* पंकज दीवान की मां को एमसीआर के तहत भेजा गया जेल
* अब भी अनसुलझा है डॉ. प्रियंका की मौत का मामला
अमरावती/दि.10– डॉ. प्रियंका दीवान की हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किये गये डॉ. पंकज दीवान की पुलिस कस्टडी की अवधि को स्थानीय अदालत द्वारा बढा दिया गया है. ऐसे में डॉ. पंकज दीवान को 13 मई तक पुलिस कस्टडी में रहना होगा. वहीं अब तक पुलिस हिरासत में रहनेवाले पंकज दीवान की डॉक्टर मां को अदालत ने न्यायिक हिरासत के तहत मध्यवर्ती कारागार में भेज दिया है. उल्लेखनीय है कि, डॉ. प्रियंका के ‘कोल्ड ब्लडेड मर्डर’ को लेकर डॉ. पंकज ने अब तक पुलिस को कोई खास जानकारी नहीं दी है. जिसके चलते पुलिस के लिए ‘मिस्टेरियस मर्डर’ की यह गुत्थी अब तक अनसुलझी ही है.
बता दें कि, विगत 20 अप्रैल को डॉ. प्रियंका दीवान (27) का शव उसके पति डॉ. पंकज दीवान के राधानगर परिसर स्थित श्री साई हेल्थकेयर एन्ड मल्टीस्पेशालीटी हॉस्पिटल में संदेहास्पद रूप से बरामद हुआ था. इस समय दीवान परिवार द्वारा दावा किया गया था कि, डॉ. प्रियंका ने आत्महत्या की थी. वहीं प्रियंका के परिजनों इस मामले को लेकर संदेह व्यक्त करते हुए डॉ. पंकज दीवान पर गंभीर आरोप लगाये थे. पश्चात 27 अप्रैल को पोस्टमार्टम रिपोर्ट व मृतक डॉ. प्रियंका की बहन द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर गाडगेनगर पुलिस ने डॉ. पंकज दीवान सहित उनकी मां व बहन के खिलाफ हत्या करने, हत्या से संबंधित अपराधों को नष्ट करने और अपराधिक वारदात का षडयंत्र रचने का मामला दर्ज किया था. पश्चात डॉ. पंकज दीवान को उनकी मां के साथ 29 अप्रैल को उस समय हिरासत में लिया गया, जब वे अमरावती से फरार होने की तैयारी में थे. पश्चात दोनोें से पूछताछ भी की गई, लेकिन दोनों मां-बेटों ने अपनी तबियत खराब रहने की बात कही. ऐसे में उन्हें अस्प्ताल में भरती करवाया गया और बाद में अदालत के आदेश पर पुलिस कस्टडी में रखा गया.
ज्ञात रहे कि, डॉ. प्रियंका दीवान की मृत्यु के मामले में उनकी बहन की शिकायत और पीएम रिपोर्ट के आधार पर गाडगेनगर पुलिस ने ‘कोल्ड ब्लडेड मर्डर’ का मामला तो दर्ज कर लिया है, क्योेंकि भले ही प्राथमिक रूप से यह मामला आत्महत्या का लग रहा था. लेकिन पीएम रिपोर्ट में पता चला कि, हेड इंज्युरी व दम घुटने की वजह से डॉ. प्रियंका की मौत हुई थी. ऐसे में डॉ. प्रियंका के सिर में अंदरूनी चोट कैसे लगी और दम निकल जाने तक उसकी सांस कैसे घुट गई, इसका जवाब पुलिस द्वारा खोेजा जा रहा है. वहीं अब तक यह भी साफ नहीं हो पाया है कि, डॉ. प्रियंका ने बेहोशी की दवाई का ओवरडोज इंजेक्शन खुद लिया था या फिर किसी ने उसे जबरन यह इंजेक्शन लगाया था. ऐसे में डॉ. प्रियंका दीवान की मौत या हत्या का मामला पुलिस के लिए अब तक अनसुलझी पहेली बना हुआ है.
* अब तक मुंह नहीं खोला दीवान मां-बेटे ने
उल्लेखनीय है कि, अपनी तीसरी पत्नी प्रियंका दीवान की हत्या के आरोप के तहत पुलिस कस्टडी में रहनेवाले डॉ. पंकज दीवान ने अब तक इस मामले को लेकर पुलिस के सामने अपना मुंह नहीं खोला है और वे लगातार एक ही बात की रट लगाये हुए है कि, मैंने खून नहीं किया और घटना के समय मैं घर पर भी नहीं था. यह बात सीसीटीवी कैमरे के फूटेज के जरिये भी साफ हो जायेगी. वही दूसरी ओर डॉ. पंकज दीवान की मां भी इस मामले में अपने पास कोई जानकारी नहीं रहने की बात कह रही है, बल्कि पुलिस से ही यह प्रतिप्रश्न कर रही है कि, आखिर वे डॉ. प्रियंका का कत्ल क्यो करेगी. ऐसे में पुलिस के लिए यह ‘कॉम्प्लीकेटेड डेथ’ वाला मामला साबित हो गया है. ऐसे में गत रोज अदालत के समक्ष डॉ. पंकज दीवान को पेश करने के साथ ही पुलिस द्वारा अदालत से आरोपी की पीसीआर अवधि को बढाकर देने की मांग की गई. जिसे अदालत द्वारा स्वीकार कर लिया गया. ऐसे में अब डॉ. पंकज दीवान को आगामी 13 मई तक पुलिस कस्टडी में रखा जायेगा, वहीं पेशे से डॉक्टर रहनेवाली डॉ. दीवान की मां को अदालत ने न्यायिक हिरासत में रखे जाने का आदेश दिया है.
पुलिस कस्टडी के दौरान दोनों आरोपियों से बेहद कडाई के साथ पूछताछ की गई. लेकिन अब तक हमारे पास कोई ठोस सूराग नहीं है. ऐसे में यह मामला ‘मिस्टेरियस मर्डर’ अथवा ‘कॉम्प्लीकेटेड डेथ’ का मामला बना हुआ है. हम अपनी ओर से इसकी गुत्थी को सुलझाने हेतु पुरा प्रयास कर रहे है और इसकी जानकारी से अदालत को अवगत कराया गया. अब चूंकि अदालत ने आरोपी डॉ. पंकज दीवान के पीसीआर की अवधि को बढा दिया है. ऐसे में हम आगामी 13 मई से पहले मामले की गुत्थी को सुलझाने का हर संभव प्रयास करेंगे.
– आसाराम चोरमले
थानेदार, गाडगे नगर पुलिस