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मतदान टका बढने से अफसर अपने मुंह मियां मिठ्ठू

खुद ही थपथपा रहे अपनी पीठ

* डेढ प्रतिशत बढोतरी पर इतराना
* वोटर लिस्ट की खामियों का दोष किसे दें!
अमरावती/दि. 4- अमरावती लोकसभा क्षेत्र के मतदान प्रतिशत में कथित रुप से बढोतरी के लिए अधिकारियों द्वारा स्वयं की कार्यक्रम आयोजित करना और अपनी पीठ थपथपा लेने का प्रकार चर्चा का विषय बना है. अमरावती में वोटिंग प्रतिशत बढने का श्रेय गांव-देहात के लोगों को देने की बजाए अधिकारी खुद की वाहवाही में मशगुल दिखाई दे रहे हैं. जबकि ग्रामीण में मतदान का प्रतिशत बढने के अनेक कारण हैं. जिसमें राजनेताओं का योगदान सबसे अहम रहा. उसी प्रकार यह भी कह सकते है कि, आदिवासी बहुल मेलघाट ने अमरावती शहर की लाज बचा ली.
* क्या किया अफसरों ने
लोकसभा चुनाव का कार्यक्रम 16 मार्च को घोषित किया गया था. उसके साथ ही आयोग ने अधिकारियों को वोटिंग बढाने के प्रोटोकॉल और निर्देश दिए थे. अफसरान ने अमरावती में परिपाटी का बराबर पालन किया. शाला-महाविद्यालय में जाकर मतदान करने का संदेश दिया. रोटरी क्लब के माध्यम से अमरावती शहर में ढेर सारे संगठनों को जोडकर मतदान जागरुकता रैली निकाली. जिसमें 15 हजार 700 लोगों के सहभागी होने का पक्का आंकडा प्रशासन ने दिया.
* अमरावती-बडनेरा फिसड्डी
अमरावती लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा अमरावती, बडनेरा, दर्यापुर, अचलपुर, तिवसा और मेलघाट का समावेश है. वोटिंग प्रतिशत में पिछली बार के मुकाबले लगभग तीन प्रतिशत का उछाल का दावा किया गया. मगर अमरावती और बडनेरा जैसे शहरी क्षेत्र ही मतदान में पीछे रह गए. अमरावती में 57.52 तो बडनेरा में 55.78 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. साफ है कि, 71 प्रतिशत से अधिक मेलघाट, 68 प्रतिशतवाले अचलपुर एवं 66 प्रतिशतवाले दर्यापुर से अमरावती पिछड गया. इसके बावजूद अफसरान ने शुक्रवार को गौरव समारोह आयोजित कर एक-दूसरे के सम्मान किए. पुरस्कारो का आदान-प्रदान किया.
* 25 साल में रिकॉर्ड का दावा
गत 25 वर्षो में अमरावती क्षेत्र में रिकॉर्ड 63.67 प्रतिशत मतदान का दावा प्रशासन का है. उसके पिछले वर्ष अर्थात 2019 के चुनाव में 60.76 प्रतिशत और 2014 के चुनाव में 62.16 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया था. बेशक 25 वर्षो में इस बार का मतदान प्रतिशत बेहतर है. किंतु आयोग ने 75 प्रतिशत वोटिंग का लक्ष्य दिया था. प्रचार अभियान पर पानी की तरह पैसा भी बहाया गया. फिर भी लक्ष्य से बहुत पीछे रहने के बावजूद अफसरो का एक-दूसरे की पीठ थपथपाना, वाहवाही करना अमरावती में चर्चा का विषय बना है.
* स्थानीय विधायकों की कोशिशें
अमरावती लोकसभा की बात करें तो अमरावती और बडनेरा छोडकर शेष 4 क्षेत्रों मेलघाट, अचलपुर, दर्यापुर और तिवसा में तुलना में अच्छा वोटिंग हुआ है. इसके पीछे स्थानीय विधायकों के प्रयास साफ परिलक्षित हो रहे है. दर्यापुर के विधायक खुद उम्मीदवार थे. अचलपुर और मेलघाट के विधायकों ने अपने प्रत्याशी के कारण वोटिंग करवाने पर पूरा जोर दिया. नि:संदेह विधायक राजकुमार पटेल 71.55 प्रतिशत वोटिंग के साथ बाजी मार गए. अचलपुर में 68.84, दर्यापुर में 66.68 और तिवसा में 64.14 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ है तो प्रशासन नहीं बल्कि स्थानीय राजनेताओं और उनके कार्यकर्ताओं की बडी मेहनत रहने की बात लोग कर रहे हैं. मेलघाट में ईवीएम धीमी रहने के कारण रात 10.30 बजे तक लोग वोट देने के लिए कतार में लगे थे.
* वोटर लिस्ट का घालमेल
वोटिंग के कथित कीर्तिमान के लिए अपने मुंह मियां मिठ्ठू बन रहे अफसरान वोटर लिस्ट पर ध्यान देते तो अमरावती और बडनेरा का भी मतदान प्रतिशत बढा हुआ दिखाई देता. उस दिन अमरावती मंडल को लिस्ट से नाम गायब हो जाने के कारण वोटिंग नहीं कर पाने की ढेरों शिकायतें नागरिकों ने की थी. माना कि, थोडी-बहुत गलती नागरिकों की भी है. अपना नाम वोटर लिस्ट में उन्होंने चेक कर लेना था. मगर वोटर लिस्ट अपडेट करने और नाम घटाने की कवायद करनेवाले प्रशासन के अधिकारी मतदान के दिन वोटर्स के प्रश्नों का उत्तर नहीं दे पा रहे थे. मतदान के बाद प्रशासन के मुखिया ने वोटर लिस्ट अपडेट करने के निर्देश दिए हैं. ताकि विधानसभा चुनाव में गफलत न रहें.

* पिछले तीन चुनाव का वोटिंग
वर्ष          मतदाता          मतदान       प्रतिशत
2014     16,10,262     10,01,063      62.16
2019     18,30,531     11,12,248      60.76
2024     18,36,078     11,69,121       63.67

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