अमरावतीमहाराष्ट्र

देश के शीर्ष दस वैज्ञानिकों की सूची में डॉ. महेंद्र रॉय को स्थान

संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ का नाम हुआ रौशन

अमरावती/दि.17-संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के पूर्व विभाग प्रमुख डॉ. महेंद्र रॉय को भारत के शीर्ष दस वैज्ञानिकों में स्थान दिया गया है. इतना ही नहीं, बल्कि एक स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार डॉ. रॉय को विश्व के शीर्ष दो प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची में भी स्थान दिया गया है. डॉ. रॉय की इस उपलब्धि से विद्यापीठ का नाम रौशन होकर प्रतिष्ठा बढी है और उन्हें हर स्तर से बधाई दी जा रही है. डॉ. रॉय ने हंगेरी में डेबरसन विद्यापीठ में नैनोफूड प्रयोगशाला में अतिथि वैज्ञानिक के रूप में काम करते हुए, रॉय ने मल्टीड्रग-प्रतिरोधी सूक्ष्मजीवों से निपटने के लिए कार्बन नैनोडॉट्स का अध्ययन किया है. नैनो-आधारित रोगाणुरोधकों पर अपने काम के लिए जाने जाने वाले डॉ. रॉय का अविष्कार व्यापक है, जिसमें भौतिकी, रसायन विज्ञान, माइक्रोबायोलॉजी का समावेश है. उन्होंने संक्रामक रोगों पर काबू पाने के लिए चांदी के नैनोकणों का अध्ययन किया. इसके साथ ही वह अब वनस्पतियों की बीमारियों के प्रबंधन का अध्ययन कर रहे हैं. उन्होंने 102 से अधिक लेख भी लिखे हैं, जिनमें 450 से अधिक शोध प्रबंध, स्प्रिंगर, एल्सेवियर, विली आदि जैसे प्रतिष्ठित प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित 75 पुस्तकें शामिल हैं. अपने कार्यों संदर्भ में वे कहते है कि, नैनोविज्ञान आज प्रत्येक क्षेत्र में तेजी से बढ रहा है.
डॉ.रॉय को फादर टी.ए. मॅथिअस अवॉर्ड (1989), भारत सरकार का मेदिनी पुरस्कार प्राप्त हुआ हैं. तथा इस साल उन्हें उनके हैरिसर्च डॉट कॉम बायोलॉजी और बायोकैमिस्ट्री में इंडिया लीडर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है. डॉ. रॉय ने ब्राजील, स्विट्जरलैंड, हंगेरी, पोलैंड, इटली जैसे कई देशों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम किया है. उन्होंने जिनेवा विश्वविद्यालय, निकोलस कोपरनिकस विश्वविद्यालय सहित दुनिया भर के प्रतिष्ठित संस्थानों में विजिटिंग वैज्ञानिक और प्रोफेसर के रूप में काम किया है. 2021 से 2023 तक उनके काम के लिए उन्हें पोलिश सरकार ने एन.ए.डब्ल्यू ए. फेलोशिप से सम्मानित किया. तीन दशकों से अधिक समय से शिक्षा एवं अनुसंधान के क्षेत्र में वे कार्य कर रहे हैं.

 

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