डॉ. विभूति बूब का बचपन का सपना हुआ साकार
ग्रेट क्रिकेटर सचिन से आत्मीय भेंट
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अमरावती/ दि. 5-शहर की जानी मानी फिजियोथैरेपिस्ट डॉ विभूति अनूप बूब हाल ही में क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर से मिलकर अपने बचपन का सपना साकार किया. डॉ विभूति बूब बचपन से ही सचिन तेंदुलकर की फैन रही है. उन्होंने ने अपनी पढ़ाई की साथ सचिन तेंदुलकर को खेलते देखा और वो हमेशा से ही क्रिकेट की दुनिया में अपना आदर्श मानती है. सचिन तेंदुलकर से ही प्रभावित होकर उन्होंने अपनी स्कूल और कॉलेज में हमेशा क्रिकेट टूर्नामेंट में भाग लिया और हमेशा अपनी टीम की लिए अच्छी प्लेयर बनकर एक दीवार की तरह खड़ी रही.उन्होंने नागपुर में इंटरकालेज टूर्नामेंट में प्लेयर ऑफ द मैच और प्लेयर ऑफ द सीरीज का भी खिताब जीता है.
उनका बचपन से ही सपना था कि वो सचिन तेंदुलकर से मिले और उनका ऑटोग्राफ ले. ये इच्छा पूरी करने के लिए उन्होंने कई बार मुंबई के चक्कर लगाए और गेट वे ऑफ इंडिया पर सचिन तेंदुलकर के रेस्टोरेंट में कई बार चक्कर लगाएं कि शायद वहां उनकी सचिन तेंदुलकर से मुलाकात हो जाएं. लेकीन ये संभव नहीं हो पाया. अपनी पोस्ट ग्रेजुएट न्यूरो थेरेपी की पढ़ाई मुंबई नायर कॉलेज मैं पूरी कर अपना सपना दिल ेमें संजोए डॉ विभूति मुंबई से अमरावती शिफ्ट हो गई और अपनी प्रैक्टिस अम्बापेठ में रेगन फिजियोथेरेपी क्लीनिक के नाम से और रिम्स हॉस्पिटल में अपनी प्रैक्टिस शुरू की.
सपना तो सपना होता है. डॉ विभूति बूब के काकाजी सतीश सोनी मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के मुख्य अधिकारी के पद पर नियुक्त है. उन्होंने डॉ विभूति का सपना पूरा करने का उसे वचन दिया था और वो पूरा किया. डॉ विभूति ने सचिन से मिलकर उनके लिए बनाई अपनी ़फ्रेम जो उन्होंने 27 साल पहले बनाई थी उन्हें गिफ्ट दी. फ्रेम सचिन तेंदुलकर को बहुत पसंद आई और उन्हें अदभुत लगी. उन्होंने विभूति को एक बैट पर ऑटोग्राफ दिया और फोटो भी खिंचवाया और फ्यूचर के लिए ऑल द बेस्ट बोला. मन में प्रबल इच्छा और अपने काकाजी की सहायता से डॉ विभूति का 27 साल पुराना सपना पूरा हुआ. उनके ससुर कमलकिशोर बूब, सास रेखा बूब, पिता डॉ श्याम सोनी, माता डॉ विजया सोनी, यजमान अनूप बूब, भाई डॉ. विभोर सोनी, भाभी डॉ. तनुश्री सोनी को देती है. जिन्होंने उनका यह सपना साकार करने में अपना अमूल्य सहकार्य किया.