अमरावती

कम नींद की वजह से प्रतिकार शक्ति भी होती है कम

कम से कम 6 घंटों की नींद बेहद जरूरी

  • बीमारियों से मिल सकता है छुटकारा

अमरावती/दि.27 – अपर्याप्त नींद की वजह से तनाव और चिढचिढापन बढता है. जिसका विपरित परिणाम शरीर की रोग प्रतिकारक शक्ति पर होता है. इससे कई गंभीर बीमारियां भी हो सकती है. ऐसे में कम से कम 6 घंटे की नींद ली जानी ही चाहिए, ऐसा स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है. डॉक्टरों के मुताबिक नींद भी एक तरह से शरीर में रोग प्रतिकारक क्षमता बढाने का काम करती है और पर्याप्त नींद नहीं होने पर उसके गंभीर परिणाम हो सकते है.
उल्लेखनीय है कि, इन दिनों जीवन में दौड-भाग काफी अधिक बढ गई है और सोशल मीडिया का भी दखल काफी अधिक बढ गया है. ऐसे में लोगबाग देर रात तक अपने मोबाईल से चिपके रहते है. साथ ही इन दिनों लाईफ स्टाईल काफी हद तक गडबडा गई है. जिसमें लोगों का अपने खान-पान की ओर भी ध्यान नहीं होता. जिसका सीधा असर रोग प्रतिकारक क्षमता पर पड रहा है. वहीं जिनकी नींद अच्छी होती है, वे शारीरिक व मानसिक तौर पर सुदृढ होते है और जो लोग भोजन व व्यायाम के साथ-साथ नींद में भी समय का पालन करते है, उनकी रोग प्रतिकार शक्ति भी मजबूत होती है. वहीं यदि नींद के साथ लगातार समझौता और खिलवाड किया जाता है, तो धीरे-धीरे शरीर में कई बीमारियां घर करने लगती है. साथ ही साथ तनाव व चिडचिडापन भी बढता है. इसके अलावा इम्युन सिस्टीम कमजोर होता है. ऐसे में शरीर को बेहतरीन व स्वस्थ रखने हेतु बेहद जरूरी है कि, हर किसी ने आनंदीत रहना चाहिए और नींद को भी पूरा महत्व देना चाहिए.

अधुरी नींद के नुकसान

– अधुरी नींद की वजह से चिडचिडापन बढता है. निराशा आता है. रोगप्रतिकारक शक्ति बढती है. जिसके बाद विविध बीमारिया घर करती है.
– अधुरी नींद की वजह से एसिडीटी की तकलीफ होती है. भूख नहीं लगती है. हृदय विकार का झटका आ सकता है. हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत हो सकती है. रक्त में शर्करा का प्रमाण बढ सकता है.
– अधूरी नींद की वजह से रोग प्रतिकारक शक्ति कम होने के साथ-साथ पाचन प्रक्रिया भी प्रभावित होती है.

शरीर का कवच होती है रोग प्रतिकारक क्षमता

एनटी ऑक्सिडेंटस् व एंटी बैक्टैरियल घटक शरीर के लिए बेहद आवश्यक होते है. जिनसे हड्डियां मजबूत होती है. यह घटक पौष्टिक आहार के जरिये प्राप्त होते है. पौष्टिक आहार लेने के साथ ही व्यायाम करने पर बीमारियों से दूर रहने में सहायता मिलती है तथा रोग प्रतिकारक शक्ति एक तरह से बीमारियों को दूर रखने के लिए कवच के तौर पर काम करती है.

संतुलित आहार तथा व्यायाम भी आवश्यक

संतुलित आहार लेने से शरीर की रोग प्रतिकारक शक्ति मजबूत रहती है और तमाम तरह के रोग दूर रहते है. इस हेतु दुग्धजन्य पदार्थ, फल, साग-सब्जी, स्निग्ध पदार्थ तथा तृणधान्य व कडधान्य का सेवन करना चाहिए. साथ ही योग, ध्यान व प्राणायाम भी करना चाहिए. जिससे शरीर काफी सुदृढ रहता है.

नियमित व्यायाम तथा पोषक आहार के साथ-साथ कम से कम छह घंटे की नींद लेनी चाहिए. जिससे रोग प्रतिकारक क्षमता अच्छी रहती है और शरीर को सुदृढ रहने में सहायता मिलती है. अन्यथा नींद नहीं होने पर रोग प्रतिकारक क्षमता कम होती है.
– रसिका राजनेकर
आहार विशेषज्ञ, रिम्स् अस्पताल

आयुगुट नुसार नींद के घंटे

– 0-3 माह – 14-17 घंटे
– 4-11 माह – 12-15 घंटे
– 1-2 वर्ष – 11-12 घंटे
– 3-5 वर्ष – 10-13 घंटे
– 6-13 वर्ष – 9-1 घंटे
– 14-17 वर्ष – 8-11 घंटे
– 18-64 वर्ष – 7-9 घंटे
– 65 वर्ष से अधिक – 6-8 घंटे

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