अमरावतीमहाराष्ट्र

निधि के अभाव में नालों की साफ सफाई अधर में

शहर के 18 बडे नाले मानसून के पूर्व स्वच्छ करने का आवाहन

* दो साल से 15 वें वित्त आयोग की निधि नहीं मिली
अमरावती/दि.19– एक तरफ शहर स्वच्छता के लिए मनपा के प्रयास जारी है. ऐसे में निधि के अभाव में शेष स्वच्छता न होती दिखाई दे रही है. मनपा की भारी मात्रा में निधि शहर स्वच्छता पर खर्च होती है. इस कारण मनपा की तिजोरी फिलहाल खाली होने से बडे नालों की सफाई नहीं हो पा रही है. पिछले डेढ से दो साल में 15 वें वित्त आयोग की तरफ से निधि नहीं आयी है. इस कारण मनपा के सामने 18 बडे नाले मानसून के पूर्व स्वच्छ करना चुनौती है.
यह नाले स्वच्छ नहीं हुए, तो नालों के किनारे रहने वाले नागरिकों के घर सहित नागरी बस्ती में नाले का पानी घुसने का खतरा है. वडाली से उगम हुआ अंबा नाला यह लालखडी के मलजल शुद्धिकरण केंद्र तक 12 किमी लंबा है. इसी तरह अन्य भी 17 बडे नाले है. उसकी सफाई का काम आसान नहीं है. क्योंकि उसमें भारी मात्रा में कचरा और प्लास्टिक पन्नी है. यह कचरा निजी ठेकेदार नियुक्त कर बाहर नहीं निकाला, तो मानसून में राजकमल चौक, अंबादेवी मंदिर परिसर, मध्यवर्ती बस स्टैंड, लालखडी परिसर, विभागीय क्रीडा संकुल, रेल्वे स्टेशन, खापर्डे बगीचा, कॉटन मार्केट, जयस्तंभ चौक, मालवीय चौक में बारिश का पानी जमा हो सकता है. वर्षभर में ग्रीष्मकाल में एक दफा ही यह बडे नाले साफ किये जाते है. पश्चात पूर्ण वर्ष उसमें कचरा, प्लास्टिक पन्नी, गंदे पानी का गाद बढता रहता है. यह गाद मानसून में नालों में वैसा ही रहा, तो नागरी बस्ती में पानी घुस सकता है, लेकिन मनपा के पास निधि का अभाव रहने से इस बार बडे नालों की सफाई कितनी होगी, यह मुख्य प्रश्न है. कचरा संकलन, स्वच्छता पर ही निधि खर्च होती रहने से नालों की सफाई के लिए शासन की तरफ से मिलने वाली निधि पर ही मनपा को अवलंबित रहना पड रहा है.

* शहर की स्वच्छता पर होता है 40 करोड रुपए खर्च
अमरावती शहर की आबादी, संपत्ति दिनोंदिन बढ रही है. इस कारण शहर स्वच्छता के लिए मनपा को प्रतिवर्ष 40 करोड रुपए खर्च करना पडता है. इसमें पांचों झोन के घर का कचरा संकलन, सडक सहित छोटे नालों की सफाई, फवारणी, धुवारणी और शहर में संकलित किया कचरा कंपोस्ट डिपो तक ले जाकर डालना आदि कामों का समावेश है.

* 18 बडे, 22 उपनालों की सफाई करना आवश्यक
मानसून के पूर्व शहर के 18 बडे और 22 उपनाले स्वच्छ करना आवश्यक है. क्योंकि इन नालों के तट पर बडी संख्या में नागरिकों की बस्ती है. यदि नालों की ग्रीष्मकाल में सफाई नहीं हुई, तो मानसून में मूसलाधार बारिश के कारण नाले उत्थान पर रहने पर बस्तियों में पानी घुसने का खतरा रहता है. उसे देखते हुए मनपा प्रशासन नाले की सफाई के लिए निधि की व्यवस्था करने के प्रयास में है.

Back to top button