अमरावती

डॉ. प्रतीक जैन बने भिलाई के बोर्ड सर्टीफाइड इंटेंसिविस्ट

कडी मेहनत विशेषज्ञों का मार्गदर्शन और परिवार से सहयोग से हुए सफल

अमरावती/दि.21 – स्थानीय भिलाई निवासी डॉ. प्रतीक जैन ने नेशनल बोर्ड ऑफ एक्जामिनेशन से डीएनबी क्रिटिकल केयर मेडिसिन की परीक्षा उत्तीर्ण की है. यह ब्रान्च नेशनल बोर्ड ने साल 2019 में शुरु की. जिसके कारण भिलाई से यह परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले वे पहले डॉक्टर बने हैं.
डॉ. प्रतीक जैन ने बताया कि, उन्होंने देश के पहले डीएनबी क्रिटिकल केयर मेडिसिन नारायणा रुद्रालय अस्पताल बेंगलुरु एचओडी डॉ. हरीश मल्लपुरा महेश्वराप्पा के मार्गदर्शन तथा मेन्डोरशिप में यह पढ़ाई पूर्ण की. आईसीयू अब आधुनिक हो रहा है. जिसकी सेवाएं आधुनिकीकरण के साथ मरीजों तक पहुंचाने का कार्य आईसीयू में कार्यरत इंटेंसिविस्ट करता है. जिसे क्रिटिकल केयर डॉक्टर के रूप में भी जाना जाता है, जो गंभीर रूप से बीमार रोगियों की देखभाल करने में माहिर होता है. इंटेंसिविस्ट को न केवल गंभीर रूप से बीमार रोगियों के बीच स्थितियों के व्यापक स्पेक्ट्रम में बल्कि गहन देखभाल सेटिंग में उपयोग की जाने वाली तकनीकी प्रक्रियाओं और उपकरणों (यानी यांत्रिक वेंटिलेटर) के साथ भी सक्षम होना जरुरी होता है. इसी को ध्यान में रखते हुए सन 1980 में अमेरिका ने इस ब्रान्च को अपनाया. भारत में नेशनल बोर्ड ऑफ एक्जामिनेशन ने इसे चार साल पहले 2019 में अपनाया है.मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की रेकनाइज पॉलिसी अनुसार तीन साल की थीसिस, थेयरी, प्रैक्टिकल व रेसिडेन्सी के बाद इस परीक्षा को उत्तीर्ण कर सकते हैं. साथ ही जिस परीक्षार्थी ने नीट सुपर स्पेशलिटी परीक्षा उत्तीर्ण की है केवल वही डॉक्टर बोर्ड सर्टिफाइड इंटेंसिविस्ट पाठ्यक्रम के लिए पात्र माने जाते हैं.
लोगों में जागरुकता होनी चाहिए कि, आईसीयू में दाखिल होने वाले मरीजों को संभालने की जिम्मेदारी इंटेंसिविस्ट देखता है. आईसीयू इंटेंसिविस्ट ही मरीजों को बेहतरीन सेवा प्रदान करने, परिवार समुपदेशन करने, एण्ड ऑफ लाइफ केयर, इन्फेक्शन कंट्रोल पॉलिसी को क्रियान्वित करने, सीआर कमिटी की स्थापना व अन्य कार्य कर सकता है. डॉ. प्रतीक जैन ने बोर्ड सर्टिफाइड इंटेंसिविस्ट के अलावा आईडीसीसीएम में फेलोशिप प्राप्त की है. चेन्नई के डॉ. रामराज गोपालन जो पहले अमेरिकन बोर्ड इंटेंसिविस्ट डिग्री होल्डर हैं, के मार्गदर्शन में यह फेलोशिप पूर्ण की. इसके साथ ही एमडी एनेस्थीशिया, एमबीबीएस की पढ़ाई पूर्ण की है. साथ ही डीएनबी की डिग्री नारायण रुद्रालय रायपुर से पूर्ण ली. डॉ. प्रतीक जैन ने एमएमआई रायपुर में कार्य किया है. फिलहाल में हाईटेक हॉस्पिटल, भिलाई में जनवरी माह से कन्सल्टेंट व आईसीयू हेड के रुप में कार्यरत हैं. इसके पूर्व रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल में 6 माह तक कन्सल्टेंट की जिम्मेदारी संभाली. बोर्ड सर्टिफाइड इंटेंसिविस्ट की उपलब्धि हासिल करने सहयोगी डॉ. सुरेंद्रनाथ का विशेष सहयोग प्राप्त होने की बात उन्होंने कही.वे फिलहाल विशाखा पट्टनम में कार्यरत हैं. परिवार में पिता डॉ. शैलेंद्र जैन हैं. जो सन 1987-88 से भिलाई के पहले डीएनबी के न्यूरोजलॉजिस्ट हैं. वे भी डीएनबी न्यूरोलॉजिस्ट के रुप में सेवा दे रहे हैं. वे स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लि. में 1990 में डीएनबी न्यूरोलॉजिस्ट के रुप में कार्यरत हुए जिसके बाद डायरेक्टर के पद से 2016 में सेवानिवृत्त हुए. इसकेअलावा परिवार में मां गायनिक डॉ. मीना जैन, स्पेशल सर्जन पत्नी ईशा जैन, भाई को फाउंडर ऑफ मायक्रॉस लैब बेंगलुरु, आईएफसीबेंगलुरु में कार्यरत प्रखर जैन का समावेश है.

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