अमरावती

डीपीसी को नियोजन का फटका, झेडपी को लगा 144 करोड का झटका

निधि खर्च करने दो माह का समय शेष

* नए साल की शुरुआत से आचार संहिता है जारी
अमरावती/ दि.19 – जारी आर्थिक वर्ष खत्म होने में महज सवा दो माह का समय शेष बचा है. इस आर्थिक वर्ष में जिले का मिनी मंत्रालय कही जाती जिला परिषद को जिले के विकास हेतु महत्वपूर्ण समझी जाती है. जिला नियोजन समिति से 350 करोड रुपए के मंजूर प्रारुप के अनुसार 145 करोड रुपए मिलना अपेक्षित था. परंतु 1 करोड 39 लाख 90 हजार रुपए का अपवाद छोडकर जिप को जिला नियोजन से 1 रुपए की भी निधि नहीं मिली है. विशेष उल्लेखनीय है कि, सन 2020-21 के नियोजन में शामिल कई कामों की निधि भी जिला परिषद को उपलब्ध नहीं हुई है. जिसके चलते आर्थिक वर्ष के खत्म होने की कगार पर पहुंचने के बावजूद भी ग्राम विकास के रथ का पहिया रुका पडा है.
उल्लेखनीय है कि, विगत जुलाई माह के दौरान राज्य की सत्ता में आयी शिंदे-फडणवीस सरकार ने जिला नियोजन के कामों पर स्थगिति लगा दी थी. जिसके चलते जिले के अनेकों विकास काम ठप्प पड गए. वहीं इससे पहले कोविड संक्रमण के खतरों की वजह से जिले की विकास निधि में कटौती की गई थी और अब राज्य में हुए सत्ता परिवर्तन का परिणाम जिले के विकास कामों पर पडा है. जिला नियोजन समिति के पदसिध्द अध्यक्ष का जिम्मा पालकमंत्री के पास होता है और इस समय राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अमरावती जिले के पालकमंत्री है. जिनके पास एक से अधिक जिलों की पालकमंत्री पद का जिम्मा है. इसका परिणाम भी जिले के नियोजन पर पड रहा है. सन 2021-22 के आर्थिक वर्ष में जिला नियोजन समिति के जरिये जिला परिषद को करीब 60 फीसद निधि मिली थी. जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्र में कई विकास कार्य किये गए. वहीं सन 2022-23 के आर्थिक वर्ष में जिला नियोजन समिति के करीब 350 करोड रुपए के मंजूर प्रारुप में से अब तक 60 करोड रुपए खर्च हो गए है. साथ ही 210 करोड रुपए के निधि जिला नियोजन विभाग के पास उपलब्ध हुआ है. इसमें से जिला परिषद के 145 करोड रुपए के मंजूर कामों में से केवल 1 करोड 39 लाख 90 हजार रुपए की निधि पशु संवर्धन व जल संधारण विभाग को प्राप्त हुई है. इसके अलावा स्थगिते के चलते जिला परिषद को करीब 144 करोड रुपए की निधि प्राप्त नहीं हो पायी. ऐसे में आर्थिक वर्ष की समाप्ति के लिए केवल दो माह की समयावधि शेष रहने पर स्थगिति व आचार संहिता के चलते ग्राम विकास के काम अटके हुए है. साथ ही साथ इन दो माह के भीतर निधि को खर्च करने की भी चुनौती है.

संभाग के केवल दो जिलों में स्थगिति
राज्य में नई सरकार सत्ता में आने पर 1 अप्रैल 2021 के बाद मंजूर किये गए विकास कामों को सरकार ने स्थगिति दे दी. जो अब भी कायम रहने की जानकारी प्रशासकीय अधिकारियों व्दारा दी गई है. वहीं दूसरी ओर यह चर्चा भी चल रही है कि, अकोला, बुलढाणा व वाशिम इन तीन जिलों में इस स्थगिति को हटा दिया गया है. तथा इस समय केवल अमरावती व यवतमाल इन दो जिलों के विकास कामों को ही स्थगिति लगी हुई है.

वर्ष 2022-23 में जिप की मंजूर निधि (करोड रुपए)
पंचायत विभाग – 16.50
निर्माण विभाग – 60
जलसंवर्धन – 3.50
स्वास्थ्य विभाग – 3
पशुसंवर्धन – 2
शिक्षा – 27
महिला व बालकल्याण – 16

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