* डॉ. हेडगेवार हॉस्पिटल की पहल
अमरावती/ दि. १३-किशोर अवस्था में युवतियों को आज स्पर्धा की दुनिया में विविध समस्याओं का सामना करना पडता है. जिसके कारण स्वास्थ्य की ओर उन्हें स्वयं ध्यान देने की जरूरत है. किशोर अवस्था यह भावी जीवन के लिए जडे मजबूत करने वाली उम्र होती है. इसी उम्र में पोषण होना जरूरी है. उसी के बल पर बची हुई उम्र को सुद़ृढ रखा जा सकता है, ऐसा डॉ. हेडगेवार हॉस्पिटल की स्त्रीरोग व प्रसुति शास्त्र विशेषज्ञ डॉ. पल्लवी शेटे ने बालिकाओं को कार्यशाला में मार्गदर्शन किया.
समाज कार्य महाविद्यालय में बालिकाओं को मार्गदर्शन देते समय वे बोल रही थी. इस अवसर पर पॉवर पाइंट प्रेजेंटेशन किया गया. इस अवसर पर मंच पर कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रा. डॉ. गजभिये थे.
डॉ. पल्लवी शेटे ने महामारी के समय होनेवाले पेटदर्द, अनियमित रूप से महामारी आने का कारण और सहज उपाय और उस पर सावधानी बरतने के लिए मार्गदर्शन किया.
उसी प्रकार ब्रेस्ट डिसीज कौन से है और स्वयं जांच की. हार्ट डिसीज और डिप्रेशन ऐसे अनेक विषय पर मार्गदर्शन किए. ब्रेस्ट व सर्वायकल कॅन्सर टाला जा सकता है. इस संबंध में जागरूक रहे. इस रोग की जानकारी अन्य को दे और स्वस्थ जीवन जीए.
उसी प्रकार आहार संबंध में भी मार्गदर्शन किया. आहार में सूक्ष्म पोषकद्रव्यं महत्वपूर्ण होते है. इसके लिए चावल, आलू, मेदा टालकर ब्राऊन राइस, ओट्स और गेहूॅ का सेवन करे. इस उम्र में काम अधिक होते है. दिन में काम करने का समय बढने से विटामिन सी के लिए नीबू, संतरा, मौसंबी, सब्जियां तथा विटामिन ई के लिए अल्फा स्प्राउट्स मासांहार ले. दिन में कम से कम २ से ३ लीटर पानी पीए. पानी की कमी होने से शरीर अच्छी तरह से काम नहीं कर सकता. दाने अथवा फल परीक्षा के दौरान बेस्ट बाइट्स है. बीच के समय में यह खाना श्रेयस्कर है. जिसके कारण रक्त शर्करा सामान्य रहती और एकाग्रता भी बढती है तथा परीक्षा खत्म होने तक बजन भी नियंत्रण में रहता है.
उसी प्रकार योग्य और पूरक पोषण आहार लेने संबंध में पूरी तरह व्यायाम तथा योग करना भी जरूरी है.जिसके कारण शरीर की वृध्दि व्यवस्थित रहती है.
इस कार्यक्रम में छात्राओं के स्वास्थ्य जांच कर मार्गदर्शन व औषधोपचार किए गये. इस कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. विशाल गजभिये ने कहा कि परीक्षा के समय स्वास्थ्य जांच व मार्गदर्शन आवश्यक है.
इस अवसर पर हॉस्पिटल की ओर से प्रताप ब्राम्हणवाडे, अमोल भारती, अनिता कुलकर्णी ने प्रयास किया. प्रा. डॉ. युवराज खोडस्कर ने प्रास्ताविक किया. संचालन साक्षी सोलंके और आभार प्रदर्शन कांचन कारमोरे ने किया. कार्यक्रम में प्रा. अनिता पाटिल, प्रा. मेघा कनाटे, डॉ. राजकुमार दासरवाउ, प्रा. शिवाजी तुपेकर और विद्यार्थी वर्ग उपस्थित थे.