वन्य प्राणियों की हो रही तृष्णा तृप्ती
चिखलदरा/दि.19- बेमौसम बारिश विदर्भ सहित महाराष्ट्र को ऐन ग्रीष्मकाल में चकमा देते हुए ओलावृष्टि सहित होने के कारण गर्मी में ठंडक निर्माण हुई है. चिखलदरा में मार्च से मई महीने में सिर्फ तीन दिनों में 110 मिलीमीटर बारिश दर्ज पाटबंधारे विभाग के जलमापन केंद्र पर हुई है. परिणामस्वरुप पर्यटन स्थल के सूखे पड़े और सिर्फ बारिश में लबालब झरने अब गर्मी के दिनों में छलकते दिखाई देने का चित्र है.
चिखलदरा तहसील में बुधवार की दोपहर 4 बजे घंटेभर में 37 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई. इससे पूर्व 3 मई को 44 एवं 19 मार्च को 29 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है. बावजूद इसके 2, 4, 6 मिलीमीटर छिटपुट बारिश दर्ज की गई है.
सितंबर महीने में बारिश खत्म होती है. फिर भी चिखलदरा पर्यटन स्थल अक्तूबर महीने के आखिरी तक बारिश होती है. नवंबर से फरवरी दरमियान शीतऋतु में ठंड, लबालब झरने, गगनचुंबी हरेभरी वादियों में सफेद ओंस के कारण पर्यटन के स्वर्ग में नहाकर निकलने का आनंद पर्यटक चिखलदरा में उठाते हैं.
* सूखा जत्राडोह बहने लगा
यहां भीमकुंड, जत्राडोह, पंचबोल, देवी पॉईंट सहित ऊंची पहाड़ियों से बहने वाले झरने है. बुधवार की दोपहर 4 बजे हुई बारिश के कारण सूखा पड़ा जत्राडोह पानी से लबालब हो बहने का चित्र है.
* चारे का प्रश्न गंभीर
ग्रीष्मकाल में बेमौसम बारिश के कारण जमीन पर घास व चारा उग आया है. बारिश तक वे नष्ट होंगे. परिणामस्वरुप आगामी कुछ दिनों में चारे का प्रश्न विकट होने की संभावना है.