, अब हर कोई अपनी जीवनशैली व आदतों में कुछ बदलाव करें, ताकि इस बीमारी के संक्रमण को नियंत्रित किया जा सके.
– डॉ. ए. टी. देशमुख
डीन, पीडीएमसी
नये स्वरूप का वायरस पैदा कर रहा नई चुनौतियां
इस समय कोविड वायरस के डबल म्युटंट स्ट्रेन का संक्रमण फैल रहा है. वायरस का यह नया स्वरूप बहुत तेजी से फैलता है. यद्यपि इसका संक्रमण पुराने वायरस की तरह खतरनाक और जानलेवा नहीं होता, किंतु यह बडी तेजी से लोगों को अपनी चपेट में लेता है. यहीं वजह है कि, इन दिनों परिवार के परिवार कोविड संक्रमण की चपेट में आ रहे है. ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि, हर कोई सरकार व प्रशासन की ओर से जारी निर्देशों एवं प्रतिबंधात्मक नियमों का कडाई से पालन करे. इसके साथ ही यह भी जरूरी है कि, बेड और दवाईयों के अभाव को लेकर भी लोगबाग अपने दिमाग में किसी तरह का वहम या डर ना रखे.
– डॉ. प्रफुल्ल कडू
रिम्स् कोविड अस्पताल
हिम्मत और एकजूटता के साथ काम लेना जरूरी
इस समय हम सभी को हिम्मत और एकजूटता के साथ काम करते हुए कोविड वायरस के संक्रमण की चेन को तोडने के लिए प्रयास करना जरूरी है. हर कोई अपने दिमाग से इस बीमारी से जुडे तमाम तरह के डर और वहम को निकाल दें तथा बीमारी के संक्रमण से खुद को और अपने परिवार को बचाने हेतु त्रिसूत्री नियमों का कडाई से पालन करे. यदि किसी व्यक्ति की कोविड टेस्ट रिपोर्ट पॉजीटीव आती है, तो उन्हें बिल्कूल भी घबराना नहीं चाहिए. इस समय करीब 85 फीसदी लोग ऐसे है, जो कोविड संक्रमित होने के बाद अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता के चलते खुद ही कोविड मुक्त हो गये और उन्हें इसका पता भी नहीं चला. केवल 15 फीसदी लोग ही कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता की वजह से लाक्षणिक तौर पर कोविड संक्रमित हुए और उन्हें अस्पताल में भरती करना पडा. इसमें भी अधिक आयुवर्गवाले लोगोें की संख्या अधिक रही. अत: हर किसी ने पौष्टिक आहार लेने के साथ ही अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाना चाहिए. साथ ही कोरोना से बचे रहने हेतु त्रिसूत्री नियमों का पालन करना चाहिए.
– डॉ. सोहेल बारी
बेस्ट हॉस्पिटल
अमरावती में हालात तुलनात्मक रूप से बेहतर
इस समय हमारे आसपास के जिलों तथा राज्य के अन्य हिस्सों में जिस तरह के हालात है, उसकी तुलना के हिसाब से हमारे यहां काफी बेहतर स्थिति है. हमारे यहां जिला प्रशासन द्वारा समय रहते तमाम आवश्यक कदम उठाये गये और शहर सहित जिले में सरकारी व निजी कोविड अस्पतालों के जरिये हर तरह की व्यवस्था की गई. ऐसे में संक्रमण की चपेट में आनेवाले किसी भी व्यक्ति को डरने या घबराने की जरूरत नहीं है. साथ ही सबसे जरूरी यह है कि, हर कोई प्रतिबंधात्मक नियमों का पालन करते हुए कोविड संक्रमण की चपेट में आने से बचे, तभी इस संक्रमण की चेन को तोडा जा सकेगा.
– डॉ. अरूण हरवाणी
झेनिथ हॉस्पिटल (महेश भवन)
बिना घबराये जल्द जांच व इलाज करवाना जरूरी
इस समय जिस कोविड वायरस का संक्रमण चल रहा है, वह नये स्वरूप का है और इसके लक्षण वर्ष 2020 वाले कोविड वायरस से बिल्कूल अलग है. इस वायरस के संक्रमण की रफ्तार काफी तेज है और कुछ मरीजों में इसके लक्षण बेहद तीव्र होते है. ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि, अव्वल तो हर कोई खुद को इस बीमारी के संक्रमण की चपेट में आने से बचाये. किंतु यदि लक्षण दिखाई देते है, तो तुरंत जांच करवाये और रिपोर्ट पॉजीटीव आने पर बिना घबराये इलाज भी करवाये. अन्यथा इस वायरस के संक्रमण का परिणाम भयावह भी हो सकता है. साथ ही संक्रमित व्यक्ति द्वारा लापरवाही बरते जाने पर उसका पूरा परिवार भी उसकी वजह से संंक्रमण की चपेट में आ सकता है.
– डॉ. रोहित चोरडिया
महावीर हॉस्पिटल
डर पर काबू रखते हुए सकारात्मकता के साथ चले
इस समय हर ओर कोविड वायरस के संक्रमण को लेकर कई तरह की बातें और खबरे चल रही है. जिसकी वजह से लोगों में भय और घबराहट का आलम है. ऐसे समय यह बेहद जरूरी है कि, हर कोई अपने डर पर काबू रखे और नकारात्मक विचारों को झटककर सकारात्मकता के साथ काम करें, क्योेंकि सकारात्मक विचारशैली के साथ ही हम इस बीमारी का सफलतापूर्वक सामना कर सकते है. हर कोई इस बीमारी से बचने हेतु प्रशासन की ओर से जारी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए प्रशासन के साथ सहयोग करें, तभी इस बीमारी के संक्रमण की चेन को तोडा जा सकता है.
– डॉ. दिनेश ठाकरे (पैथॉलॉजीस्ट)
अध्यक्ष, आयएमए अमरावती
घबराने की बजाय शांत चित्त रहकर समस्या का सामना करें
इस वक्त लगभग हर कोई कोविड वायरस के संक्रमण को लेकर काफी घबराया हुआ है. ऐसे में बेहद जरूरी है कि, डरने या घबराने की बजाय हम सभी लोग शांत चित्त रहकर इस समस्या का सामना करें और इसके समाधान का हिस्सा बने. अमरावती के लिए यह काफी राहतवाली बात है कि, यहां के जिलाधीश शैलेश नवाल व जिला शल्य चिकित्सक डॉ. श्यामसुंदर निकम सहित प्रशासन एवं स्वास्थ्य महकमे से जुडे सभी लोग इस महामारी से लोगों को बचाने हेतु दिन-रात जुटे हुए है और तमाम आवश्यक प्रयास कर रहे है. यहीं वजह है कि, अमरावती में मृत्यु दर अन्य जिलों व राज्यों की तुलना में बेहद कम है तथा रिकवरी रेट काफी अधिक है.
– डॉ. संदीप दानखडे (बालरोग विशेषज्ञ)
सचिव, आयएमए अमरावती.
हर कोई अपनी जिम्मेदारी को समझे
यद्यपि इस खबर के जरिये हमने यह संदेश देने का प्रयास किया कि, जिस तेजी से लोगबाग कोविड संक्रमण की चपेट में आ रहे है, उसी तेजी से मरीज कोविड मुक्त भी हो रहे है, लेकिन इस खबर का मकसद लोगों को इस संक्रामक महामारी के खतरे को लेकर लापरवाह करना नहीं, बल्कि और अधिक सजग व सतर्क करना है. बता दें कि, गत रोज रविवार 18 अप्रैल को भी 596 लोगोें की कोविड टेस्ट रिपोर्ट पॉजीटीव आयी है. इसके साथ ही अमरावती जिले में कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या 56 हजार 670 हो गयी है. वहीं कल कुल 22 संक्रमितों की अमरावती के कोविड अस्पतालों में मौत हुई. जिसमें 14 स्थानीय व 8 बाहरी जिलों के मरीज थे. अब तक अमरावती जिले में कुल 777 लोग कोविड संक्रमण की वजह से दम तोड चुके है. जारी अप्रैल माह के दौरान ही 18 दिनों में 7 हजार 937 नये संक्रमित मरीज पाये जा चुके है और 108 संक्रमितों की मौत हुई है. वहीं 1 जनवरी से अब तक यानी 108 दिनों में 36 हजार 892 नये संक्रमित मरीज पाये जा चुके है. जिनमें से 381 संक्रमितों की मौत हो चुकी है. ऐसे में इस बीमारी को हलके में तो नहीं लिया जा सकता, लेकिन सतर्क और सजग रहकर इस बीमारी से बचा जरूर जा सकता है. आप सभी सतर्क और सजग रहकर स्वस्थ एवं सुरक्षित रहेंगे, ऐसी उम्मीद की जा सकती है. लॉकडाउन व संचारबंदी के नियमों का पालन करें और अपने जिम्मेदार नागरिक होने का परिचय दें.