
अमरावती/दि.15– डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर विद्वान लेखक, परिवर्तनवादी पत्रकारिता के जनक दलीत साहित्य की प्रेरणा, भारतीय संविधान के निर्माता, महान समाज क्रांतिकारक, प्रज्ञासूर्य व सामाजिक परिवर्तन के अशोक चक्र थे, ऐसा प्रतिपादन डॉ. सतीश तराल ने व्यक्त किया. वे गाडगे नगर स्थित श्रीपद फाउंडेशन के स्पर्धा मार्गदर्शन केंद्र में डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की जयंती पर बोल रहे थे.
कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीपद फाउंडेशन प्रमुख सचिन वानखडे ने की. डॉ. सतीश तराल ने आगे कहा कि, डॉ. बाबासाहब आंबेडकर हिंदू धर्म के महान मित्र थे. उन्हें इस्लाम तथा क्रिश्चन धर्मियों ने भी अपना धर्म स्वीकारने का आग्रह किया था. लेकिन उन्होंने भारतीय विचारधारा के तत्वज्ञान से व संस्कृति से निर्माण हुए बौद्ध धर्म को स्वीकारा. उन्होंने गीता नहीं जलाई. विषमता व भेदभाव करने वाली मनुस्मृति जलाई. डॉ. आंबेडकर कहते थे. भागवत गीता ने लोकमान्य तिलक को कर्मयोग दिया, तो मुझे सत्याग्रह का मार्ग दिया. डॉ. बाबासाहब आंबेडकर केवल दलीतों के ही नहीं, बल्कि भारत के भाग्यविधाता थे. आज संपूर्ण विश्वभर में उनके विचारों का प्रभाव है. अमेरिका में भी उनकी जयंती उत्साह के साथ मनाई जाती है. कार्यक्रम का संचालन शुद्धोजन रंगारी ने किया. इस समय विद्यार्थी बडी संख्या में उपस्थित थे.