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प्रभाग रचना को लेकर संदेह और भी गहराया

3 या 4 सदस्यीय प्रणाली को लेकर बना हुआ है संभ्रम

* सरकारी आदेश में सुस्पष्टता नहीं
* सोमवार को हो सकता है कोई अंतिम फैसला
* इच्छूकों में चुनाव को लेकर बढी बेचैनी
अमरावती/दि.25 – स्थानीय महानगरपालिका के सदन का कार्यकाल खत्म हुए. अब धीरे-धीरे 1 वर्ष का समय पूरा होने जा रहा है. किंतु अब तक मनपा के अगले चुनाव को लेकर कहीं कोई आसार दिखाई नहीं दे रहे. क्योंकि मामला 3 सदस्यीय व 4 सदस्यीय प्रभाग पद्धति के चक्कर में अटका हुआ है. जिसकी वजह से चुनाव लडने के इच्छूकों में चुनाव का इंतजार करते-करते बेचैनी बढने लगी है. जहां एक ओर राज्य सरकार ने 2 दिन पहले सभी महानगरपालिकाओं को पत्र जारी कर प्रभाग रचना तैयार करने के निर्देश जारी किये है. जिसके चलते मनपा प्रशासन द्बारा अपनी तैयारी शुरु कर दी गई है. लेकिन सरकारी आदेश में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि, एक प्रभाग कितने सदस्यीय होगा. ऐसे में मामला वहीं के वहीं अटका पडा है. वहीं दूसरी ओर सोमवार 28 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में इसी मामले को लेकर सुनवाई होने वाली है. अगर इस दिन सुप्रीम कोर्ट द्बारा कोई ठोस फौसला सुनाने की बजाय एक बार फिर तारीख दे दी जाती है. तब प्रभाग की सदस्य संख्या के साथ-साथ फरवरी माह में चुनाव करवाना अधर में लटक जाएगा.
बता दें कि, वर्ष 2017 में अमरावती मनपा का चुनाव 4 सदस्यीय प्रभाग पद्धति के तहत लिया गया था और उस समय मनपा की सदस्य संख्या 87 थी. पश्चात राज्य की सत्ता मेें आई महाविकास आघाडी की सरकार ने मंत्रिमंडल की बैठक मेें हितकारी स्वायत्त निकायों की सदस्य संख्या बढाने के साथ ही महानगरपालिका के चुनाव 3 सदस्यीय प्रभाग पद्धति के जरिए करवाने का निर्णय लिया था. जिसे लेकर जारी आदेश के चलते स्थानीय मनपा ने प्रभाग रचना तैयार कर इस पर आपत्ति व आक्षेप की सुनवाई करते हुए अंतिम प्रभाग रचना तैयार कर ली थी. साथ ही आरक्षण का ड्रा भी निकाला गया था. वहीं इससे पहले मनपा का कार्यकाल खत्म होने से पूर्व विगत वर्ष नवंबर से फरवरी माह के दौरान 4 सदस्यीय प्रभाग पद्धति को ध्यान में रखकर भी पूरी प्रक्रिया पूर्ण की गई थी और फिर अप्रैल-मई माह के दौरान नये फैसले के चलते 3 सदस्यीय प्रभाग पद्धति के हिसाब से पूरी प्रक्रिया को दोबारा दोहराया गया. किंतु इसके पश्चात जून माह के दौरान राज्य में सत्ता परिवर्तन हो गया और अब सत्ता में आई शिंदे फडणवीस सरकार ने एक बार फिर वर्ष 2017 की व्यवस्था के अनुसार ही मनपा के चुनाव करवाने का निर्णय लिया है. याने मनपा के सदन में सदस्य संख्या पहले की तरह 87 ही रहेगी और मनपा के चुनाव 4 सदस्यीय प्रभाग पद्धति के अनुसार ही कराए जाएंगे.
इसी बीच यह मामला सुप्रीम कोर्ट के पास सुनवाई हेतु पहुंच गया. जहां पर आगामी 28 नवंबर को सुनवाई होनी है. ऐसे में सभी का ध्यान सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई की ओर लगा हुआ है. माना जा रहा है कि, यदि सोमवार 28 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट द्बारा इस मामले में कोई अंतिम फैसला सुनाया जाता है, तो फिर फरवरी माह में मनपा का चुनाव करवाना संभव हो जाएगा. वहीं अगर 28 नवंबर को अंतिम फैसला नहीं आता है और मामले की सुनवाई आगे टलती है, तो उस स्थिति में फरवरी माह के दौरान मनपा का चुनाव करवाना काफी मुश्किल रहेंगा. वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार ने 2 दिन पहले ही राज्य की सभी महानगरपालिकाओं को पत्र जारी करते हुए प्रभाग रचना तैयार करने के निर्देश दिये है. लेकिन यह अब तक तय नहीं है कि, इस बार प्रभाग रचना 3 सदस्यीय होगी या फिर 4 सदस्यीय, ऐसे में मनपा प्रशासन के सामने यह समस्या है कि, वह किस सदस्य संख्या के आधार पर प्रभाग रचना तैयार करने का काम करें. ऐसे में मनपा प्रशासन ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई की ओर नजर लगाए बैठा है.
उधर विगत 1 वर्ष से मनपा का चुनाव किसी ना किसी वजह से आगे टलते रहने के चलते चुनाव लडने के इच्छूकों में काफी हद तक बेचैनी व अस्वस्थता देखी जा रही है. जिनमें इससे पहले मनपा पार्षद रह चुके कई लोगों के साथ-साथ पहली बार चुनाव लडकर मनपा के सदन में पहुंचने की इच्छा रखने वाले लोगों का भी समावेश है. चूंकि मनपा का कार्यकाल विगत 8 मार्च को खत्म हुआ और उससे पहले चुनाव करवाया जाना अपेक्षित और लगभग तय था. ऐसे में चुनाव लडने के इच्छूकों में उस समय ही अपने-अपने स्तर पर तैयारी करनी शुरु कर दी थी. लेकिन तब से लेकर अब तक मामला अधर में लटका हुआ है और चुनाव की तारीखों को लेकर केवल कयासों का दौर जारी है. इससे पहले एक बार उम्मीद बंधी थी कि, संभवत: जुलाई-अगस्त माह के दौरान मनपा के चुनाव होंगे, फिर कहा गया कि, दीपावली से पहले सितंबर-अक्तूबर माह के दौरान चुनाव हो सकते है. इसके बाद खबर सामने आई कि, शायद जारी वर्ष के खत्म होने से पहले नवंबर-दिसंबर माह में चुनाव करवा लिये जाएंगें. परंतु यह सभी संभावनाएं कभी साकार नहीं हुई. वहीं अब यह माना जा रहा है कि, अगले वर्ष फरवरी माह में मनपा के चुनाव हो सकते है. लेकिन ऐसा तभी संभव होगा, जब 28 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट द्बारा अपने सामने चल रहे मामले की सुनवाई को लेकर कोई अंतिम फैसला सुना दिया जाए, अगर 28 नवंबर को ऐसा नहीं हो पाता है और मामले की सुनवाई आगे टलती है, तो फरवरी माह में मनपा के चुनाव होना मुश्किल है. यदि ऐसा होता है, तो अमरावती मनपा में प्रशासक राज को एक वर्ष पूरा हो जाएगा. जबकि नियमानुसार प्रशासक राज लागू होने के बाद 6 माह के भीतर चुनाव करवाया जाना जरुरी होता है. लेकिन प्रभाग पद्धति और सदस्य संख्या को लेकर चल रहे संभ्रम की वजह से मनपा के चुनाव का मसला अधर में लटका पडा है.

* हमारी ओर से तैयारी पूर्ण
राज्य सरकार की ओर से जारी किये गए आदेश के मुताबिक मनपा ने अपनी तरफ से तमाम तैयारियां पूर्ण कर ली है और हम निर्वाचन संबंधित कामों के लिए पूरी तरह से तैयार भी है. इससे पहले एक बार पुरानी सदस्य संख्या को आधार मानकर 4 सदस्यीय प्रभाग पद्धति को लेकर परिसीमन का काम किया गया था और प्रारुप प्रभाग रचना तैयार कर ली गई थी. वहीं इसके बाद नई व वृद्धिंगत सदस्य संख्या को आधार मानकर 3 सदस्यीय प्रभाग पद्धति के हिसाब से परिसीमन करते हुए प्रारुप प्रभाग रचना तय की गई और अंतिम प्रभाग रचना घोषित करने के साथ ही आरक्षण पद्धति के ड्रा तक प्रक्रिया पूर्ण की गई. ऐसे में अब हमे सरकार से प्रभाग पद्धति व सदस्य संख्या को लेकर स्पष्ट निर्देश मिलने का इंतजार है. जिसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरु की जाएगी.
– डॉ. प्रवीण आष्टीकर,
आयुक्त व प्रशासक,
अमरावती मनपा.

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