अमरावती

एक वर्ष दौरान सडक हादसों में गई 294 जाने

195 लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए

* योग्य स्थान पर पुल व गतिरोधक नहीं रहने से हो रहे हादसे
* सर्वाधिक 45 हादसे हुए अमरावती-वरूड मार्ग पर
अमरावती/दि.21- विगत एक वर्ष के दौरान जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में घटित हुए सडक हादसों के चलते करीब 294 लोगों की मौत हुई है. वहीं इन हादसों में 195 लोग बुरी तरह से घायल हुए. ज्ञात रहे कि, वर्ष 2021 के दौरान जिले में कुल 528 सडक हादसे घटित हुए है. जिसमें सर्वाधिक 45 हादसे अमरावती-वरूड मार्ग पर हुए है. वहीं दर्यापुर से अंजनगांव होते हुए परतवाडा की ओर आनेवाले रास्ते पर भी बडी संख्या में सडक हादसे घटित हुए. इन दिनों जिले के ग्रामीण इलाकों में रास्ते बेहद शानदार बन गये है. किंतु इन रास्तों पर आवश्यक स्थानों पर गतिरोधकों का अभाव है. जिसके चलते अ‍ॅप्रोच मार्ग के निकट गति नियंत्रित करने की कोई व्यवस्था नहीं है. जिसकी वजह से सडक हादसे बडी संख्या में घटित हो रहे है, ऐसा जिला यातायात पुलिस महकमे का कहना है.
इस संदर्भ में जिला यातायात पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक जनवरी से दिसंबर 2021 के दौरान जिले में कुल 528 हादसे घटित हुए. जिसमें से 273 हादसों में 294 लोगों की मौत हो गई. जिनमें 35 महिलाओं व 269 पुरूषों का समावेश रहा. वहीं 101 सडक हादसों में 161 पुरूषों व 34 महिलाओं सहित कुल 195 लोग गंभीर रूप से घायल हुए. इसके अलावा 132 हादसों में 196 लोगों को हलकी-फुलकी चोटें आयी.

* ये हैं सडक हादसों की मुख्य वजहें
इन दिनों सडक हादसों के लिए ओवर स्पीड यानी वाहनों की अत्याधिक रफ्तार को सबसे मुख्य वजह कहा जा सकता है. इसके साथ ही कई प्रमुख मार्गों पर उडानपुल नहीं है. विशेष तौर पर अमरावती से वरूड की ओर जानेवाले सिमेंट रोड पर किसी भी गांव के पास उडानपुल नहीं है. ऐसे में गांव से आनेवाले वाहन सीधे मुख्य मार्ग पर आते है. जहां पर अमरावती से वरूड के बीच गुजरनेवाले तेज रफ्तार वाहनों की आवाजाही रहती है. इसी तरह जिले में हेलमेट का प्रयोग करनेवाले दुपहिया चालकों का प्रमाण बेहद कम है. जिसके चलते हादसे में सिर पर मार लगकर मरनेवालों की संख्या और प्रमाण काफी अधिक है. इसी तरह कई स्थानों पर गतिरोधक नहीं है और कई मामलों में वाहन चलाते समय वाहन चालकों द्वारा मोबाईल का प्रयोग किये जाने की वजह से भी हादसे घटित हुए है.

* सालभर में किस मार्ग पर कितने हादसे
अमरावती से नांदगांव खंडेश्वर – 06
अमरावती से व्हाया चांदूर, धामणगांव रेल्वे – 07
राष्ट्रीय महामार्ग लोणी से तिवसा – 13
जिले से होकर गुजरनेवाला औरंगाबाद-नागपुर हाईवे – 14
वलगांव से व्हाया दर्यापुर-येवदा – 16
मोर्शी से परतवाडा व्हाया चांदूर बाजार – 39
दर्यापुर से परतवाडा व्हाया अंजनगांव सुर्जी-पथ्रोट – 42
अमरावती से वरूड व्हाया मोर्शी – 45
(सूचना स्त्रोत जिला यातायात शाखा)

जिला याताया शाखा ने विगत एक वर्ष के दौरान जिलेभर में किस मार्ग पर कितने हादसे घटित हुए है, यह दर्शाने हेतु एक नक्शा तैयार किया है. जिसमें अपघात प्रवण स्थलों को लाल रंग के जरिये दर्शाया गया है. जिसके तहत जिले में ऐसा कोई मार्ग नहीं है, जहां पर हादसे घटित न हुए हो. अत: सभी रास्तों पर होनेवाले हादसों को नियंत्रित करने हेतु प्रभावी उपाय करना बेहद जरूरी है.

* हादसोें को रोकने कर रहे प्रयास
जिले में घटित होनेवाले हादसों की वजहों को खोजने के साथ ही किस मार्ग पर कितने हादसे घटित हुए है और भविष्य में हादसों को कैसे रोका जा सकता है, इसे लेकर जिला यातायात शाखा के पुलिस निरीक्षक गोपाल उंबरकर द्वारा अपनी टीम के साथ विगत कुछ दिनों से सघन अध्ययन करने का काम किया जा रहा है. जिसके तहत उन्होंने पूरा डेटा एकत्रित करते हुए हादसे होनेवाले स्थानों को वेरिफाय किया है और इसका एक नक्शा भी तैयार किया है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, वाहनों की गति को नियंत्रित रखने, यातायात नियमों का पालन करने और सडकों पर वाहन चलाते समय या दूसरे वाहन को ओवरटेक करते समय सतर्कता बरतने जैसी बातों पर यदि ध्यान दिया जाता है, तो निश्चित रूप से सडक हादसों का प्रमाण काफी हद तक कम हो सकता है.

* नागपुर हाईवे पर हादसों का प्रमाण बेहद कम
जिले की अन्य सडकों की तुलना में अमरावती-नागपुर राष्ट्रीय महामार्ग पर वाहनोें की आवाजाही का प्रमाण काफी अधिक है, लेकिन इस महामार्ग पर घटित होनेवाले हादसों की संख्या बेहद कम है. उल्लेखनीय है कि, यह महामार्ग फोरलेन है और आवाजाही के लिए दोनों ओर बने रास्तों के बीच काफी चौडा रोड डिवाईडर भी है. इसके अलावा इस रास्ते पर पडनेवाले अधिकांश गांवों में उडानपुल व सर्विस लेन बनाये गये है. जिससे गांव से निकलनेवाले छोटे चारपहिया वाहन व दुपहिया वाहन सीधे हाईवे पर नहीं आ सकते और हाईवे से गुजरनेवाले वाहनों की गांव से निकलनेवाले वाहनों के साथ क्रॉसिंग भी नहीं हो पाती. जिससे यहां पर होनेवाले हादसों का प्रमाण बेहद कम है.

प्रत्येक वाहन चालक ने नियंत्रित रफ्तार में वाहन चलाना चाहिए. साथ ही वाहन चलाते समय शराब सहित अन्य किसी भी नशिले या मादक पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए. कई स्थानों पर पहले से गतिरोधक तैयार किये गये है, वहीं मांग और जरूरत को देखते हुए प्रमुख मार्गों पर गतिरोधक बनाने का काम भी इस समय जारी है. इसके साथ ही दुपहिया चालकों ने कम से कम अपनी खुद की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हेलमेट का प्रयोग अनिवार्य तौर पर करना चाहिए.
– राजाभाउ गित्ते
प्रादेशिक परिवहन अधिकारी, अमरावती.

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