चुनाव के कारण गांव-गांव में गूंज रही है डिजिटल आवाज
विधानसभा चुनाव निमित्त विविध दलों के कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर शुरु की टैगलाईन
अमरावती/दि. 31– जिले में आदर्श आचार संहिता लागू होते ही विविध दलों के कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर हमारा ही नेता विधायक होगा, ऐसी टैगलाईन शुरु की है.
गांव-गांव में वर्तमान में चुनावी चर्चा जारी है. कुछ उत्साही कार्यकर्ता तथा विधानसभा का टिकट अपने समर्थक को ही मिलने बाबत अब तक कमेंट कर रहे थे. चुनाव प्रचार के लिए राजनीतिक दल अलग-अलग तकनीक का इस्तेमाल करते रहते है. इसमें सभा, पदयात्रा, बैनर आदि का इस्तेमाल किया जाता है. पहले गांव में बैनर, पोस्टर लगने के बाद चार पहिया वाहन गांव में पहुंचते ही चुनाव की धामधूम शुरु हुई दिखाई देती थी. लेकिन अब डिजिटल युग में उम्मीदवारों के प्रचार की जिम्मेदारी इवेंट कंपनी ने संभाली है. इस कारण सडकों पर कार्यकर्ताओं की बजाए सोशल हैंडलर्स का दबदबा बढ गया है. वर्तमान में विधानसभा चुनाव प्रचार की धामधूम सभी तरफ शुरु हो गई है. जनसभा की अब तक भले ही शुरुआत न हुई हो फिर भी विज्ञापनों के माध्यम से और सोशल मीडिया पर विविध पोस्ट और रिल्स से प्रचार की शुरुआत हो गई है. वाईस ओवर, ग्राफिक्स, वीडियो क्लिक के माध्यम से मतदाताओं तक पहुंचा जा रहा है. सीधे मतदाताओं तक पहुंचने के लिए पर्याय के रुप में सभी राजनीतिक दलों ने इसका भरपुर इस्तेमाल करने शुरु किया है. कुल मिलाकर विधानसभा चुनाव में मतदाताओं तक पहुंचने के लिए नए तकनीकी ज्ञान का इस्तेमाल हाल में बडी मात्रा में बढा हुआ निर्वाचन क्षेत्र में दिखाई देता है.
* उम्मीदवारों के लिए बने प्रचारदूत
उम्मीदवारों के लिए गीत लिखना, भाषण तैयार करना, रथ तैयार करना, निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं का सर्वेक्षण आदि सभी काम इवेंट कंपनी कर लेती है. इस कारण कार्यकर्ताओं का तनाव कम हुआ है. यह सोशल हैंडलर्स नेताओं के वीडियो, फोटो, मैसेज तत्काल वायरल करते है. फिर भी मतदाताओं से मुलाकात, चौराहों पर भेंट का महत्व कम नहीं हुआ है. लेकिन फेसबुक, इस्टाग्राम, वॉटस्ऍप, ट्वीटर जैसे माध्यम से उम्मीदवारों की पोस्ट सोशल हैंडलर्स डाल रहे है. इस कारण उम्मीदवारों के लिए हैंडलर्स प्रचारदूत बन गए है.