अमरावतीमहाराष्ट्र

डॉ. अनिता पाटिल है विद्यापीठ की ‘पेटेंट वुमन’

किडनी स्टोन पर प्रभावी औषधों का किया है संशोधन

* अब तक 5 पेटेंट हासिल कर चुकी है डॉ. अनिता पाटिल
अमरावती/दि. 10– अमूमन पुरुष प्रधान मानसिकता द्वारा महिलाओं की बुद्धिमत्ता पर सवालियां निशान लगाया जाता है और यह प्रवृत्ति अब भी नष्ट नहीं हुई है परंतु ऐसी प्रवृत्ति को गलत साबित करते हुए संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ की संशोधक प्रा. डॉ. अनिता पाटिल ने विगत 20 से 25 वर्षों से खुद को संशोधन क्षेत्र में झोंक दिया और करीब 5 पेटंट को अपने नाम पर किया. साथ ही वे और दो पेटेंट हासिल करने की तैयारी भी कर रही है.
प्रा. डॉ. अनिता पाटिल ने किडनी स्टोन की बीमारी पर मेलघाट सहित आसपास के क्षेत्र में सहज तरीके से मिलनेवाली वनौषधियों का प्रयोग कर दवा तैयार की है. जो बाजार में भी विक्री हेतु उपलब्ध हो चुकी है. जिसके चलते डॉ. अनिता पाटिल एक तरह से विद्यापीठ के लिए ‘पेटेंट वुमन’ साबित हुई है.
उल्लखनीय है कि, इन दिनों किडनी स्टोन की बीमारी का प्रमाण अच्छा-खासा बढ गया है. इस बात को ध्यान में रखते हुए आयुर्वेदिक संशोधन पर पूरा जोर देनेवाली डॉ. अनिता पाटिल ने किडनी स्टोन पर बेहद प्रभावी वनौषधी खोजकर निकाली. उनके द्वारा दिए गए संशोधन को केंद्र सरकार की ओर से दवाई हेतु तीन पेटेंट दिए गए. गत वर्ष ही बुटीबोरी एमआईडीसी स्थित एक कंपनी के जरिए यह औषधी बाजार में भी उपलब्ध हो गई. डॉ. अनिता पाटिल ने अब तक मेलघाट सहित विविध स्थानों के जंगलों में अतिबला, घुईआंवला व गोकरु जैसी वनस्पतियों पर संशोधन किया है. इसके परिणामस्वरुप उन्हें अब तक 11 प्रकल्पों के लिए 3 करोड रुपए का अनुदान प्राप्त हुआ है. साथ ही इस समय पुणे स्थित आगरकर संशोधन संस्था के साथ दवा खोजने हेतु डॉ. अनिता पाटिल को 76 लाख रुपए का अनुदान भी मिला है. डॉ. अनिता पाटिल ने अब तक 10 रिसर्च प्रोजेक्ट पूरे किए है. साथ ही वरिष्ठ शास्त्रज्ञ डॉ. अनिल काकोडकर की अध्यक्षता के तहत राज्य सरकार द्वारा शुरु किए गए साढे 7 करोड रुपए के प्रोजेक्ट में भी डॉ. अनिता पाटिल का सहभाग है.
तपोवन परिसर स्थित डॉ. अनिता पाटिल ने अपने निवासस्थान पर भी कई वनौषधियां उगा रखी है. जिसके चलते उनके विभाग के विद्यार्थियों को कम समय में बिना कोई यात्रा खर्च किए वनौषधियों का निरीक्षण करने में सहायता होती है. डॉ. अनिता पाटिल को अब तक युवा संशोधक भारतीय प्रतिभा सम्मान, भारतीय विकास अवॉर्ड, महिला वैज्ञानिक अवॉर्ड, संगाबा अमरावती विद्यापीठ का उत्कृष्ठ सेवागौरव पुरस्कार, मलेशिया व थाईलैंड में लाईफ टाईम अचिवमेंट अवॉर्ड तथा महाराष्ट्र सरकार की ओर से सावित्रीबाईंच्या लेकी पुरस्कार जैसे विविध पुरस्कारों से सम्मानित भी किया जा चुका है.

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