अमरावती/प्रतिनिधि दि.११ – गणेश चतुर्थी के दूसरे दिन श्रद्धालुओं द्वारा ऋषि पंचमी मनायी जाती है. अमरावती सहित विदर्भ के श्रद्धालु इस दिन शेगांव के संत श्री गजानन महाराज की मनोभाव से पूजा-अर्चना, श्री गजानन विजय ग्रंथ का पारायण व झुनका भाकर, प्याज का नैवेद्य अर्पण करते हैं. क्योंकि इन पांच दिनों में श्री गजानन महाराज ने समाधि ली थी. इस कारण भाविकों के लिए यह दिन महत्वपूर्ण है.
लेकिन कोरोना नियमों के कारण मंदिर बंद रहने से श्रद्धालु घर में ही ऋषि पंचमी मना रहे हैं. विदर्भ के आराध्य दैवत संत श्री गजानन महाराज की स्मृति में यह दिन दूसरे वर्ष भी श्रध्दालुओं व्दारा घर पर ही पूजा, पारायण व नैवेद्य कर मनाया जा रहा है.
इस दिन सप्तर्षी की भी पूजा की जाती है. सातों ऋषियों ने भारतीय समाज के उत्थान के लिए अपना जीवन अर्पित किया. उनकी स्मृति में भी अनेक लोग उपवास रखकर यह दिन मनाते हैं. इस दिन नदी, सरोवर में मंगल स्नान करने की परंपरा है. लेकिन इस बार कोरोना प्रतिबंधक शासन निर्णय के कारण भाविकों को घर पर पूजा, प्रार्थना करनी पड़ी. हमेशा श्री गजानन महाराज मंदिरों में एक दिन का ऋषि पंचमी का कार्यक्रम होता है. श्री का अभिषेक, आरती व महाप्रसाद का वितरण होता है. लेकिन इस बार कोरोना के कारण कार्यक्रम नहीं होगा.