अमरावती

ऑनलाईन ठगबाजी होते ही करे शिकायत, पैसे मिल सकते हैं वापिस

पहले तीन घंटे होते हैं ‘गोल्डन अवर’, फटाफट खोजे जाते हैं सूत्र

अमरावती/दि.21– इन दिनों नागरिकों को सजग व सतर्क करने हेतु किये जानेवाले तमाम प्रयासों के बावजूद ऑनलाईन जालसाजी व ठगबाजी के मामले लगातार बढ रहे है. जिसमें नागरिकोें के बैंक खातों से देखते ही देखते भारी-भरकम राशि उडा ली जाती है. किंतु ऑनलाईन जालसाजी होने की बात ध्यान में आते ही यदि पहले दो-तीन घंटों के दौरान शिकायत दर्ज करायी जाती है, तो बैंक खाते से उडाये गये पैसे वापिस भी मिल सकते है, क्योंकि शिकायत मिलते ही साईबर सेल के पुलिस अधिकारियों द्वारा फटाफट काम पर लगकर इससे संबंधित सूत्र खोजे जाते है और रकम विड्रॉल होने से पहले उसे बैंक प्रशासन से संपर्क कर पीडित खाताधारक के अकाउंट में वापिस जमा करवाया जाता है. ऐसा करने में अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय की साईबर सेल को अब तक कई बार सफलता मिली है.
बता दें कि, शहर पुलिस आयुक्तालय क्षेत्र में ऑनलाईन फ्रॉड सहित अन्य साईबर अपराधों के मामलों को देखते हुए शहर पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह ने साईबर अपराधों की सूक्ष्म व तकनीकी जांच की ओर व्यक्तिगत तौर ध्यान देना ुशुरू किया है. जिसके परिणाम स्वरूप इन दिनों शहर की पुलिस की साईबर सेल द्वारा लोगों को उनकी रकम वापिस दिलाने में सफलता प्राप्त हुई है. जिससे अमरावतीवासियों को भी काफी हद तक विश्वास हुआ है कि, यदि वे साईबर क्राईम का शिकार होते है, तो भी पुलिस उनकी सहायता कर सकती है.

दस घटनाओं में वापिस दिलाये गये पैसे
साईबर पुलिस स्टेशन की थानेदार सीमा दातालकर तथा सहायक निरीक्षक रविंद्र सहारे के नेतृत्व में अब तक 10 से अधिक मामलों में साईबर ठगबाजी का शिकार हुए लोगों को उनके पैसे वापिस दिलाये गये. वहीं नवंबर माह के दौरान ही चार मामलों में 1 लाख 74 हजार 903 रूपये वापिस दिलाये गये.

* बिना वजह कोई कुछ नहीं देता, ध्यान रखे
सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर विज्ञापन देखकर नौकरी अथवा कर्ज प्राप्त करने हेतु ऑनलाईन एप्लीकेशन नहीं करना चाहिए. साथ ही नौकरी या लोन के संदर्भ में अनजान मोबाईल नंबर से कॉल आने पर उसे प्रतिसाद नहीं देना चाहिए. इसके अलावा रजिस्ट्रेशन व टीडीएस जैसे किसी भी कारण के चलते ऑनलाईन रकम ट्रान्सफर करने से पहले संबंधित कंपनी की वेबसाईट पर अथवा स्थानीय कार्यालय में जाकर आवश्यक जांच-पडताल कर लेनी चाहिए, ताकि किसी भी तरह की जालसाजी से बचा जा सके. हमेशा यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि, बिना मतलब कोई भी आपको नौकरी या कर्ज उपलब्ध नहीं कराता.

* तीन घंटे के भीतर शिकायत करना फायदेमंद
– महावीर नगर निवासी आदिल कछवाह ने इंस्टाग्राम पर विज्ञापन देखकर नौकरी के लिए ऑनलाईन आवेदन किया था. पश्चात उसे एक एअरलाईन्स में नौकरी लगने की बात कहते हुए ऑनलाईन तरीके से 23 हजार रूपये ट्रान्सफर करने हेतु कहा गया. किंतु रकम ट्रान्सफर करने के बाद अपने साथ हुई जालसाजी ध्यान में आते ही आदिल कछवाह ने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज करायी और पुलिस ने मामले की फटाफट जांच करते हुए आदिल को उसकी रकम वापिस दिलवाई.
– भातकुली रोड परिसर में रहनेवाले व्यक्ति ने एक ई-कॉमर्स वेबसाईट से कुछ सामान का ऑर्डर बुक किया. जिसके लिए काफी छोटी रकम का भुगतान करना था. किंतु हकीकत में उनके बैंक खाते से 86 हजार 302 रूपयों की कटौती हुई. पुलिस ने महज 12 घंटे के भीतर इस व्यक्ति को उसकी रकम वापिस दिलाने में सफलता प्राप्त की.
– नांदगांव पेठ पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत एक व्यक्ति ने फेसबुक पर विज्ञापन देखते हुए कर्ज के लिए ऑनलाईन आवेदन भरा और आरोपी ने कर्ज मंजूर होने की बात कहते हुए उसे 25 हजार 500 रूपये से ठग लिया. पश्चात साईबर पुलिस ने तकनीकी जांच करते हुए यह रकम उसे वापिस दिलाई.

* साईबर टीम पूरी तरह अलर्ट
शहर पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह के नेतृत्व में साईबर सेल की थानेदार सीमा दातालकर, एपीआई रविंद्र सहारे, पीएसआई कपिल मिश्रा, हवालदार चैतन्य रोकडे, ताहेर अली व शैलेंद्र अर्डक पूरी तरह से अलर्ट रहकर काम कर रहे है और साईबर अपराधों की गुत्थी सुलझाने हेतु साईबर सेल को लगातार अपडेट कर रहे है.

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