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दशहरा पर्व पर होगा दौड का समापन
अमरावती/दि.23 – शारदीय नवरात्रोत्सव के दौरान शहर में शिवप्रतिष्ठान हिंदुस्थान व्दारा प्रति वर्ष आयोजित की जाने वाली दुर्गामाता मांता दोैड प्रतियोगिता का इस वर्ष भी आयोजन किया गया है. नवरात्रि के दौरान सुबह सबेरे शहर के मुख्य चौराहों से बडी संख्या में लोग दुर्गामाता दौड में शामिल होते है, साथ ही युवा पीढि के लिए उज्वल भविष्य की कामना करते हेै. यह दौड का समापन दशहरे के दिन होगा.
पिछले 10 वर्षों से दुर्गामाता दौड का आयोजन किया जा रहा है. शुरुआत दौर में बहुत ज्यादा प्रतिसाद नहीं मिला था, मगर अब बडी संख्या में लोग इस दौड में भाग लेते है. दशहरे के दिन दौड का समापन किया जाता है. दौड नवरात्रि समारोह का एक हिस्सा है. इसमें बच्चे, बुजुर्ग, युवाओं के साथ सभी लोग भाग लेते है. उन्हें नशा और समाज की अन्य बुराईयों से मुक्त जीवन जीने के लिए प्रेरित किया जाता है. इस दौड का मुख्य उद्देश्य देशभक्ति, भाईचारे की भावना निर्माण करना, युवाओं को आर्थिक तथा सांस्कृतिक रुप से एक मजबूत राष्ट्र निर्माण करने के लिए प्रेरित करना है. शिवाजी और उनकी मां जिजाबाई की रंगीन वेशभुषा में सजे बच्चे और सैनिक रथ पर सवार होकर दौड का नेतृत्व करते है. इस दौड के दौरान जयकारा ढोल की थाप और दुर्गादेवी की प्रार्थना सुनाई देती है. यह सुबह के समय विभिन्न सडकों और गलियों से चलता है. युवा मंडलों व्दारा हर गली में दौड का स्वागत किया जाता है. दौड के रास्ते में सुंदर रंगोलिया बनी हुई देखी जा सकती है. नवरात्रि के पहले दिन से दशहरा महोत्सव तक रोजाना अलग-अलग पूर्व निर्धारित मार्गों का दौड के लिए नियोजन किया जाता है.