अमरावती

पश्चिम विदर्भ में बारिश के अभाव में

मूंग, उड़द की बुआई कम होने की संभावना

अमरावती/दि.26-पश्चिम विदर्भ में देरी से बारिश होने के कारण खरीफ सत्र की प्रमुख फसलों में से मूंग एवं उड़द की बुआई की फसल इस बार कम होने की संभावना है. बारिश न होने से अब तक बुआई नहीं हुई है. किसान मूंग, उड़द की बुआई जून के आखिरी सप्ताह से लेकर जुलाई के पहले सप्ताह तक कर सकते हैं. बुआई के लिए देर होने पर किसानों को नुकसान भी सहन करना पड़ सकता है.
अमरावती विभाग में मूंग की औसत बुआई का क्षेत्र 69 हजार 569 हेक्टर है. गत खरीफ सत्र में सिर्फ 37 हजार 092 हेक्टर में मूंग की बुआई हुई थी. दूसरी ओर उड़द की औसत बुलाई 63 हजार 425 हेक्टर की तुलना में गत वर्ष सिर्फ 28 हजार 105 हेक्टर में उड़द की बुआई करनी पड़ी थी.
अंकुरित अनाज वर्गीय फसलों में मूंग, उड़द का समावेश है. आंतर फसल या मिश्र फसल के रुप में किसान इसे पसंद करते हैं. अमरावती विभाग में अकोला, बुलढाणा, अमरावती यह प्रमुख उत्पादक जिले है. बदलते हवामान, बारिश का असमतोल प्रमाण, देरी से आगमन, इन कारणों से मूंग की बुआई पर इसका असर होते दिखाई देता है. हमी भाव से कम दर, जून, जुलाई यह बुआई का समय रहते गत कुछ वर्षों से बारिश का देरी से आगमन और समय पर बारिश न होने से बुआई का समय खत्म हो जाता है. अतिवृष्टि या नैसर्गिक आपत्ति में कम उत्पादन होता है, इन कारणों से मूंग, उड़द की बुआई कम होते दिखाई दे रही है. जब तक 100 मिलीमीटर बारिश दर्ज होकर जमीन पूरी तरह से गिली नहीं होती, तब तक किसानों से बुआई न करने की सलाह कृषि तज्ञों ने दी है.
मूंग की अकोला जिले में औसत बुआई क्षेत्र साधारणतः 17 हजार 615 हेक्टर है. गत वर्ष 9 हजार हेक्टर तक बुआई की गई थी. बुलढाणा का 20 हजार हेक्टर क्षेत्र रहते 13 हजार हेक्टर पर जैसे-तैसे मूंग की बुआई हुई थी. वाशिम जिले में मूंग का औसत 8 हजार हेक्टर की तुलना में 2 हजार 700 हेक्टर पर मूंग की बुआई की गई थी. अनेक कोरडवाहू किसानों को प्रति एकड़ 2 क्विंटल से उतारा लगा. बुआई की गई मूंग जब किसानों द्वारा दिवाली दरमियान बाजार में विक्री के लिए लाई गई, उस समय हमीभाव से कम दाम मिला. कृषि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार मूंग की प्रति हेक्टर उत्पादकता 3.57 क्विंटल तक कम हुई है. यही स्थिति उड़द की होकर औसत उत्पादकता यह 4.79 क्विंटल आयी है.
* अंकुरित अनाज की कीमतों में होगी और वृद्धि
मूंग की बुआई में देरी होने से फसलों के बढ़ने की क्षमता कम होती है. इस कारण उत्पादन अच्छा नहीं होता. वहीं बुआई क्षेत्र कम हो जाने से मूंग की कीमत में काफी वृद्धि होने की संभावना है. फिलहाल बाजार में मूंग की कीमत करीबन 10 प्रतिशत से बढ़ने की जानकारी सूत्रों ने दी.

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