अमरावती

कृषि मंत्रियों की सूची से डॉ. पंजाबराव देशमुख का नाम गायब

देश के पहले कृषि मंत्री थे डॉ. भाऊसाहब देशमुख

* विदर्भवासियों में रोष
अमरावती/ दि.26 – दिल्ली के कृषि भवन में लगायी गई कृषि मंत्रियों की सूची में देश के पहले कृषिमंत्री डॉ. पंजाबराव उर्फ भाऊसाहब देशमुख के नाम का उल्लेख नहीं होने से विदर्भवासियों में रोष व्याप्त है. यह मामला जिले के कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं के दिल्ली भेंट के दौरान उजागर हुआ. इस संदर्भ में केंद्रीय कृषिमंत्री नरेंद्र तोमर से सवाल पूछे जाने की जानकारी शेतकरी बचाओं आंदोलन के संयोजक रंजनीकांत भाई व्दारा दी गई.
देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु के कार्यकाल में 1952 में अनाज की किल्लत निर्माण हुई थी. ऐसी परिस्थिति में डॉ. पंजाबराव उर्फ भाऊसाहब देशमुख को प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु ने कृषि मंत्री की जवाबदारी सौंपी थी. पंडित नेहरु व्दारा दी गई जवाबदारी को डॉ. भाऊसाहब देशमुख ने बखूबी निभाया था और उन्होंने कृषि क्षेत्र में व्यापक बदल किए. विदर्भ के सपूत को देश का पहला कृषि मंत्री बनने का बहुमान प्राप्त हुआ. यह स्वाभिमान की बात है किंतु कृषि भवन में लगायी गई सूची में देश के पहले कृषि मंत्री का के नाम का उल्लेख नहीं होने से विदर्भवासियों में रोष व्याप्त है.

* ऐसा हुआ मामला उजागर
अमरावती जिले के कुछ मान्यवर दिल्ली में एक समाज सम्मेलन के लिए गए थे. तब उन्होंने कृषि भवन को भी भेंट दी कृषि भवन में अब तक के कृषि मंत्रियों के नाम फलक पर लगाए गए थे. उन 32 नामों में से देश के पहले कृषि मंत्री डॉ. पंजाबराव देशमुख का नाम ही गायब था. फलक पर 1946 से अब तक के सभी कृषि मंत्रियों के नाम थे किंतु 1952 में देश के पहले कृषि मंत्री बने डॉ. पंजाबराव देशमुख का नाम ही नहीं था. इस संदर्भ में जब पूछा गया तो समाधानकारक उत्तर नहीं मिला.

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