अमरावतीमहाराष्ट्रमुख्य समाचार

देश के पहले मराठी भाषा विद्यापीठ के कुलगुरु पद पर डॉ. अविनाश आवलगांवकर की नियुक्ति

अमरावती जिले के वरुड तहसील के रहनेवाले है नए कुलगुरु

अमरावती/दि. 4 – देश के पहले मराठी भाषा विद्यापीठ के कुलगुरु पद पर अमरावती के भूमिपूत्र की नियुक्ति हुई है. जिले के श्री क्षेत्र रिद्धपुर में मराठी विद्यापीठ के निर्माण का काम तेजी से शुरु है. इस मराठी विद्यापीठ के प्रथम कुलगुरु पद पर उच्च व तंत्र शिक्षण विभाग ने जिले के वरुड तहसील के काठी निवासी डॉ. अविनाश आवलगांवकर की नियुक्ति की है.
पिछले अनेक साल मराठी विद्यापीठ की मांग की जा रही थी. अनेक भाषा के विद्यापीठ देश में निर्माण हुए है. तेलगु, तमिल, हिंदी, संस्कृत, कन्नड आदि भाषा का समावेश इसमें किया जा सकेगा. लेकिन मराठी भाषा का विद्यापीठ नहीं था. मराठी भाषा का साहित्य जिस पवित्र भूमि में निर्मित हुआ, वहां यह विद्यापीठ साकार हो रहा है. इसकी विशेष रुप से खुशी है, ऐसी भावना डॉ. आवलगांवकर ने व्यक्त की.

* कौन है डॉ. अविनाश आवलगांवकर?
डॉ. अविनाश आवलगांवकर यह मूल अमरावती जिले के वरुड तहसील में आनेवाले राजुरा बाजार से दो किलोमीटर दूरी पर स्थित काठी गांव के रहनेवाले है. उनके पिता अमरावती जिले में ही शिक्षक के रुप में कार्यरत थे. वे 1995 से पुणे के सावित्रीबाई फुले विद्यापीठ में मराठी विभाग प्रमुख के रुप में कार्यरत है. उसके पहले वे अहमदनगर के एक महाविद्यालय में भी कार्यरत थे.

* ‘संशोधन महर्षि’ उपाधी से सम्मानित
महानुभाव साहित्य पर डॉ. अविनाश आवलगांवकर का विशेष अभ्यास है. गत वर्ष उन्हें नागपुर के विदर्भ संशोधन मंडल द्वारा ‘संशोधन महर्षि’ उपाधी से सम्मानित किया गया था. महानुभाव साहित्य, संत साहित्य और अत्याधुनिक साहित्य में उनका विशेष योगदान है. मराठी भाषा साहित्य, संस्कृति को गति देने के लिए विशेष प्रयास करेगे, ऐसा उन्होंने कहा. आशा यह केवल संपर्क साधन नहीं है. उसे एक सांस्कृतिक मूल्य है. इस मूल्य का समाज में प्रसार करने के लिए इस विद्यापीठ के माध्यम से काफी कुछ प्रयास किए जा सकेगे, ऐसा भी डॉ. आवलगांवकर ने कहा.

Related Articles

Back to top button