सियासी भविष्य की चिंता में डॉ. देशमुख की बौखलाहट
भाजपा के पूर्व शहराध्यक्ष किरण पातुरकर का पलटवार
अमरावती/दि.31- पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख ने चिखलदरा के सिडको द्वारा विकसित किए जाने वाले आलाडोह तालाब के मुद्दे पर से सिडको एवं राज्य सरकार पर टिप्पणी की. इस पर अब भाजपा के पूर्व शहराध्यक्ष किरण पातुरकर ने पलटवार किया है. डॉ. सुनील देशमुख ने राजनीतिक भविष्य की चिंता पर सरकार पर आगपाखड किए जाने की बात कही है.
वर्ष 2014 के पूर्व 15 वर्ष तक कांग्रेस सत्ता में रही. सन 2014 से 2019 तक भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र का नेतृत्व किया. वर्ष 2019 से 2022 तक महाविकास आघाड़ी सरकार उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में कार्यरत रही. विगत एक वर्ष से शिंदे-फडणवीस और अब पवार सरकार में कार्यरत है. वर्ष 2014 के पूर्व कांग्रेस काल में विदर्भ विकास से वंचित रहा. केवल विदर्भ के विकास को अनदेखा नहीं किया गया बल्कि डॉ. सुनील देशमुख पर भी कांग्रेस ने अन्याय किया. भाजपा ने उन्हें न्याय दिया, यह बात डॉ. सुनील देशमुख भी स्वीकार करेंगे, ऐसा दावा भारतीय जनता पार्टी के पूर्व शहराध्यक्ष किरण पातुरकर ने किया है.
विदर्भ के विकास की सही शुरुआत देवेंद्र फडणवीस के कार्यकाल से हुई. देवेंद्र फडणवीस को विदर्भ के प्रति आस्था है. उन्होंने डॉ. सुनील देशमुख को ‘कमल’ पर विधायक बनाया. विदर्भ सिंचाई विकास महामंडल अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौैंपी. साथ ही विकास कार्य हेतु उन्हें फ्री हैंड छोड़ा. जिसके कारण सुनील देशमुख चिखलदरा के पेयजल संकट पर युति सरकार के कार्यकाल में आलाडोह तालाब का सर्वे कर डीपीआर तैयार कर पाये. उनका कहना है कि 17 अप्रैल 2020 को डीपीआर सिडको में प्रशासकीय मंजूरी के लिए भेजा गया. यानि जब डीपीआर तैयार हुआ, तब राज्य में फडणवीस सरकार थी और जब डीपीआर सिडको को भेजा गया, तब उद्धव ठाकरे की महाविकास आघाड़ी सरकार थी. इस बात पर प्रकाश डालना डॉ. सुनील देशमुख हमेशा की तरह भूल गए. ढाई साल के महाविकास आघाड़ी के कार्यकाल में सुनील देशमुख कांग्रेस का हिस्सा थे. उनकी शिष्या तथा कांग्रेस नेत्री विधायक यशोमति ठाकुर जिले की पालकमंत्री थी. यह होते हुए डॉ. देशमुख आलाडोह तालाब का डीपीआर मंजूर नहीं कर पाये. अब बेवजह युति सरकार पर राजनीतिक रुप से आरोप लगा रहे हैं. इसे पूर्व भी मेगा टेक्सटाइल पार्क के संदर्भ में डॉ. सुनील देशमुख ने देवेंद्र फडणवीस पर आरोप लगाए थे. यह प्रकल्प युति सरकार ने अमरावती से भगाकर छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद) ले गए. यह बात दस्तावेजों के साथ उन्होंने प्रेसवार्ता में ेसाबित करने की कोशिश की. छत्रपति संभाजीनगर यह नाम महाविकास आघाड़ी सरकार ने दिया था. युति ने नहीं. अब तो केंद्र सरकार ने मेगा टेक्सटाइल पार्क अमरावती को दिया ह ै. इस प्रकार गलत आरोप करने वाले डॉ्र. देशमुख ने माफी मांगनी चाहिए और भाजपा के देवेंद्र फडणवीस तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिनंदन कर स्वागत करना चाहिए. इसके बजाय वे फिर से एक बार युति सरकार की औकात एवं नियत की बात कर रहे हैं. देशमुख साहब नियत और औकात कांग्रेस के आघाड़ी सरकार की नहीं थी. उन्होंने कभी भी विदर्भ के विकास को महत्व नहीं दिया.
टेक्सटाईल पार्क के कारखाने भी फडणवीस सरकार के कार्यकाल में शुरु हुए हैं. फडणवीस जब वित्तमंत्री थे, तब शासकीय मेडिकल कॉलेज, मराठी विश्वविद्यालय, क्रीड़ा अभिमत विश्वविद्यालय, दादासाहेब गवई स्मारक को निधि उपलब्ध करवाई, उनकी नियत साफ नहीं है. यही प्रकार बेलोरा हवाई अड्डे के मामले में हुआ. बेलोरा हवाई अड्डे का भूमिपूजन देवेंद्र फडणवीस ने किया. पश्चात ढाई साल उद्धव ठाकरे सरकार व पालकमंत्री यशोमति ठाकुर के कार्यकाल में बेलोरा को एक रुपया तक नहीं मिला. तब आप कोर्ट में नहीं गए. साल 2022 में सरकार बदली, तब आपके ध्यान में आया कि देवेंद्र फडणवीस लौट आये हैं तो अब बेलोरा हवाई अड्डे को पैसे देने वाले हैं, यह बात ध्यान में आते ही श्रेय के लिए आप कोर्ट में गए हैं. आज 75 करोड़ का विास कार्य बेलोरा हवाई अड्डा परिसर में शुरु है. जल्द ही हवाई सेवा व नाइट लैडिंग सुविधा शुरु होगी. इशका खुले दिल से देवेंद्र फडणवीस को श्रेय देना चाहिए.
फिलहाल कांग्रेस के विधायक, सांसद, पूर्व मंत्री. नेताओं को भाजपा सरकार पर आरोप करने के अलावा कोई काम नहीं है. डॉक्टर साहब विकास के मुद्देों पर अनावश्यक राजनीति न करें. शहर में पुल निर्माण के लिए आपने ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से निधि मांगी थी. अब आप ही उन पर आरोप लगा रहे हैं. भाजपा, देवेंद्र फडणवीस, नितिन गडकरी की नियत साफ है. विजन बड़ा है. बेवजह उनकी औकात न निकाले. कांग्रेस के वर्तमान समीकरण में आपकी शिष्या आप पर ही भारी पड़ने लगी है. इसलिए निर्माण होने वाली राजनीतिक चिंता के कारण आप भाजपा पर गलत आरोप न करें. हम भाजपा के विधायक, भाजपा को समर्थन देने वाले विधायक, सांसद, देवेंद्र फडणवीस व शिंदे, पवार के नेतृत्व में आलाडोह प्रकल्प केलिए निधि खींचकर लाएंगे. जिला ही नहीं, चिखलदरा का भी विकास करेंगे. भाजपा का एक जिम्मेदार कार्यकर्ता होने के नाते पूर्व अध्यक्ष किरण पातुरकर ने डॉ. सुनील देशमुख को यह सुझाव दिया है.