अमरावतीविदर्भ

लेखाधिकारी न होने से कामगारों पर भूखमरी की नौबत

कोरोना संक्रमण से मनपा हुई अनियंत्रित

  • ठेकेदार काम छोडने की तैयारी में

अमरावती/दि.२५ – महापालिका में पूरे समय लेखाधिकारी न होने से अनेक विभाग के बिल व कामगारों का वेतन प्रलंबित है. कामगारों को तीन से चार महिने से वेतन नहीं मिला. जिसके कारण ठेकेदारों ने संताप व्यक्त किया है. कुछ ठेकेदारों ने काम छोडकर जाने की तैयारी की है. कोरोना संक्रमण के कारण पालिका के काम करने का तरीका भी गडबडा गया है.
मनपा के कुछ अधिकारी और कर्मचारी भी कोरोना संक्रमण के शिकार बन गये हैे. कुछ लोगों पर उपचार शुरू है. कुछ होम क्वारेंटाइन हो गये है. फिलहाल महापालिका में जितने अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित है. उसमें से कुछ लोग ही कार्य कर रहे है. शेष काम नहीं कर रहे है. आयुक्त स्वयं कोरोना संक्रमित होने से निजी दवाखाने में उपचार ले रहे हैे. जिसके कारण उपायुक्त पर संस्था संभालने की जिम्मेदारी आयी. किंतु उनकी भी तबियत खराब होने से वे कार्यालय में नहीं है. दूसरे उपायुक्त की भी नियुक्ति प्रलंबित हैे.
सहायक आयुक्त में से कितने ड्यूटी पर है फिलहाल यह जांच करने की आवश्यकता हैे. सहायक की ओर से दो सहायक आयुक्त को नियुक्ति नहीं दी गई है. उपस्थित रहनेवाले कोरोना से विरूध्द लड़ाई में व्यस्त होने का बताया जा रहा हैे. लेखाधिकारी प्रेमदास राठोड की ट्रांसफर होने के बाद इस विभाग के लिए लेखाधिकारी नहीं मिला. यदि नागपुर मनपा के हेमंत ठाकरे की नियुक्ति की गई तो उन्हें भी नागपुर से मुक्त नहीं किया जा सकता. जिसके कारण वे प्रभावी ही रहने का निर्णय लिया है. सप्ताह में वे गुरूवार और शुक्रवार को दो दिन ही आते हैे. यदि गुरूवार को छुट्टी रही तो वे एक ही दिन कामकाज देखते है. लेखा विभाग की ओर सभी विभाग के बिल अटके हैे. ठेकेदारों के बिल बकाया हैे. जिसके कारण ठेकेदार कामगारों को वेतन नहीं मिला. विगत तीन महिनों से कामगार को वेतन नहीं मिला है.
महापालिका में फिलहाल जिम्मेदार अधिकारी न होने से प्रशासन पर नियंत्रण हुआ है. किसी का भी नियंत्रण किसी पर नहीं है, ऐसी स्थिति हैे. उत्तर पूछने पर कोरोना संक्रमण का कारण बताया जाता है. आयुक्त न होने से निर्माण हुई इस अनियंत्रित स्थिति को संवारने के लिए उपायुक्त व लेखाधिकारी की पूरे समय उपस्थिति आवश्यक हो गई हैे.

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