मेलघाट में एंबुलन्स के अभाव में बालक सहित प्रसूत माता की मौत
दहेंद्री ग्राम की घटना, स्वास्थ यंत्रणा की लापरवाह कार्यप्रणाली
अमरावती/दि. 2 – बालमृत्यु और मातामृत्यु की घटना के कारण हमेशा चर्चा में रहनेवाले मेलघाट के स्वास्थ विभाग की लापरवाह कार्यप्रणाली फिर उजागर हुई है. दहेंद्री गांव की एक गर्भवती महिला को समय पर एंबुलन्स उपलब्ध न होने से उसी घर पर ही प्रसूति हो गई. इसमें उसके बच्चे की मृत्यु हो गई. तथा प्रसूति के बाद हालत बिगडने से उस 20 वर्षीय माता की भी रविवार को जिला अस्पताल के आईसीयू विभाग में उपचार के दौरान मृत्यु हो गई. इस घटना से मेलघाट की स्वास्थ सुविधा पर प्रश्नचिन्ह निर्माण हो गया है.
मेलघाट स्वास्थ का प्रश्न अधिक गंभीर है. आज भी यहां के बहुल क्षेत्र के नागरिकों को उपचार सुविधा उपलब्ध नहीं होती दिखाई देती है. चिखलदरा तहसील के दहेंद्री गांव निवासी कविता अनिल साकोम (20) नामक गर्भवती महिला को शनिवार 31 अगस्त को सुबह से प्रसूति वेदना शुरु हो गई थी. महिला के रिश्तेदारों ने इसकी जानकारी देते हुए स्वास्थ विभाग से एंबुलन्स की मांग की थी. लेकिन एंबुलन्स आने में 3 से 4 घंटे लगेगे ऐसा उन्हें कहा गया. आखिरकार इस महिला की घर पर ही प्रसूति हुई. लेकिन इसमें मृत नवजात ने जन्म दिया. प्रसूति के बाद कविता की हालत बिगडने से उसे तत्काल निजी वाहन से चुरणी के ग्रामीण अस्पताल में लाया गया. लेकिन उसकी हालत अधिक बिगडने से उसे वहां से अचलपुर उपजिला अस्पताल में रेफर किया गया. लेकिन कविता उपचार में कोई प्रतिसाद देती न दिखाई देने पर उसे तत्काल अमरावती जिला अस्पताल रेफर किया गया. शनिवार मध्यरात्री के बाद 3 बजे के दौरान कविता को लेकर उसके रिश्तेदार जिला अस्पताल पहुंचे. वहां उसे जांच कर आईसीयू में रखा गया. लेकिन रविवार को तडके 6 बजे के दौरान कविता की मृत्यु हो गई. प्रसूति के समय रुग्णवाहिका समय पर उपलब्ध होती तो कविता और उसका बच्चा शायद बच गया होता, ऐसा आरोप रिश्तेदारों ने किया है. 102 रुग्णवाहिका यह अन्य मरीज को लेकर जाने से समय पर उपलब्ध नहीं हो पाई. लेकिन निजी वाहन के लिए एक हजार रुपए की सहायत सीएचओ ने संबंधित महिला के परिवार को दी रहने की जानकारी है.
* समय पर एंबुलन्स न मिलने से मां-बेटे की जान गई
पत्नी को प्रसूति वेदना शुरु होने के बाद एंबुलन्स के लिए कॉल किया था. लेकिन एंबुलन्स नहीं मिली. इस कारण घर पर ही प्रसूति हुई. पश्चात पत्नी को भी ले जाने एंबुलन्स न मिलने से निजी वाहन से उसे चुरणी लाया गया था. लेकिन वहां से अचलपुर के बाद अमरावती रेफर करने कहा गया. यदि समय पर एंबुलन्स उपलब्ध होती तो कदाचित मेरी पत्नी और बच्चे की जान बच गई होती.
– अनिल साकोम,
मृत कविता का पति.
* आईसीयू में हुई महिला की मौत
संबंधित महिला को रविवार को तडके 3.15 बजे इर्विन में लाते ही आईसीयू में वेंटीलेटर पर रखा गया था. उपचार के दौरान उसकी तडके 5.30 बजे मृत्यु हो गई.
– डॉ. प्रीती मोरे, प्रभारी सीएस, अमरावती.