गर्मी में मटके का ठंडा पानी पीना सबसे उचित
अमरावती/दि.9 – इन दिनों धीरे-धीरे तापमान में वृद्धि होने लगी है और गर्मी का मौसम शुरु हो चुका है. ऐसे में लोगबाग अपनी प्यास बुझाने के लिए ठंडा पानी पीना पसंद करने लगे है. इसके लिए कई लोग फ्रिज के ठंडे पानी और कई लोग मिट्टी से बने मटके के ठंडे पानी का प्रयोग करते है. लेकिन फ्रिज का ठंडा पानी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. वहीं मिट्टी से बने मटके का ठंडा पानी स्वास्थ्य के लिए लाभकारक रहता है. जो प्यास बुझाने के साथ ही शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमता को भी बढाता है और स्वस्थ व निरोगी रहने में भी सहायता करता है. यहीं वजह है कि, आयुर्वेद विशेषज्ञों द्बारा मटके के पानी के प्रयोग को प्राथमिकता देने की बात कहीं जाती है.
उल्लेखनीय है कि, गर्मी का मौसम शुरु होते ही मटकों की मांग में वृद्धि होने लगी है. जिसके चलते शहर सहित जिले में जगह-जगह पर मटकों की दुकानें लग गई है. जहां पर विभिन्न आकार-प्रकार वाले मटके विक्री हेतु उपलब्ध करा दिए गए है. जिनमें आकर्षक नक्काशी व रंग काम रहने वाले लाल मिट्टी के मटके सभी के आकर्षण का केंद्र बने हुए है. वहीं काले मटकों की भी अच्छी खासी मांग है. मांग बढने के साथ ही मटकों की कीमतों में भी अच्छा खासा इजाफा देखा जा रहा है.
* 50 फीसद से बढी कीमतें
इस समय बाजार में विभिन्न आकार-प्रकार वाले काले व लाल मटके विक्री हेतु उपलब्ध हो गए है. गत वर्ष 100 से 150 रुपए में मिलने वाला मटका इस बार 200 से 250 रुपए की दर पर विक्री हेतु उपलब्ध है.
* मटके का पानी ही स्वास्थ्य के लिए ठीक
मटके का पानी ही सही अर्थों में प्यास बुझाता है. इस पानी में ऑक्सीजन का प्रमाण अधिक रहता है और इसके जरिए शरीर को कई खनिज व जीवनसत्व मिलते है. साथ ही इस पानी से ऍसीडीटी, पेट दर्द, सर्दी-खांसी व गले की बीमारियां टल जाती है. मटके का पानी पेट की उष्णता को नैसर्गिक तरीके से ठंडा करता है.
* फ्रिज के पानी का प्रयोग टाले
फ्रिज का ठंडा पानी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक रहता है. इस पानी की वजह से सर्दी-खांसी सहित गले की बीमारियां हो सकती है. साथ ही फ्रिज का पानी प्यास नहीं बुझाता, बल्कि पानी पीने के बाद भी बार-बार प्यास लगती है. इसके अलावा फ्रिज का ठंडा पानी पाचनशक्ति पर भी परिणाम करता है. अत: निरोगी रहने हेतु गर्मी के मौसम दौरान फ्रिज के पानी का प्रयोग टालना चाहिए.
* बेहद कारगर है मटके का पानी
– मिट्टी से बने बर्तन में पानी नैसर्गिक रुप से ठंडा होता है. मिट्टी के बर्तन में छोटे-छोटे छिंद्र होते है, जिनसे पानी का बाष्पीभवन होता रहता है और बाहरी हवा के संपर्क में आकर यह पानी प्राकृतिक रुप से ठंडा होता है.
– इसके अलावा मिट्टी से बने मटके का ठंडा पानी पीने की वजह से पित्त व पेट दर्द की शिकायत नहीं होती. साथ ही सर्दी-खांसी सहित गले की बीमारियां भी नहीं होती.
– मिट्टी से बने मटके का पानी भरपूर मिनरल व पोषक तत्वों से युक्त रहने के साथ ही प्रचूर मात्रा में ऑक्सीजनयुक्त रहता है. जिसके चलते मटके के पानी का प्रयोग करना अपने आप में बेहद कारगर होता है.