सायबर खतरे से बचने के लिए संदेह करना जरुरी
अमरावती विद्यापीठ के वेब व्याख्यान में मोहिनी मोडक ने दी सुरक्षा टिप्स
प्रतिनिधि/दि.२३
अमरावती-सायबर अपराध का शिकार सामान्य लोग ही होते है. हालांकि अब इस दौर में अनुभवी लोगों को भी धोखाधडी के जाल में फंसाने की तकनीक विकसित हुई है. इसलिए संदेह करना यह सायबर के अलावा सोशल मीडिया के जरीए होने वाली धोखाधडी से बचने का एकमात्र जरीया है. इस आशय का मनोगत आयटी व्यवसायिक, स्तंभकार मोहिनी मोडक ने व्यक्त किए. वे संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ के वर्चुअल सी फोर द्वारा आयोजित वेब व्याख्यान माला में बोल रही थी. सायबर सुरक्षा, सर्तकता और उपाय यह उनकी व्याख्यान का विषय था. बेटर टू बी सेफ देन सॉरी यह आनलाइन सुरक्षा टिप्स मोडक ने दी. अकांउट लागआउट न करते हुए निकल जाना किसी को भी अनदेशा हो ऐसा पासवर्ड रखना, भरोसेमंद नहीं रहने वाली एप में फेसबुक द्वारा लागइन करना यानि हैकिंग को न्यौता देना है. महिलाओं ने पति अथवा बच्चों के नाम से जो सरल पासवर्ड रखा जाता है वह बदलने की आदत डालनी चाहिए. ललचाने वाली साईटस से दूरी बनानी चाहिए. मोबाइल अप में मनोरंजन के तौर पर बिजी रहना घातक साबित हो सकता है. प्लेस्टोर में जाकर रेटिंग चेक किया जाए, एंटर इंस्टाल से पूर्व कम से कम चार स्टार होने पर ही अगला कदम उठाने का आहवान उन्होंने किया. उन्होंने बताया कि लेखिका कविता महाजन ने इसी परेशानी के विरोध में खुली भूमिका लेते हुए शिकायत कर जीत हासिल की थी. सोशल मीडिया पर मोबाइल नंबर खुला करना यानि चोरी को न्यौता देना है. फेसबुक पर स्वयं का फोटो चिपकाकर कम जानकारी देने वाले अंजान फेंड रिक्वेस्ट की जांच पडताल किए बगैर स्वीकार न किए जाए, प्रास्ताविक व आभार विद्यापीठ के डॉ. प्रणव कोलते ने किया.
इन सुरक्षा टिप्स का करेें उपयोग
वॉटसअप की टू स्टेप वेरिफिकेशन जांच कर देखे.
ऑटोलागिंग टालकर पासवर्ड कंपोज करने की आदत डाले.
पासवर्ड लगातार बदलते रहे.
ओटीपी शेयर नहीं करने का संकल्प लें.
वेबसाइट के पहले एचटीटीपीएस नहीं होने पर आर्थिक व्यवहार न करें.
इसमें भी आखिरी एस महत्वपूर्ण होता है.
सोशल मीडिया का समित उपयोग करें.
पूरी सत्ययता जांच पडताल करने के बाद ही कोई भी पोस्ट फारवर्ड करें.
गलती होने पर शिकायत करने में हिचकिचाए नहीं.
धोखाधडी न हो पाए ऐस जिडिटल ज्ञान प्राप्त कर स्मार्ट यूजर बना जाए.