अमरावती/प्रतिनिधि दि.30 – मेलघाट क्षेत्र के काटकुुंभ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के गंगारखेड़ा भूमि गांव में गत शनिवार को 19 महीने की बालिका को सांप ने डस लिया था. बालिका के अभिभावकों ने उसे काटकुंभ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लाया. जहां चिकित्सकों ने मेडिकल प्रोटोकाल के अनुसार तत्काल उपचार किया. जिससे बालिका की जान बच गई. एंटी डोज यह सर्पदंश पर रामबाण उपाय है. इसलिए नागरिकों ने तांत्रिक-मांत्रिकों या फिर भूमका के पास न जाते हुए अस्पताल में ही उपचार लेने की सलाह स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी गई है.
बता दें कि देश में सर्पदंश की तकरीबन 2 लाख घटनाएं सामने आती है. सर्पदंश का शिकार होने वाले लोगों को प्राथमिक उपचार के अलावा अस्पताल में लाना भी जरुरी होता है. सर्पदंश की अधिकांश घटनाएं ग्रामीण इलाकों में ही घटित होती है. बारिश के दिनों में यह प्रमाण अधिक होता है. ग्रामीण इलाकों में खेतों में काम करने वाले लोगों के साथ ही सर्पदंश की घटनाएं ज्यादा सामने आती है. कुल सर्पदंश में से 80 फीसदी घटनाएं बिना जहरीले सांपों की वजह से होती है. ऐसे में धीरज रखते हुए उचित मेडिकल उपचार लेने पर व्यक्ति की जान बच सकती है. शनिवार को गंगाखेड़ा में 19 महीने की भूमि अर्जुन गाठे को शाम के समय सांप ने दंश किया, उस समय भूमि के अभिभावकों ने उसे तुरंत काटकुंभ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मेंं लाया.जहां पर उपचार के दौरान उसकी जान बचाई जा सकी. इस समय डॉ.आदित्य पाटील ने बालिका की जांच कर उसे इंजेक्शन के जरिए एन्टी डोज देकर औषधोपचार किया. फिलहाल भूमि की हालत बेहतर है.
डॉ. पाटील ने बताया कि सर्पदंश होने के बाद तत्काल प्राथमिक उपचार करने से मरीज की जान बचाई जा सकती है. इसलिए सर्पदंश वाले मरीज को अस्पताल लाना चाहिए. सर्पदंश होने पर इलास्टिक क्रेप बैन्डेज हाथ या पैर पर बांधा जाये, जिससे जहर संपूर्ण शरीर में न फैल सके. कोई भी तंत्र-मंत्र करने से सांप का जहर निकलता नहीं है. वर्ष 2020-21 में जिले में 1088 सर्पदंश की घटनाएं सामने आयी है. इनमें से 29 लोगों की मृत्यु हुई है.