अमरावती – शहर सहित संपूर्ण जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. इस हालात में प्रादेशिक परिवहन विभाग की ओर से कोरोना की चिंता किए बगैर तहसील स्तर पर सरकारी विश्रामगृह में वाहनों के लर्निंग लायसेंस और परमानेंट लायसेंस सहित अन्य दस्तावेजों की खानापूर्ति करने के लिए मासिक शिविर की शुरूआत की गई है.
यहां बता दे कि कोरोना विपदा के शुरूआती दौर में प्रादेशिक परिवहन विभाग की ओर से इन मासिक शिविरों को रद्द किया गया था. वाहन चलाने का लायसेंस जीवनावश्यक वस्तुओं में समावेश नहीं रहने से उसे बंद रखा गया है. सरकार की ओर से अनलॉक करते हुए जगह-जगह भीड न हो इसकी सूचना प्रशासकीय कार्यालय को दी गई है. लेकिन परिवहन विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में शिविर लेने का पत्र हाल ही में परिवहन आयुक्त की ओर से आरटीओ को भेजा गया है.जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी को सूचित किए बगैर ही यह शिविर शुरू करने की सूचनाएं दी गई है. वहीं जिलाधिकारी के आदेश का इंतजार न करते हुए प्रादेशिक परिवहन अधिकारी द्वारा शिविर का टाइमटेबल घोषित किया गया है. शिविरों में कम से कम २०० से ३०० लोग भीड करते है. तहसील के विश्राम भवन में काफी छोटे होते है. यहां लोग एक दूसरे से सटे खडे होते है. ऐसे में कोरोना काल में इन शिविर में आनेवाले लोगों को बीमारी का खतरा बढ़ सकता है. इस पर भी सवाल उठ रहे है. सरकार की ओर से कोरोना विपदा की के दौर को देखते हुए लायसेंस निकालने की अवधि को ३१ दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है. बावजूद इसके प्रादेशिक परिवहन विभाग की ओर से जनता की जान जोखिम में डालने की का प्रयास कर रही है.