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अत्याधिक रक्तस्त्राव के चलते पहले ही काफी सिरियस थी वह महिला

हमने बचाने का पूरा प्रयास किया, असफल रहे

* नव प्रसूता की मौत पर रिम्स अस्पताल ने जारी किया स्पष्टीकरण

अमरावती/दि.16- गत रोज स्थानीय रिम्स अस्पताल में प्रणिता तुषार पूरी नामक नवप्रसूता महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई. जिसके बाद इस महिला के परिजनों ने रिम्स् अस्पताल में काफी हंगामा मचाया और महिला की मौत के लिए जिम्मेदार डॉक्टरों पर कार्रवाई करने की मांग करते हुए शव को स्वीकार करने से मना किया. ऐसे में इस पूरी घटना को लेकर रिम्स् अस्पताल के संचालक डॉ. श्याम राठी ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि, रिम्स् अस्पताल में लाये जाने से पहले ही इस महिला की स्थिति काफी गंभीर थी. ऐसे में अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने महिला के परिजनों को पुरी स्थिति से अवगत कराते हुए उसे बचाने का पूरा प्रयास किया. हालांकि इस महिला को बचाया नहीं जा सका.
रिम्स् अस्पताल की ओर से डॉ. श्याम राठी द्वारा जारी की गई प्रेस विज्ञप्ती में बताया गया कि, प्रणिता तुषार पुरी नामक महिला को प्रसूति हेतु मुधोलकर पेठ स्थित एक निजी अस्पताल में 13 दिसंबर को रात 8.45 बजे भरती कराया गया था. जहां पर 14 दिसंबर की सुबह 11.05 बजे इस महिला की प्रसूति सामान्य तरीके से हुई और उसने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया. किंतु प्रसूति के बाद इस महिला को काफी अधिक रक्तस्त्राव हुआ और उसका स्वास्थ्य लगातार बिगडने लगा. ब्लड प्रेशर के लगातार कम होने और रक्तस्त्राव के लगातार जारी रहने के चलते मुधोलकर पेठ स्थित अस्पताल से इस महिला को रिम्स् अस्पताल में रेफर किया गया. जिस समय इस महिला को रिम्स् अस्पताल में लाया गया, तब उसकी स्थिति काफी सिरियस ही थी. ऐसे में उसे तुरंत आयसीयू में भरती कराया गया. अत्याधिक रक्तस्त्राव हो जाने की वजह से मरीज के महत्वपूर्ण अवयवों पर परिणाम होना शुरू हो चुका था. ऐसे में ब्लड प्रेशर के सामान्य होते ही इस महिला को तुरंत ऑपरेशन थिएटर ले जाया गया. जहां पर रक्तस्त्राव को रोकने हेतु डॉक्टरों द्वारा तमाम जरूरी प्रयास किये गये, लेकिन इसके बावजूद भी रक्तस्त्राव नहीं रूकने की वजह से उसके गर्भाशय को निकालने का निर्णय लिया गया. साथ ही इस दौरान उसे ब्लडयूनिट सहित रक्त के अन्य घटक एफएफपी भी चढाये गये. लेकिन इसके बावजूद मरीज के शरीर में रक्त जमा होने की प्रक्रिया असंतुलित होते हुए ‘एक्युट डीआयसी’ की स्थिति निर्माण हुई और इसका इलाज जारी रहने के दौरान इस महिला मरीज के हृदय ने अचानक ही काम करना बंद कर दिया और डॉक्टरों की टीम द्वारा किये गये अथक प्रयासों के बावजूद इस महिला की मौत हो गई.
इस पूरे स्पष्टीकरण के साथ ही डॉ. श्याम राठी ने बताया कि, जिस समय इस महिला को रिम्स् अस्पताल में इलाज हेतु लाया गया था, तब उसकी हालत पहले से ही काफी खराब थी और रिम्स् अस्पताल के डॉक्टरों ने इस महिला की जान बचाने हेतु अपनी ओर से हर संभव प्रयास किये. किंतु यह बेहद अफसोसवाली बात रही कि, तमाम प्रयासों के बावजूद उस महिला को बचाया नहीं जा सका, क्योंकि उसके शरीर से रक्तस्त्राव रूक हीं नहीं रहा था. ऐसे में डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही बरतने को लेकर लगाया गया आरोप पूरी तरह से गलत है.

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