अमरावती/दि.9 – जिले में अब कोरोना की दूसरी लहर भी कम होती दिखाई दे रही है. जिसकी वजह से बडी राहत नागरिकों को मिली है, ऐसा चित्र दिखाई दे रहा है. किंतु कोरोना महामारी के दौरान जिन स्वास्थ्य कर्मियों को ठेकेदारी तौर पर काम पर रखा गया था, उन स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को अपनी नौकरी को लेकर चिंता हो रही है. पिछले साल मरीजों की संख्या कम होने पर ठेकेदारी पर लगाए गए स्वास्थ्य कर्मचारियों को कम कर दिया गया था. इस साल भी मरीजों की संख्या कम होने पर इन ठेकेदारी कर्मचारियों को अपनी नौकरी की चिंता सताने लगी है.
ठेकेदारी तौर पर नियुक्त किये गए स्वास्थ्य कर्मियों को पिछले साल अचानक कम कर दिया गया था. इन कर्मचारियों व्दारा नौकरी पाने के लिए आंदोलन भी किया गया था. इस साल फरवरी महिने से कोरोना की दूसरी लहर आने की वजह से मरीजों की संख्या बढी. जिसकी वजह से ठेकेदारी तौर पर अधिकारी व कर्मचारियों की पुन: नियुक्ति की गई. फिलहाल कुछ कर्मचारी शासकीय अस्पतालों के विविध विभागों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं तो कुछ स्वास्थ्य कर्मचारियों की कोविड सेंटर में नियुक्ति की गई है. किंतु अब मरीज कम होने की वजह से कुछ कोविड सेंटर बंद होने की संभावना है, ऐसे में इन कर्मचारियों को अब नौकरी की चिंता सता रही है. इन कर्मियों व्दारा इन्हें अपने पदों पर कायम रखने की मांंग की जा रही है.
इस प्रकार है आंकडेवारी
जिले में 28 कोविड सेंटर बनाए गए थे. इन सेंटरों पर 1100 कंत्राटी कर्मचारी मरीजों की सेवा के लिए लगाए गए थे. 19 सेंटर पर मरीज भर्ती किये गए थे और 9 सेंटर पर एक भी मरीज नहीं थे.
9 सेंटर पर एक भी बाधित मरीज नहीं
– कोरोना बाधितों की बढती संख्या की वजह से लगभग 28 कोविड केअर सेंटर शुरु किये गए थे.
– जिले के 28 कोविड सेंटर में से 19 कोविड सेंटर में मरीजों को उपचार के लिए भर्ती किया गया.
– जिले के लगभग 9 कोविड केअर सेंटर में एक भी कोरोना बाधित मरीज नहीं होने की वजह से सेंटर शुरु रहेंगे या फिर बंद कर दिये जाएंगे, यह प्रश्न उपस्थित हो रहा है.
रिक्त पदों पर नियुक्ति की जाए
कोरोना संक्रमण काल में नियमित कर्मचारियों के साथ ठेकेदारी तौर पर नियुक्त कर्मचारियों ने भी मरीजों की सेवा की थी. जिसमें अब मरीजों की संख्या कम होने पर जिला प्रशासन व्दारा ठेकेदारी तौर पर नियुक्त किये गए कर्मचारियों को कम न करे बल्कि स्वास्थ्य विभागों में रिक्त पदों पर उनकी नियुक्ति की जाए.
– नेहा भजगवरे
कंत्राटी कर्मचारी को कम न करे
पिछले साल कंत्राटी कर्मचारियों को कम कर दिया गया था. जिसकी वजह से कर्मचारियों को आंदोलन करना पडा था. कोरोना बाधितों की संख्या बढने पर पुन: इन कर्मचारियों को सेवा में लिया गया था. अभी कोरोना का प्रादुर्भाव पूर्ण रुप से खत्म नहीं हुआ है, ऐसे में इन कर्मचारियों को कम न करे.
– वर्षा मेश्राम
शासन कर्मचारियों के हितों का विचार करे
केंद्र सरकार व्दारा कोविड सेंटर में जिन कर्मचारियों को कार्य करते हुए 100 दिन हो चुके है, ऐसे कर्मचारियों को सेवा में समाविष्ट किये जाने का आश्वासन दिया गया था. फिलहाल इस आपदा की घडी में ठेकेदारी तौर पर कार्यरत कर्मचारी अपनी जान को हथेली पर रखकर काम कर रहे है. जिसमें शासन ने भी इन कर्मचारियों के भविष्य के लिए अच्छी सोच रखनी चाहिए.
– आकाश पाटील