अमरावती

बकाया बिलों के चलते कई शालाओं की बिजली कटी

लाखों रूपयों के कंप्यूटर व स्मार्ट टिवी पडे है बेकार

अमरावती/दि.20- गांव स्तर तक शालाओं को स्मार्ट बनाने हेतु सरकार द्वारा सभी जिप शालाओं में कंप्यूटर व स्मार्ट टिवी जैसे उपकरण उपलब्ध कराये गये है, ताकि ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी भी आधुनिक तौर-तरीकों के साथ अपनी पढाई-लिखाई कर सके. किंतु महावितरण द्वारा विद्युत बिल बकाया रहने के चलते कई जिप शालाओं की विद्युत आपूर्ति खंडित कर दी गई है. ऐसे में लाखों रूपये का खर्च करते हुए उपलब्ध कराये गये कंप्यूटर व स्मार्ट टिवी जैसे उपकरण बेकार पडे हुए है. जिनका बिजली के अभाव में कोई उपयोग नहीं किया जा सकता. हालांकि कुछ शालाओं ने खुद अपनी जेब से तथा कुछ शालाओं ने ऑनलाईन कक्षाओं से हुई आय के जरिये बिजली का बिल फिलहाल अदा कर दिया है. किंतु विद्युत बिलों को लेकर मुल समस्या अब भी जस की तस बनी हुई है, क्योंकि बकाया विद्युत बिलों की वजह से अब भी जिले की कई शालाओें की विद्युत आपूर्ति खंडित है.
जानकारी के मुताबिक जिले में जिप शालाओं पर महावितरण के कुल 87 लाख 62 हजार रूपये के विद्युत बिल बकाया है. इन शालाओं के विद्युत बिलों को ग्रामपंचायतों के 15 वे वित्त आयोग की निधी से भरने के निर्देश जारी किये गये थे. किंतु ग्राम पंचायतों के पास भी पैसा नहीं रहने के चलते जिले की 1,267 शालाओं के विद्युत बिल अब भी बकाया है. जिसमें से 374 शालाओं की विद्युत आपूर्ति को खंडित कर दिया गया है.

* 1,267 शालाओं की ओर 87 लाख से अधिक रकम बकाया
अमरावती जिले में जिला परिषद की कुल 1,583 शालाओं में से 1,267 शालाओं की ओर 87 लाख रूपये से अधिक का विद्युत बिल बकाया है. इसमें से 374 शालाओं की ओर काफी बडे पैमाने पर बकाया रहने के चलते इन शालाओं की विद्युत आपूर्ति को खंडित कर दिया गया है.

* सादिल रकम में 50 फीसद कटौती
शालाओं में विविध खर्च हेतु सादिल रकम तय की जाती है. पहले यह रकम 5 हजार रूपये हुआ करती थी. पश्चात कोविड काल के दौरान इस रकम में 50 फीसद कटौती की गई. सादिल रकम के तौर पर मिलनेवाली निधी से शाला स्तर पर विविध खर्चों को पूर्ण करना होता है. जिसमें विद्युत बिल पर होनेवाला खर्च भी जुड गया है. ऐसे में सादिल रकम खर्च के लिए पर्याप्त साबित नहीं हो रही. जिसकी वजह से विद्युत बिल का बकाया लगातार बढता जा रहा है.

जिला परिषद की कुछ शालाओं द्वारा बकाया विद्युत बिल अदा कर दिये गये है. वहीं कई शालाओं के विद्युत बिलों का भुगतान अब भी बाकी है. इन बकाया विद्युत बिलों के संदर्भ में वरिष्ठ स्तर पर सुचित कर दिया गया है और इनके भुगतान के बारे में आवश्यक प्रयास जारी है.
– एजाज खान
प्राथमिक शिक्षाधिकारी, जिप, अमरावती.

बकायेदार विद्युत ग्राहकों से विद्युत बिलों की वसूली की जा रही है और जिन ग्राहकों की ओर तय सीमा से अधिक यह विद्युत बिल बकाया है, उनकी विद्युत आपूर्ति खंडित की जा रही है. जिसके तहत जिप की कई शालाओं के भी कनेक्शन काटे गये थे और जिन शालाओं द्वारा विद्युत बिलों का भुगतान किया गया, उनकी विद्युत आपूर्ति दुबारा सुचारू की गई.
– दिलीप खानंदे
कार्यकारी अभियंता, महावितरण

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