डॉ. सुनील देशमुख के आरोप केवल सस्ती लोकप्रियता के लिए
मनपा के पूर्व सभागृह नेता तुषार भारतीय का कथन
अमरावती/ दि.27 – गत रोज अमरावती के पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख ने नागपुर यानी पूरा विदर्भ नहीं और नागपुर के विकास का मतलब ही विदर्भ का विकास नहीं, इस आशय की प्रेस नोट जारी करते हुए एक तरह से भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी पर निशाना साधने का प्रयास किया. परंतु ऐसा करते समय डॉ. सुनील देशमुख शायद यह भुल गए कि, नितीन गडकरी ने पूरे महाराष्ट्र राज्य में सडकों का जो जाल बिछाया है, वैसा काम कांग्रेस की सत्ता के दौरान कभी नहीं हुआ. साथ ही नितीन गडकरी ने आज तक विकास कामों को लेकर कभी कोई क्षेत्र निहाय भेदभाव नहीं किया, बल्कि विकास के मामले में पिछडे रहने वाले इलाकों की ओर उन्होंने हमेशा पहली प्राथमिकता के साथ ध्यान दिया. ऐसे में कहा जा सकता है कि, किसी समय राज्यमंत्री व जिला पालकमंत्री रहने वाले डॉ. सुनील देशमुख भाजपा से कांग्रेस में जाने के बाद सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का प्रयास कर रहे है, इस आशय का पलटवार शहर के भाजपा नेता व मनपा के पूर्व सभागृह नेता तुषार भारतीय ने किया है.
यहां जारी प्रेस विज्ञप्ति में डॉ. सुनील देशमुख व्दारा लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए मनपा के पूर्व सभागृह नेता तुषार भारतीय ने कहा कि, डॉ. देशमुख ने कांग्रेस में जाने के बाद भी विकास कामों की मांग के लिए केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी से भेंट की थी. जिससे संबंधित खबरे उस समय अखबारों में भी आयी थी, इसके अलावा भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने राज्य के मुख्यमंत्री रहते समय अमरावती शहर में भूमिगत गटर योजना अंतर्गत 125 करोड रुपए की निधि उपलब्ध कराई थी. इसके साथ ही वन मंत्रालय व्दारा दी गई निधि से ऑक्सीजन पार्क साकार हुआ. साथ ही भाजपा सरकार व्दारा मनपा को दी गई निधि से घनकचरा प्रकल्प का नियोजन हुआ और अमरावती में सीमेंट-काँक्रीट की सडके बनी. इन सबके अलावा भाजपा शासन काल के दौरान ही नांदगांव पेठ की पंचतारांकित एमआईडीसी में उद्योगधंधे आने शुरु हुए और वहां पर टेक्सस्टाईल पार्क साकार हुआ. इन सभी कामों के शुभारंभ अवसर पर गडकरी व फडणवीस जैसे भाजपा नेताओं के बगल में खडे रहकर डॉ. सुनील देशमुख फोटो खिचवा रहे थे, यह बात कांग्रेस में जाने के बाद शायद वे भुल गए. इससे उलट कांग्रेस ने कभी भी विदर्भ क्षेत्र के विकास पर ध्यान नहीं दिया और आज वर्हाड के विकास की चिंता करने वाले डॉ. सुनील देशमुख जब खुद कांग्रेस में रहते समय राज्यमंत्री और जिला पालकमंत्री थे, तब पेढी प्रकल्प के लिए किसानों की जमीनों को बेहद कम कीमतों पर हासिल करते हुए किसानों के साथ जालसाजी की गई थी और आज तक पेढी प्रकल्पग्रस्त अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे है. यह बात शायद डॉ. सुनील देशमुख को याद नहीं है, बल्कि वे पूर्वी व पश्चिम विदर्भ का भौगोलिक भेद खडा करते हुए आम जनता को दिग्भ्रमित करने का प्रयास कर रहे है. जबकि उन जैसे व्यक्ति से इस तरह की राजनीति अपेक्षित नहीं है.