अमरावती

बेतुकी बयानबाजी न करें पालकमंत्री ठाकुर

पूर्व मंत्री डॉ. अनिल बोंडे ने दी सलाह

अमरावती/दि.11 – विगत 5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में अक्षम्य गलतियां करने के बावजूद भी पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी बेतुकी बयानबाजी कर रहे हैं. उनकी मजबूरी को एक बार के लिए समझा भी जा सकता है. किंतु महाराष्ट्र जैसे सुसंस्कृत राज्य में अमरावती की पालकमंत्री यशोमति ठाकुर भी बेसिर-पैर का वक्तव्य देने में पीछे नहीं है, जो अशोभनीय है. ऐसे में पालकमंत्री यशोमति ठाकुर को चाहिए कि, वे चन्नी जैसे नेताओं का अनुकरण ना करे और कोई भी बेतुका वक्तव्य ना दें, इस आशय की सलाह राज्य के पूर्व कृषि मंत्री तथा भाजपा के नेता डॉ. अनिल बोंडेे द्वारा दी गई है.
यहां जारी प्रेस विज्ञप्ती में पूर्व मंत्री डॉ. अनिल बोंडे ने कहा कि, 5 जनवरी की घटना को लेकर पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 56 इंच की छाती का उल्लेख किया. किंतु उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि, 56 इंच की छाती की हिम्मत होने पर ही मोदी ने धारा 370 हटाई, तीन तलाक का कानून रद्द किया, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरु किया तथा काशी विश्वनाथ का कॉरिडोर देश को दे सके. इतना ही नहीं तो कोरोना काल में 80 करोड जनता को मुफ्त राशन दिलवाया, 150 करोड मुफ्त टीके लगवाये, किसानों के खाते में 1 लाख 80 हजार करोड रुपये जमा करवा सके. ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में घरकुल, शौचालय, जलजीवन मिशन व्दारा जलापूर्ति, राष्ट्रीय महामार्ग, सडक निर्माण का उद्घाटन करने का अवसर भी 56 इंच की छाती के कारण ही मिला. पाकिस्तान व चीन को सबक सिखाने का काम भी 56 इंच के छाती वाले प्रधानमंत्री ने ही कर दिखाया, पूर्व कृषि मंत्री डॉ. अनिल बोंडे ने कहा कि, पालकमंत्री यशोमति ठाकुर शायद कांग्रेस के काल में देश को भ्रष्टाचार व्दारा लुटे जाने की बात भूल गई. अभी भी तीन दलों की सरकार ने सामूहिक रुप से जनता को लूटने का कार्य निरंतर जारी है. इसलिए गृहमंत्री जेल गए तथा अनेक मंत्री इस मार्ग पर है. इसी के तहत बहुत जल्द महाराष्ट्र में महिला बाल विकास पोषण आहार का 1300 करोड का घोटाला पालकमंत्री ठाकुर को भी घेरने वाला है. अत: बेहतर रहेगा कि, भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे लोगों द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की 56 इंची छाती का एक्सरे ना निकाला जाये. डॉ. बोेंडे के मुताबिक यशोमति ठाकुर ने राजीव गांधी की हत्या का उल्लेख किया. सुरक्षा यंत्रणा की परवाह न करने की गलती राजीव गांधी ने की. इंदिरा गांधी ने भी सुरक्षा यंत्रणा की सलाह नहीं मानी और फलस्वरुप दो दबंग व्यक्तियों को गंवाना पडा. इसलिए इसी प्रकार की गलतियां जानबूझकर करना अर्थात 56 इंच की हिम्मत है क्या? ऐसा प्रश्न भी डॉ. बोंडे ने पालकमंत्री ठाकुर सेे किया है.

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