अमरावती

विविध कारणों से गरीबों के 29 हजार घरकुल रद्द होने की कगार पर

कार्रवाई के लिए 31 मार्च तक अल्टीमेटम

अमरावती/दि.23- हर नागरिकों का सपना रहता है कि उनका खुद का आशियाना हो. लेकिन जिले में विविध कारणों से गरीबों का यह सपना चूर होनेवाला है. जिले के करिबन 29 हजार 610 घरकुल रद्द होने की कगार पर है. रेती की किल्लत, लाभार्थियों को अभी तक जगह न मिलना आदि अनेक कारण इसके पीछे के है. इस कारण गरीबों के घरकुल के सपने पूरे न होने की प्रक्रिया शुरु हो गई है.
अमरावती जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कुल 95 हजार 694 घरकुल का टार्गेट दिया गया था. इसमें से 95 हजार 443 घरकुलों को मंजूरी प्रदान की गई. लाभार्थियों व्दारा घरकुल का काम शुरु किए जाने के बाद चार चरणों में उन्हें निधि दी जाती है. लेकिन पिछले कुछ समय से रेती की किल्लत रहने से घरकुल के काम रोकने पडे है. इसके अलावा अनेक लाभार्थियों को घरकुल मंजूर हुए रहे तो भी जगह उपलब्ध नहीं हुई है. ग्रामपंचायत स्तर पर काफी धीमी गति से इस पर कार्रवाई की जा रही है. 31 मार्च के पूर्व घरकुल के लिए जगह न मिलने पर बची हुई किश्तें भी न मिलने का भय प्रकल्प संचालक की तरफ से व्यक्त किया गया. विशेष यानी अनेक लाभार्थियों को इसकी कल्पना न रहने से उनके घरकुल रद्द होने की संभावना व्यक्त की जा रही है.
तहसील निहाय अधूरे घरकुल की संख्या
अमरावती जिले में तहसील निहाय जो अधूरे घरकुल है उनमें अचलपुर तहसील के 2781, अमरावती 3221, अंजनगांव सुर्जी 1413, भातकुली 1942, चांदूर रेलवे 1253, चांदुर बाजार 2737, चिखलदरा 1897, दर्यापुर 2821, धामणगांव रेेलवे 1835, धारणी 2234, मोर्शी 2023, नांदगांव खंडेश्वर 1503, तिवसा 1145 और वरुड तहसील के 1145 ऐसे कुल 29610 घरकुल रद्द होने की कगाार पर है.
जनप्रतिनिधियों की अनदेखी
जिले के करीबन 29 हजार से अधिक घरकुल रद्द होने की संभवना रहते हुए भी गरीबों के इस मुद्दे पर जनप्रतिनिधि चुप्पी साधे बैठे हुए है. तहसील व ग्रामपंचायत स्तर पर लाभार्थियों को घर मिलने के लिए आनेवाली दुविधा को दूर करने के लिए अब तक तहसील स्तर पर कोई बैठक नहीं हुई है. इसी कारण जनप्रतिनिधियों की उदासिनता दिखाई देती है.
तहसील स्तर पर दी गई सूचना
ग्रामीण इलाकों में ग्रामसेवकों व्दारा भूमिहिनो को तत्काल जगह उपलब्ध कर देने की प्रक्रिया चलाई जानी चाहिए. वैसी सूचना तहसील स्तर की यंत्रणा को दी गई है. 31 मार्च के पूर्व संपूर्ण निधि खर्च होना आवश्यक है.
– अविश्यांत पंडा,
सीईओ जिप

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