अमरावती

पिछले पांच माह से सामूहिक अवकाश पर हैं ‘डीआरडीए’ कर्मचारी

पूरा कार्यालय खाली, कामकाज प्रभावित

अमरावती/दि.8- अमरावती जिला परिषद जिला ग्रामीण विकास यंत्रणा (डीआरडीए) कार्यालय के सभी कर्मचारी गत 5 महीनों से सामूहिक अवकाश पर है. सभी कार्यालय खाली पडे है. कार्यालय का कामकाज प्रभावित होने के बावजूद सीईओ अविश्यांत पंडा की अनदेखी चल रही है. इस प्रकरण की जांच शुरु रहने का सरकारी जवाब जिला परिषद प्रशासन की ओर से दिया जा रहा है. कितने दिन जांच और सुनवाई का खेल चलेगा, इस बाबत जवाब देने के लिए जिला परिषद प्रशासन टालमटोल कर रही है. पर्दे के पीछे क्या चल रहा है यह अभी तक पता नहीं चला है.
जिला ग्रामीण विकास यंत्रणा कार्यालय की प्रकल्प संचालक प्रीति देशमुख व सहायक प्रकल्प अधिकारी संजय झंझाड की तरफ से कार्यालयीन कामकाज में बर्ताव बराबर न रहने, बेवजह सभी को फटकार लगाकर परेशान करना आदि बातों से मानसिक रुप से त्रस्त हो चुके कर्मचारी पिछले 5 माह से सामूहिक अवकाश पर है. इस कार्यालय के कनिष्ठ प्रशासन अधिकारी विनोद बुटे, सहायक लेखाधिकारी उमेश महादेव लामकाने, कनिष्ठ अभियंता गौरव मातकर, वरिष्ठ सहायक राहुल कालमेघ, कनिष्ठ सहायक कृणाली राउतकर व कनिष्ठ सहायक लतीफ मियां आदि सभी अधिकारी व कर्मचारियों का इसमें समावेश है. संबंधित अधिकारी व कर्मचारियों ने जिला परिषद के सीईओ अविश्यांत पंडा को दो से तीन दफा ज्ञापन के माध्यम से प्रकल्प संचालक प्रीति देशमुख व सहायक प्रकल्प अधिकारी संजय झंझाड की कार्यप्रणाली बाबत जानकारी देकर कार्रवाई करने की मांग की. फिर भी इन अधिकारियों से पूछताछ भी सीईओ पंडा व्दारा न किए जाने का आरोप सामूहिक अवकाश पर गए अधिकारी-कर्मचारियों का है. डीआडीए के अधिकारी, कर्मचारी यह प्रकल्प संचालक और सहायक प्रकल्प अधिकारी के अत्याचारों से त्रस्त होकर पांच माह से सामूहिक अवकाश पर है. उन्होंने प्रशासन के पास समय-समय पर न्याय मांगा. फिर भी इस प्रकरण में संबंधित कर्मचारियों की समस्या सुनी नहीं जा रही है. इन कर्मचारियों व्दारा प्रस्तुत किए गए सबूत भी देखे नहीं गए है. संबंधितों से इस आधार पर कोई जवाब भी नहीं मांगा गया है और उनके खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. प्रकल्प संचालक प्रीति देशमुख तथा सहायक प्रकल्प अधिकारी संजय झंझाड ने अवकाश पर गए सभी 5 कर्मचारियों के साथ बुरा बर्ताव किया है. उन्हें नियमबाह्य कामकाज करने मजबूर किया और बेवजह परेशान किया, ऐसा आरोप भी कर्मचारियों का है. संबंधित अधिकारियों के खिलाफ प्राप्त शिकायत पर जिला परिषद प्रशासन की तरफ से किसी भी तरह की कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है? ऐसा सवाल पीडित कर्मचारियोें ने उपस्थित कर जिप प्रशासन से जवाब मांगा है.
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* अंतिम रिपोर्ट की प्रतीक्षा-सीईओ
इस प्रकरण में जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी संतोष जोशी के माध्यम से जांच शुुरु है. संबंधित शिकायतकर्ता कर्मचारी और अधिकारियों की स्वतंत्र सुनवाई की जा रही है. इस प्रकरण में अंतिम रिपोर्ट प्राप्त होने पर आगे की कार्रवाई बाबत निर्णय लिया जाएगा, ऐसी जानकारी जिप के सीईओ अविश्यांत पंडा ने दी.

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