अमरावतीमुख्य समाचार

अमरावती में भी मंदिरों में डे्रसकोड!

आठ प्रमुख मंदिरों में चर्चा कर होगा लागू

* पत्र परिषद में मंदिर महासंघ संयोजक व्दारा जानकारी
अमरावती/दि.30- जिले के प्रमुख देवालय अंबादेवी, बालाजी मंदिर, काली माता, पिंगलाई गढ, अचलपुर देवली के लक्ष्मीनारायण देवस्थान, दर्यापुर का आशा मनीषा देवी, परतवाडा का शैतुतबाग हनुमान मंदिर सहित आठ प्रमुख देवस्थानों में दर्शनार्थियों के लिए डे्रसकोड लागू करने पर विचार किया जा रहा है, ऐसी जानकारी आज दोपहर काली माता मंदिर शक्तिपीठ में आयोजित प्रेसवार्ता में दी गई. इस समय महाराष्ट्र मंदिर महासंघ के संयोजक सुनील घनवट, अंबादेवी संस्थान के प्रतिनिधि एड. राजेंद्र पांडे, काली माता के शाक्ति महाराज बालाजी मंदिर से राजेश हेडा, संतोषी माता मंदिर के जयेश भाई राजा, नेरपिंगलाई के अध्यक्ष विनित पाखोडे, देवस्थान सेवा समिति के अनूप जायस्वाल, दुर्गामाता मंदिर वैष्णवधाम के नंदकिशोर दुबे, हिंदू जनजागृति समिति के विदर्भ संयोजक श्रीकांत पिसोलकर, जिला संयोजक नीलेश टवलारे उपस्थित थे.
* वस्त्र संहिता होगी लागू
सुनील घनवट ने कहा कि देश के अनेक मंदिरों, गुरुव्दारा, चर्च, मस्जिद और अन्य प्रार्थनास्थल, शाला, निजी प्रतिष्ठान, न्यायालय, पुलिस आदि क्षेत्र में वस्त्र संहिता लागू है. इसलिए मंदिरों में भी वस्त्र संहिता लागू करने का निर्णय किया गया है. उन्होंने कहा कि, अमरावती के उपरोक्त मंदिरों से इस विषय में चर्चा हो गई है. मंदिरों में ओढनी और अन्य वस्त्र रखे जाएंगे ताकि दर्शनार्थी को दर्शन हेतु उपलब्ध कराए जा सके. सात्विक वस्त्र संहिता लागू की जा रही है. जिन्स पेंट, टी-शर्ट, भडकिले रंगों के अथवा नक्शी काम के वस्त्र और स्लीपर के उपयोग पर पहले ही सरकार अपने अधिकारी व कर्मचारियों पर बैन लगा चुकी है. ऐसे में पूरे विदर्भ के मंदिरों में भी ऐसी वस्त्र संहिता लागू करने का प्रयत्न है.
अंबादेवी संस्थान की विश्वस्त मीना ताई पाठक ने कहा कि, मंदिरों की संस्कृति, पावित्र्य और मांगल्य टिकाने के लिए निर्णय किया गया है. देवालय में जाते समय अंग प्रदर्शन करने वाले, अशोभनीय और अल्प वस्त्र पहनकर न आए, ऐसी हमारी भूमिका है.

Related Articles

Back to top button