अमरावती

83 गांवों में पीने का पानी बन सकता है बीमारी की वजह

जून माह में कई सैम्पल पाये गये दूषित, सतर्कता बरतना जरूरी

अमरावती/प्रतिनिधि दि.१५ – इस समय जिले के सभी ग्रामीण इलाकों में पानी के सैम्पलों की जांच की जा रही है. जिसके तहत जून माह के दौरान की गई जांच के तहत 83 गांवों तथा 43 शहरी क्षेत्रों में पानी के सैम्पल दूषित पाये गये. इन सभी स्थानों से कुल 2 हजार 403 सैम्पल संकलित किये गये. जिसमें ने 5.02 सैम्पल दूषित पाये गये. ऐसे में संबंधित परिसरों में दूषित पानी की वजह से संक्रामक बीमारियां फैलने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता. ऐसे में सभी संबंधित क्षेत्रों में आवश्यक सतर्कता बरतना बेहद आवश्यक है.
इस बारे में जानकारी देते हुए जिला परिषद संक्रामक महामारी विभाग द्वारा बताया गया कि, जलशुध्दीकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा तमाम आवश्यक सतर्कता बरती जा रही है और जिन गांवों में दूषित पानी के सैम्पल पाये गये, वहां तत्काल तमाम आवश्यक उपाय योजनाएं की जा रही है. हालांकि दो चरणों में की गई जांच में पता चला है कि, अब सैम्पलों के दूषित मिलने का प्रमाण पहले की तूलना में कम हो गया है.
ज्ञात रहे कि दूषित पानी की वजह से विभिन्न बीमारियों का संक्रमण होता है और इन बीमारियों का संक्रमण फैलने की संभावना भी काफी अधिक रहती है. जिसके तहत डायरिया, कॉलरा व गैस्ट्रो जैसी बीमारियां फैलने का खतरा होता है. जिले के स्वास्थ्य महकमे द्वारा ऐसी सभी बीमारियों पर नियंत्रण प्राप्त करने हेतु सभी क्षेत्रों में पानी के सैम्पल संकलित किये जाते है और उनकी जांच की जाती है. जिसके तहत इस बार जिले के शहरी व ग्रामीण इलाकों में 126 स्थानों से पानी के सैम्पल दूषित पाये गये.

  • तहसीलनिहाय समीक्षा

क्षेत्र                    कुल सैम्पल     दूषित सैम्पल
अमरावती               123               23
अंजनगांव सूर्जी        116                2
अचलपुर                 163                5
चांदूर रेल्वे               113                1
धामणगांव रेल्वे        104               28
चांदूर बाजार            150                2
तिवसा                     71                00
दर्यापुर                     90                1
नांदगांव खंडे.           154               3
वरूड                       91                00
मोर्शी                      145              00
भातकुली                  58               00
चिखलदरा               144               11
धारणी                    203                7

कुल सैम्पल जांचे – 2,304
दूषित पाये गये सैम्पल – 83
दूषित सैम्पलों का प्रतिशत – 5.2
बॉक्स सेटिंग पर विशेष ध्यान दें
शहर – 6.8, सर्वाधिक दूषित तहसील
अमरावती – 17.4
धामणगांव रेल्वे – 26.9
चिखलदरा – 6.0

  • अब हालात में सुधार

स्वास्थ्य महकमे के मुताबिक अब पानी के सैम्पल दूषित पाये जाने का प्रमाण बेहद कम हो गया है. कोविड संक्रमण काल के दौरान भी हमेशा की तरह पानी के सैम्पलों की जांच चल रही थी. जिन गांवों में पानी के सैम्पल दूषित पाये गये, उन गांवों की सूची संबंधित ग्रामपंचायतों को दी गई है. जिसके बाद ग्राम पंचायतों द्वारा पानी के दूषित होने की वजहों की पडताल करने के साथ ही आवश्यक कदम उठाये जा रहे है.
– दूषित जलापूर्ति न हो इस हेतु आवश्यक सतर्कता बरतते हुए संबंधित परिसर को साफ-सूथरा रखना आवश्यक है. साथ ही जलापूर्ति की पाईपलाईन में रहनेवाले लिकेज को भी दुरूस्त करना जरूरी है. इसे लेकर जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिलीप रणमले तथा संक्रामक रोग अधिकारी डॉ. मनीषा सूर्यवंशी ने आवश्यक दिशानिर्देश जारी किये है.

  • सभी जगहों पर की जा रही पानी की जांच

– स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में लगभग सभी क्षेत्रों में पानी के सैम्पलोें की जांच की जाती है.
– जिले में कुल 840 ग्रामपंचायतें है. जहां से 1 हजार 774 सैम्पल लेेकर उनकी जांच की गई. साथ ही शहरी क्षेत्र के 629 सैम्पल जांच हेतु संकलित किये गये. दोनों क्षेत्रों में अब तक कुल 136 सैम्पल दुषित पाये गये है.

  • बीमार नहीं पडता है, तो पानी उबालकर पीयो

– दूषित पानी की वजह से जलजन्य बीमारियों के होने का खतरा रहता है. अमूमन बारिश के मौसम में ऐसी बीमारियां फैलने की संभावना अधिक रहती है. ऐसी स्थिति में मान्सून पूर्व व मान्सून पश्चात ऐसे दो स्तर पर पानी के सैम्पलों की जांच की जाती है.
– दूषित पानी की वजह से कॉलरा, गैस्ट्रो, डायरिया, पिलीया, विषमज्वर, गोवर व एंफ्ल्यूएंझा जैसी बीमारियोें का संक्रमण हो सकता है. ऐसे में डॉक्टरों द्वारा पीने के पानी को शुध्द व निर्जंतुक करने की सलाह दी गई है.
– स्वास्थ्य विभाग द्वारा शुध्द जलापूर्ति को लेकर निर्देश जारी किये जाते है तथा ग्राम पंचायत द्वारा जलापूर्ति को लेकर सतर्कता बरते जाने की जरूरत रहती है. इसके बावजूद यदि जलापूर्ति में कही किसी तरह की कोई लापरवाही या खामी पायी जाती है, तो उसकी सूचना तुरंत स्वास्थ्य विभाग को दी जाये, ऐसा निर्देश भी ग्राम पंचायतों को दिया गया है.

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