संक्रमितों की संख्या घटने से दोनों प्रस्तावित कोविड अस्पताल अब ठंडे बस्ते में
अंत तक अस्पताल शुरू करने की नौबत ही न आये, ऐसी सबकी अपेक्षा
अमरावती प्रतिनिधि/दि.१२ – विगत माह कोरोना संक्रमितों की लगातार बढती संख्या के मद्देनजर सरकारी व निजी कोविड अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजोें को भरती करने हेतु बेड कम पडने लगे थे. जिसके चलते जिला प्रशासन द्वारा सुपर स्पेशालीटी हॉस्पिटल से सटे सरकारी आयटीआय की इमारत सहित विभागीय क्रीडा संकुल के प्रशस्त हॉल में दो कोविड अस्पताल बनाने के प्रयास शुरू किये थे. किंतु वहीं अब जारी अक्तूबर माह के दौरान कोरोना के नये संक्रमित मरीज मिलने का प्रमाण घटा है. साथ ही इससे पहले कोरोना संक्रमित पाये गये मरीज बडी संख्या में कोविड मुक्त होकर डिस्चार्ज प्राप्त करते हुए अपने घर लौट रहे है. ऐसे में सभी सरकारी व निजी कोविड अस्पतालों में बडे पैमाने पर बेड खाली पडे है. जिसकी वजह से अब दोनों नये प्रस्तावित कोविड अस्पतालों को शुरू करने का काम रोक दिया गया है, क्योंकि फिलहाल जिले में अतिरिक्त बेड की जरूरत ही नहीं बची. साथ ही हर कोई अब यहीं अपेक्षा कर रहा है कि, धीरे-धीरे कम होते हुए कोरोना की संक्रामक बीमारी पूरी तरह से खत्म हो जाये और अंततक नये कोविड अस्पताल बनाने की जरूरत ही न पडे.
ज्ञात रहे कि, अगस्त व सितंबर माह में कोरोना संक्रमितों की संख्या में अचानक तेजी आयी थी और आये दिन ३०० से ४०० नये संक्रमित मरीज सामने आ रहे थे. जिसकी वजह से स्वास्थ्य विभाग एवं उपलब्ध सुविधाओं पर काम का बोझ अचानक बढ गया था. यहीं वजह रही कि, बीते पखवाडे के दौरान अमरावती शहर में दो नये हॉस्पिटल शुरू करने की संकल्पना पर काम करना शुरू किया गया. जिसके तहत सरकारी आयटीआय परिसर के गोदाम में तथा विभागीय क्रीडा संकुल के हॉल में दो कोविड हॉस्पिटल शुरू करने की तैयारियां शुरू की गई. जिसके तहत जिला पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर (Foster Minister Ed Yashomati Thakur), जिलाधीश शैलेश नवाल (Collector Shailesh Naval) व जिला शल्य चिकित्सक डॉ. श्यामसुंदर निकम ने दोनों स्थानों का दौरा किया. साथ ही यहां पर प्राथमिक व मुलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की तैयारियां भी शुरू की गई.
इसके अलावा अस्थायी तौर पर निधी का भी प्रावधान किया गया, लेकिन अब जारी अक्तूबर माह के प्रारंभ से नये संक्रमित मरीज मिलने का प्रमाण काफी हद तक घटा है और पहले से कार्यरत कोविड अस्पतालों में ही काफी बेड रिक्त पडे है. ऐसे में अब नये अस्पताल खोलने की फिलहाल जरूरत नहीं है. जिसके मद्देनजर फिलहाल नये अस्पतालों के काम के प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है. हालांकि इन तैयारियों को एकदम से खत्म नहीं किया गया. क्योंकि फिलहाल कोरोना संक्रमण का खतरा टला नहीं है.
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‘वह‘ विरोध अपने आप ही खत्म
विभागीय क्रीडा संकुल में कोविड हॉस्पिटल बनाये जाने का क्रीडा क्षेत्र के लोगों द्वारा विरोध किया जा रहा था. उनका कहना था कि, यहां पर हॉस्पिटल बनाये जाने पर कुछ समय के लिए क्रीडा संबंधी गतिविधियों पर ब्रेक लग जायेगा. हालांकि कोरोना काल के दौरान सभी तरह क्रीडा गतिविधियां बंद ही थी. लेकिन बाद में मिशन बिगेन अगेन व अनलॉक के चलते कुछ बातों को नये सिरे से शुरू किया गया. जिसमें कुछ क्रीडा प्रकारों को भी छूट दी गई. यह दुबारा न रूके, इस हेतु कई क्रीडा संस्थाओं द्वारा यहां पर अस्पताल शुरू करने का विरोध किया जा रहा था, लेकिन अब चूंकि यह मामला ही ठंडे बस्ते में चला गया है, तो यह विरोध भी अपने आप ही खत्म हो गया.
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इमारत नहीें बनी तो भी, रास्ता होना चाहिए
जानकारी के मुताबिक आयटीआय के कुछ परिसर तथा इससे ही लगकर रहनेवाले राजस्व अधिकारियों के बंगलों की जगह का प्रयोग प्रस्तावित सरकारी मेडिकल कालेज के लिए किया जाना है. इस महाविद्यालय को जोडने हेतु जिला स्त्री अस्पताल से होते हुए इर्विन पहुंचनेवाले रास्ते का काम भी इस काम में प्रस्तावित था. ऐसे में अब यद्यपि भविष्य के लिहाज से जरूरत नहीं रहने के चलते यहां पर प्रस्तावित कोविड अस्पताल नहीं बनाया जा रहा. लेकिन उस सडक का निर्माण अवश्य किया जाये. ऐसी मांग और सुझाव सामने आये है. जिसका प्रशासन द्वारा क्या निर्णय लिया जाता है, यह देखनेवाली बात होगी.
जिले में कोरोना संक्रमितों की लगातार बढती संख्या और फिलहाल काम कर रहे सरकारी व निजी कोविड अस्पतालों में मरीजों को भरती करने हेतु उपलब्ध बेड की संख्या को देखते हुए फिलहाल नये कोविड अस्पताल शुरू करने की जरूरत महसूस नहीं हो रही. ऐसे में दोनों प्रस्तावित अस्पतालों को शुरू करने का काम फिलहाल रोक दिया गया है. – शैलेश नवाल अध्यक्ष, जिला आपत्ति व्यवस्थापन प्राधिकरण, जिलाधीश, अमरावती.