अमरावती

ब्रेस्ट कैंसर की न करें अनदेखी, गांठ निकालना है आसान

अमरावती/दि.13– महिलाओं में दिनोंदिन बे्रस्ट कैंसर का प्रमाण बढता ही जा रहा है. बदलती जीवनशैली, मोटापा, बच्चे को स्तनपान नहीं कराना तथा अधिक आयु में बच्चे की पैदाइश होना जैसी वजहों के चलते बे्रस्ट कैंसर हो सकता है. जिसकी ओर समय रहते ध्यान नहीं दिए जाने पर स्नत या ब्रेस्ट को निकालने का खतरा रहता है. ऐसे में बे्रस्ट कैंसर के लक्षण दिखाई देते ही समय रहते स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलकर सलाह लेना महिलाओं के लिए फायदेमंद रहता है.

* बे्रस्ट कैंसर के लक्षण
बे्रस्ट यानि स्नत में गांठ आना, रक्तस्त्राव होना, पानी निकलना, दर्द होना और कभी-कभी किसी भी तरह की वेदना न होते हुए केवल गांठ आना जैसे लक्षण दिखाई देते है.

* बे्रस्ट कैंसर का प्रमाण बढा
इससे पहले 40 से 45 वर्ष आयु गुट वाली महिलाओं में ही बे्रस्ट कैंसर के लक्षण दिखाई दिया करते थे. परंतु बदलती जीवनशैली की वजह से अब 25 वर्ष की आयु वाली महिलाओं व युवतियों में भी बे्रस्ट कैंसर के लक्षण दिखाई देने लगे है.

* क्या सतर्कता जरुरी?
जीवनशैली में बदलाव आवश्यक है. बाहर का खाना-पीना टालते हुए पौष्टिक व सदृढ आहार लेना चाहिए, नियमित व्यायाम करना चाहिए तथा नवप्रसूता महिलाओं द्वारा अपने बच्चों को समूचित स्तनपान करवाया जाना चाहिए.

* अब ब्रेस्ट नहीं, बल्कि गांठ निकाली जाती है
बे्रस्ट कैंसर की गांठ का निदान होने पश्चात तत्काल उपचार शुरु करवाए जाने पर संपूर्ण ब्रेस्ट तो नहीं निकाला जाता, बल्कि केवल कैंसर की गांठ को शल्यक्रिया के जरिए निकाला जाता है. साथ ही यदि पूर्ण रुप से ब्रेस्ट को निकालने की जरुरत पडती है, तो प्लास्टिक सर्जरी जैसा इलाज भी अब सहज उपलब्ध है.

* महिलाओं में कैंसर का प्रमाण विगत कुछ वर्षों के दौरान काफी अधिक बढ गया है. यदि समय रहते इसका इलाज करवाया जाता है, तो इसे 100 फीसद दुरुस्त करते हुए इस पर मात करना संभव होता है. कई बार ब्रेस्ट को निकालने की जरुरत भी नहीं पडती. बल्कि बेहद आसानी के साथ कैंसर की गांठ को निकाल दिया जाता है. ऐसे में बे्रस्ट कैंसर के लक्षण दिखाई देने पर तत्काल ही विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह लेनी चाहिए.
– डॉ. अमितकुमार बगडिया,
कैंसर सर्जन

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