सरकी के दाम बढने से कपास के दामों में 300 रुपए की वृद्धि
80 फीसद किसानों ने पहले ही बेच दी अपनी कपास

* इस समय भी दाम गारंटी मूल्य से कम ही चल रहे
अमरावती/दि.27– स्थानीय बाजार में मांग बढ जाने के चलते सरकी के दाम में प्रति क्विंटल के पीछे 200 से 300 रुपए की वृद्धि हुई है. जिसके चलते कपास के दाम भी 7250 रुपए से 7500 रुपए प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंच गए है. परंतु 80 फीसद किसानों द्वारा इससे पहले ही अपनी कपास को बेच दिया गया है और केवल 15 से 20 फीसद किसानों द्वारा ही दर वृद्धि की प्रतीक्षा में कपास का स्टॉक किया गया है. सीसीआई द्वारा कपास की खरीदी 24 मार्च से बंद कर दी गई है. ग्रेड कम किए जाने के चलते सीसीआई के दाम गारंटी मूल्य की बजाए 7421 रुपए प्रति क्विंटल थे. जिसमें सरकी के दाम इससे पहले 3300 रुपए प्रति क्विंटल थे. जो 26 मार्च को 3750 रुपए प्रति क्विंटल तक जा पहुंचे. प्रति वर्ष गर्मी के सीजन दौरान सरकी के दामों में कुछ हद तक वृद्धि होती है. साथ ही अंतरराष्ट्रीय हलचलों का भी फर्क दामों पर पडा है. जिसकी वजह से स्थानीय बाजार में कपास की कुछ हद तक दर वृद्धि हुई है. परंतु यही दरें कायम रहेंगी या दामों में और तेजी आएगी यह फिलहाल निश्चित नहीं है.
* गांठ के दाम 5150 रुपए पर
सरकी के दाम में वृद्धि होने के बावजूद रुई के दाम में अब तक कोई वृद्धि नहीं हुई है. इस समय रुई के दाम 65 सेंट प्रति पाऊंड हैं. वहीं गांठ (170 किलो) के दाम 5170 रुपए पर है. रुपए की तुलना में डॉलर की दर वृद्धि तथा चीन के गारमेंट उत्पादों पर अमरिका द्वारा बढाए गए टेरीफ सहित अन्य बातों की वजह से देशांतर्गंत कपास के दाम स्थिर रहने की जानकारी बाजार सूत्रों द्वारा दी गई है.
* सरकी के दाम में वृद्धि होने की वजह से कपास के स्थानीय दामों में थोडी तेजी दिखाई दे रही है. परंतु यह तेजी आगे भी बनी रहेगी, इसकी कोई शाश्वती नहीं है. क्योंकि दाम में होनेवाले उतार-चढाव के लिए विविध घटक कारणीभूत रहते है.
– पवन देशमुख
कृषि उपज विशेषज्ञ.