स्वच्छ पानी पीएं, फलों के पेड लगाएं, परिसर रखें चकाचक
पाटोदा के अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के क्रांतिकारी सरपंच भास्कर पेरे पाटिल का आवाहन
* तपपूर्ति अमृतमंथन व्याख्यानमाला का पहला पुष्प
* तुषार भारतीय मित्र परिवार का साईनगर में आयोजन
अमरावती/दि. 6– संभाजी नगर जिले के पाटोदा ग्राम में गत ढाई दशक में क्रांतिकारी परिवर्तन लानेवाले अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिलब्ध सरपंच भास्करराव पेरे पाटिल ने कहा कि, हम सभी को स्वच्छ पानी पीना चाहिए. फलों के भरपूर पेड लगाना चाहिए, अपना मौहल्ला, कालोनी साफसुथरी चकाचक रखनी चाहिए. बच्चों को शिक्षा और संस्कार देने के साथ बाहर का खाना टालना चाहिए. पेरे पाटिल गत शाम साईनगर के साई लॉन में तुषार भारतीय मित्र परिवार द्वारा आयोजित तपपूर्ति अमृतमंथन व्याख्यानमाला में प्रथम पुष्प गूंथ रहे थे. अध्यक्षता डॉ. हरकूट ने की. मंच पर तुषार भारतीय, पूर्व नगरसेविका रेखा भूतडा, सुनंदा खरड, लता देशमुख विराजमान थी.
* सहज, सरल संवाद
भास्करराव पेरे पाटिल ने अपने सहज और सरल संबोधन से उपस्थित सैकडों व्याख्यान प्रेमियों और पर्यावरण प्रेमियों को जीत लिया. कई बार लोगों को गुदगुदाया. कई बार खिलखिलाकर हंसने पर विवश किया. अपने ग्राम पाटोदा की विश्व स्तर पर हुई ख्याति के कारण और वहां किए गए क्रांतिकारी परिवर्तन को अत्यंत रोचक किंतु उतने ही सहज भाव में प्रस्तुत किया.
* कैसे की पाटोदा की कायापलट
22 देशों की यात्रा कर चुके पेरे पाटिल ने बताया कि, वे महज 7 वीं कक्षा तक उत्तीर्ण है. जब गांव के लोगों ने उनके विचारों और बातों को देखकर सरपंच चुना तो उन्होंने भीषण अवस्था देखी. ग्राम पंचायत को पहले की सरकारें धेला भी नहीं देती थी. ऐसे में गांव में परिवर्तन और जनसुविधाएं जुटाने के साथ लोगों को अनुशासित करने उन्होंने एक लाख रुपए का कर्ज लहू जगनजी पेरे से लिया. फिर आटा चक्की लगाने के साथ शुरु किए गए बडे बदलाव की जानकारी पेरे पाटिल ने दिलचस्प अंदाज में व्यक्त की. साई लॉन्स में मौजूद सैकडों लोग दत्तचित्त होकर सुनते रहे. मुग्ध हो गए. पेरे पाटिल ने भी गजब की व्याख्यान क्षमता का परिचय देकर सभी को पूरे वक्त गुदगुदाएं, हंसाए रखा. महिलाओं की उल्लेखनीय उपस्थिति इस समय रही.
* अनुशासन लागू करने युक्तियां
पेरे पाटिल ने बताया कि, गांव में एक-एक चीज का अनुशासन उन्होंने तरकीबें आजमाकर लाया. जैसे शौचमुक्त ग्राम बनाने के लिए उन्होंने तडके जागकर हाथ में टॉर्च लेकर बिना संकोच महिलाओं को भी खुले में शौच करने से रोका. इसके लिए झगडे-टंटे का सामना कर उसे भी युक्तिपूर्वक शांत किया. इसी प्रकार प्लास्टिक का उपयोग रोकने, बरगद के पेड लगाने, फलों के वृक्ष लगाने, पानी का बेहतर उपयोग करने, परिसर स्वच्छ रखने के लिए अपनाई गई दिलचस्प तरकीबों को बडे ही रोचक अंदाज में व्यक्त किया.
* क्या-क्या सुविधाएं है ग्राम पाटोदा में
ग्राम पाटोदा को देश के आदर्श ग्राम में विकसित करने के लिए सैकडों शासन और संस्थाओं के पुरस्कार जीत चुके पेरे पाटिल ने बताया कि, उनके ग्राम में सभी को चार प्रकार के पानी की सप्लाई की जाती है. गर्म पानी भी स्नान आदि के लिए ग्राम पंचायत उपलब्ध करवा रही है. ग्राम पंचायत ने अपने बूते डेढ करोड का भवन बनाया है. जहां इतनी सुविधाएं है कि, वरिष्ठ नागरिक वहां आए तो मशीन से उनके पैर भी दबा दिए जाते हैं. रोज 40 वरिष्ठ किंतु अनाथ लोगों को भोजन ग्राम पंचायत करवाती है. अपने करीब 70 मिनट के दिलचस्प और हंसा कर लोटपोट कर देनेवाले एवं उतने ही विचारणीय संबोधन में पेरे पाटिल ने बताया कि, सभी को वाईफाई फ्री है. भरपूर फल प्रत्येक ग्रामवासी के लिए निशुल्क उपलब्ध है. हाल ही में डेढ लाख नारियल हुए है. गांव में प्रत्येक के घर में नारियल के टोकरें भरें हैं. पेरु, जामून के पेडों से भरपूर मात्रा में फल होने से खाने की कोई पाबंदी नहीं है. पेरे पाटिल ने कहा कि, उनके गांव में केवल पांच हजार रुपए टैक्स प्रत्येक घर से प्रति वर्ष ग्राम पंचायत वसूल करती है. बदले में वर्षभर में 20 हजार से अधिक राशि की सुविधाएं उपलब्ध करवा रही है.
* कालोनियों के सत्कार
साईनगर क्षेत्र की विविध कालोनियों के इस समय उनके द्वारा की गई सराहनीय पहल हेतु सत्कार पेरे पाटिल के हस्ते किए गए. उनमें नित्यानंद कालोनी के नागरिकों का सत्कार दैनंदिन जीवन से प्लास्टिक को बेदखल करने, खंडेश्वर कालोनी में खेल के मैदान विकसित करने, सह्याद्री कालोनी को राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज के विचार अंगीकार करने एवं रविकिरण कालोनी को संपूर्ण सीसीटीवी युक्त करने के लिए वहां के निवासियों का स्नेहिल सत्कार इस समय किया. संचालन व आभार प्रदर्शन मंदार नानोटी ने किया. बडी संख्या में व्याख्यान प्रेमी विशेषकर पर्यावरण की रक्षा में रुचि रखनेवाले उपस्थित थे. आज शनिवार को पुणे के अभय भंडारी का व्याख्यान है. वे देवभूमि भारत विषय पर विचार रखेंगे.
* जारी रहेगी व्याख्यानमाला
आयोजक तुषार भारतीय ने कहा कि, व्याख्यानमाला के आयोजन को एक तप अर्थात बारह वर्ष पूर्ण हो रहे हैं. सभी के विचार और मत से व्याख्यानमाला आगे भी जारी रखने का निर्णय किया जाएगा. उन्होंने कहा कि, समाज में सकारात्मक बदलाव के लिए यह आयोजन शुरु किया गया. भारतीय ने क्षेत्र की कालोनियों की विशेषताओं तथा क्रांतिकारी परिवर्तनों हेतु की गई पहल का गौरवपूर्ण उल्लेख किया.