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डीपीसी के 200 करोड़ लैप्स होने का अंदेशा

प्रदेश के अन्य जिलों में भी राशि अखर्चित

* संभाग में 1 हजार करोड़ से अधिक रकम
अमरावती/दि.14- जिला नियोजन समिति को विकास कामों के लिए दी गई राशि में से केवल 30 प्रतिशत रकम का चालू वित्त वर्ष में उपयोग हो सका है. जिससे 200 करोड़ से अधिक रकम पड़ी है. राज्य सरकार ने डीपीसी से मंजूर अधिकांश कामों पर रोक लगा देने के कारण ऐसा हुआ है. अधिकृत सूत्रों ने इस आशय की जानकारी दी और बताया कि अब ढाई माह का वक्त बचा है. जिसमें आवंटित रकम से काम करने होंगे अन्यथा राशि लैप्स हो जाने का अंदेशा है. केवल अमरावती नहीं, अपितु पास पड़ोस के अकोला, यवतमाल, वाशिम, बुलढाणा में भी यही स्थिति है. उधर एक जानकारी के अनुसार प्रदेश मेंं डीपीसी के कामों पर नई सरकार द्वारा रोक लगाये जाने से 14 हजार करोड़ में से मात्र 17 प्रतिशत राशि का उपयोग हो सका है. मोटे तौर पर 12 हजार करोड़ से अधिक आवंटित रकम पड़ी है. विकास कामों पर खर्च नहीं हो सकी है.
* बुलढाणा में केवल 10 प्रतिशत खर्च
डीपीसी के लिए मंजूर विकास कामों को करने मोटे तौर पर 200-300 करोड़ की राशि आवंटित हुई थी. जिसमें बुलढाणा में केवल 10 प्रतिशत, वाशिम में 18 प्रतिशत, यवतमाल में 19 प्रतिशत और अकोला में 21 प्रतिशत काम ही डीपीसी फंड से होने की जानकारी है. साफ है कि अमरावती संभाग में ही 1 हजार करोड़ का फंड बगैर ुउपयोग के पड़ा है. वित्त वर्ष आगामी 31 मार्च को पूर्ण हो जाएगा. उससे पहले इस फंड को खर्च करना होगा. जानकारों ने भी कहा कि अनेक जिलों में सत्ता संघर्ष के कारण जिला नियोजन की अपेक्षित राशि का खर्च नहीं हो सका. कालावधि में खर्च न होने पर फंड राज्य सरकार को चले जाने का अंदेशा है. यह भी बताया गया कि अनेक स्थानों पर अनावश्यक कामों पर भी डीपीसी फंड का उपयोग किया गया.
* पालकमंत्री पर जिम्मेदारी
डीपीसी के अध्यक्ष पालकमंत्री होते हैं. ऐसे में फंड आवंटन और नियोजन का अधिकार उनका रहता है. शिंदे-फडणवीस सरकार बनने पश्चात महाविकास आघाड़ी द्वारा अंतिम चरण में मंजूर नियोजन समिति के अनेक कामों पर ब्रेक लगाया गया. उपरांत डीपीसी की बैठकें भी विलंब से हुई. जिसमें मविया के मंजूर कामों की जांच कर और उसमें बदलाव कर मंजूरी दी गई. अनावश्यक ठहराकर कई काम रोक दिए गए. विविध विभागों सहित जन प्रतिनिधियों सेनये विकास कार्य प्रस्ताव मंगवाए गए. उसी समय ग्रामपंचायत चुनाव की आचार संहिता आड़े आ गई. अमरावती संभाग में स्नातक विधान परिषद चुनाव के कारण 4 फरवरी तक आचार संहिता जारी रहेगी. इससे भी फंड लैप्स होने का अंदेशा जताया जा रहा है.

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